अरुंधति रॉय के खिलाफ चलेगा UAPA के तहत मुकदमा, Delhi LG ने दी मंजूरी, कश्मीर को लेकर की थी टिप्पणी
दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने शुक्रवार को लेखिका अरुंधति रॉय और कश्मीर के पूर्व प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम (UAPA) के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 2010 में एक कार्यक्रम के दौरान दोनों के खिलाफ कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है।
उपराज्यपाल ने दी मुकदमा चलाने की मंजूरी
वीके सक्सेना ने गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम की धारा 45(1) के तहत अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है। राजभवन के एक अधिकारी ने कहा कि सम्मेलन में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई थी, वह कश्मीर को भारत से अलग करने का प्रचार करते हैं।
सुशील पंडित ने दर्ज कराई थी FIR
इस मामले की शिकायत सुशील पंडित ने की थी, जो कश्मीर के एक एक्टिविस्ट हैं। उन्होंने सीआरपीसी की धारा 156 (1) के तहत नई दिल्ली के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। 27 नवंबर 2010 को शिकायत का निपटारा किया गया था और एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया गया था।
शिकायत में आरोप लगाया गया था की हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी और अरुंधति रॉय ने जोरदार तरीके से प्रचार किया कि कश्मीर कभी भी भारत का हिस्सा नहीं था और इसे भारत के सुरक्षाबलों द्वारा जबरन कब्जा किया गया है। शिकायत में यह भी कहा गया कि दोनों ने जम्मू कश्मीर को आजाद करने की बात कही और उसकी रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराई गई थी।
पिछले साल अक्टूबर में भी एलजी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) सहित विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध करने के लिए सीआरपीसी की धारा 196 के तहत रॉय के खिलाफ मुकदमा चलाने की भी मंजूरी दे दी थी। जब ये कार्यक्रम हुआ तब वहां उपस्थित लोगों में अरुंधति रॉय, सैयद अली शाह गिलानी (तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष), एसएआर गिलानी और माओवादी समर्थक वरवरा राव शामिल थे, जो भीमा-कोरेगांव मामले में आरोपी हैं।