राहुल-अखिलेश के आरोप पर चुनाव आयोग- EVM का फोन से कोई लेना देना नहीं, गलत खबर फैलाई जा रही
ईवीएम को लेकर एक बार फिर देश की राजनीति में बवाल शुरू हो गया है। मुंबई की एक घटना सामने आने के बाद से ही राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव ने गंभीर सवाल उठा दिए हैं। अब चुनाव आयोग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी सवालों के जवाब दे दिए हैं। चुनाव आयोग ने दो टूक कहा है कि ईवीएम का फोन से कोई लेना देन नहीं है। यहां तक कहा गया है कि ईवीएम को लेकर गलत प्रचार किया जा रहा है, फर्जी खबर फैलाई जा रही है।
वैसे तो ईवीएम को लेकर विवाद कोई पहली बार नहीं हो रहा है, लेकिन इस बार एक ऐसा मामला सामने आ गया है जिसने सभी को हैरत में डाल दिया है। असल में शिंदे गुट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर के रिश्तेदार पर ऐसा आरोप लगा कि उसने चुनाव के वक्त ईवीएम को अपने फोन के जरिए अनलॉक कर लिया। यहां तक कहा गया कि गोरेगांव चुनवा सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल हुआ। इन्हीं आरोपों की वजह से रवींद्र के रिश्तेदार के खिलाफ FIR दर्ज हुई। अब उस विवाद को लेकर विपक्ष ईवीएम की विश्वनीयता पर ही सवाल उठा रहा है। इसके ऊपर क्योंकि एक्स के हेड एलन मस्क ने भी ईवीएम को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है, इस वजह से भी भारत में इसे लेकर राजनीति तेज हो गई है।
उस विवाद पर ही सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत में ईवीएम एक “ब्लैक बॉक्स”है, और किसी को भी उसकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही का अभाव होता है तो लोकतंत्र दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की आशंका बढ़ जाती है।
उसी कड़ी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि टेक्नॉलजी’ समस्याओं को दूर करने के लिए होती है, अगर वही मुश्किलों की वजह बन जाए, तो उसका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। आज जब विश्व के कई चुनावों में EVM को लेकर गड़बड़ी की आशंका ज़ाहिर की जा रही है और दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स EVM में हेराफेरी के ख़तरे की ओर खुलेआम लिख रहे हैं, तो फिर EVM के इस्तेमाल की ज़िद के पीछे की वजह क्या है, ये बात भाजपाई साफ़ करें। आगामी सभी चुनाव बैलेट पेपर (मतपत्र) से कराने की अपनी माँग को हम फिर दोहराते हैं।