चार्जशीट में नाम तक नहीं फिर कैसे आरोपी बन गए केजरीवाल? CBI के सामने बड़ी चुनौती
Arvind Kejriwal CBI Arrest: दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई ने अरेस्ट कर लिया है और राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है। सीएम से पूछताछ करने के लिए सीबीआई की स्पेशल टीम का गठन किया है। जांच एजेंसी ने केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक कहा है। हालांकि, सीएम अरविंद केजरीवाल का अभी तक चार्जशीट में नाम नहीं है।
सीबीआई ने बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि आंध्र प्रदेश के ओंगोल से मौजूदा सांसद मगुंटा रेड्डी ने 16 मार्च, 2021 को अरविंद केजरीवाल से उनके ऑफिस पर मीटिंग की थी। मुख्यमंत्री ने शराब के कारोबार में मगुंटा को आश्वासन दिया और फंडिग देने के लिए कहा। मगुंटा उस समय वाईएसआरसीपी के सांसद थे।
सीबीआई ने कोर्ट में किया दावा
सीबीआई ने दावा किया कि केजरीवाल ने ही रेड्डी को भरोसा दिया और उन्हें इस मामले में बीआरएस की नेता के कविता से संपर्क करने के लिए भी बोला। उन्होंने ऐसा इसलिए कहा था क्योंकि बीआरएस नेता केजरीवाल की टीम के साथ में ही जुड़ी हुई थी। इतना ही नहीं एजेंसी ने कोर्ट में दावा करते हुए यह भी बताया कि केजरीवाल ने रेड्डी से आम आदमी पार्टी को पैसों की मदद करने के लिए भी कहा था। इन सबकी पुष्टि रिकॉर्ड पर मौजूद सभी कागजों से होती है।
सीबीआई के मुताबिक, कविता ने 20 मार्च 2021 को हैदराबाद में अपने आवास पर एक मीटिंग बुलाई थी। इसमें रेड्डी से कहा कि मार्च 2021 तक आप के लिए कुल 100 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि का इंतजाम किया जाना चाहिए। सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया कि इंडोस्पिरिट्स नाम की कंपनी ने एल 1 लाइसेंस के नियमों का पालन नहीं किया। बता दें कि इस कंपनी में के कविता और रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा की भागीदारी भी थी। इनको दिल्ली में 9 जोन मिले थे।
चार्जशीट में केजरीवाल को नहीं बनाया गया आरोपी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीआई ने पहली बार कथित शराब घोटाले में साल 2023 में पूछताछ की थी। एजेंसी अब तक मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के कविता समेत 17 आरोपियों के खिलाफ 4 चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। हालांकि, इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि एजेंसी ने केजरीवाल का चार्जशीट में नाम नहीं लिया है। एजेंसी ने पिछली चार्जशीट में कहा था कि आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये मिले थे और इसमें से 44.45 करोड़ रुपये गोवा में भेजे गए। इतना ही नहीं इतने सारे पैसों का इस्तेमाल चुनाव अभियान में खर्च कर दिया गया।