बृजभूषण की याचिका पर 26 अप्रैल को आएगा फैसला, कैसरगंज से टिकट ना मिलने पर बोले- होइए वही जो राम रचि राखा
Brijbhushan Sharan Singh: WFI के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई के लिए दिल्ली के रूज एवेन्यू कोर्ट पहुंचे। बृज शरण सिंह ने यौन उत्पीड़न मामले में आगे की जांच की मांग करते हुए अर्जी दाखिल की है। कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह की अर्जी पर फैसला 26 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। डब्लूएफआई के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि जिस समय आरोप लगाया गया। उस समय दिल्ली में नहीं थे। वहीं, उन्होंने पार्टी के द्वारा टिकट ना दिए जाने के सवाल पर भी जवाब दिया।
उनसे जब इस बारे में सवाल किया गया कि बीजेपी का टिकट क्या उन्हें मिलेगा? इसमें देरी क्यों हो रही है? इस पर बृजभूषण सिंह ने रामचरितमानस की एक चौपाई को दोहरा दिया। उन्होंने कहा कि होइए वह जो राम रचि राखा। दो दिन पहले ही बीजेपी ने देवरिया ने अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया था। लेकिन कैसरगंज सीट को लेकर अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं।
क्यों सुर्खियों में आई कैसरगंज सीट
गौरतलब है कि विश्व चैंपियनशिप पदक विजेता विनेश फोगाट देश और कुछ अन्य पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। अभी यह मामला कोर्ट में चल रहा है। इसी वजह से बीजेपी फिलहाल इस सीट से किसी भी प्रत्याशी के नाम का ऐलान करने में जल्दबाजी नहीं दिखा रही है। हालांकि, कुछ ऐसी भी चर्चाएं हैं कि बृजभूषण की पत्नी को बीजेपी टिकट दे सकती है।
2019 के इलेक्शन में किसने मारी कैसरगंज से बाजी
2019 के लोकसभा इलेक्शन की बात करें तो यहां पर मुकाबला एकतरफा हुआ था। चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बृजभूषण शरण सिंह मैदान में उतरे थे। वहीं, बहुजन समाज पार्टी ने चंद्रदेव राम यादव को टिकट दिया था। इलेक्शन में बसपा और समाजवादी पार्टी का गठबंधन था। बृजभूषण सिंह को 581,358 वोट मिले तो चंद्रदेव राम यादव के खाते में 319,757 वोट आए थे। कांग्रेस की स्थिति काफी नाजुक रही और पार्टी के विनय कुमार पांडे को महज 37,132 वोट मिले थे। चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह ने 261,601 के वोटों के अंतर से अपने प्रतिद्वंदी से जीत हासिल की थी।