अरविंद केजरीवाल को CBI ने किया गिरफ्तार, दिल्ली शराब घोटाले से जुड़ा है मामला
Delhi Liquor Scam: दिल्ली के कथित शराब घोटाले के मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज बड़ा झटका लगा है। उन्हें लेकर सीबीआई आज दिल्ली के राउज ऐवेन्यू कोर्ट पहुंची थी। सीबीआई ने आज राउज ऐवेन्यू कोर्ट की अवकाशकालीन बेंच के सामने केजरीवाल को पेश किया था, और कस्टडी की मांग की थी, जिसे जस्टिस अमिताभ रावत की बेंच ने स्वीकार कर लिया है। सीबीआई ने कोर्ट से केजरीवाल की 5 दिनों की हिरासत की मांग की है।
इस मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तरफ से पेश वकील विक्रम चौधरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए थे, उन्होंने कहा कि केजरीवाल को दूसरे मामले में न्यायिक हिरासत में रहते हुए सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया है। इस मामले कोई आदेश भी पारित हुआ है लेकिन हमें उसकी कोई जानकारी ही नहीं है।
केजरीवाल को हिरासत में लेने पर जताई चिंता
केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि सीएम को हिरासत में लेना चिंताजनक है। हमें मीडिया से अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी मिली थी। हम मांग करते हैं कि सीबीआई की ओर से दाखिल रिमांड अर्जी की कॉपी हमें भी दी जाए।
केजरीवाल के वकील की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि हमें जो समझ आ रहा है, उसके मुताबिक क्योंकि वह न्यायिक हिरासत में थे। इसलिए सीबीआई ने 24 तारीख को अदालत के समक्ष पूछताछ के लिए आवेदन दायर किया था, फिर एजेंसी ने कल प्रोडक्शन वॉरंट और अनुमति लेने और उन्हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तार करने के लिए आवेदन दिया था। अभी तक उन्हें औपचारिक तौर पर गिरफ्तार नहीं किया गया था।
केजरीवाल को नहीं सुनवाई का हक?
अरविंद केजरीवाल के वकील ने ईडी की डिमांड का विरोध करते हुए कहा कि अगर मामला कल रखा जाए और हमें कागजात दे दिए जाएं तो आसमान नहीं गिर जाएगा। कोर्ट ने केजरीवाल के वकील से कहा कि चूंकि उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार नहीं किया गया है, कार्यवाही कहां से शुरू होगी? केजरीवाल के वकील ने फिर कहा- आप हमें आवेदन दाखिल करने दीजिए। हमें जवाब देने के लिए समय दीजिए। कल सबसे पहले इस पर सुनवाई हो सकती है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल कोर्ट की हिरासत में हैं, क्या उन्हें सुनवाई का हक नहीं है?
CBI ने इसके जवाब में कहा कि ये दलीलें हमारी गिरफ्तारी के बाद आने दीजिए। क्या उन्हें इस स्तर पर सुना जा सकता है? सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कहा है कि हम चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान ऐसा कर सकते थे। हमने नहीं किया। हमने इतने समय तक इंतजार किया। फिर हमने उससे पूछताछ की है। उनका कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हां, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पॉलिसी अधिसूचित होने से पहले ही आप दावेदार तलाशने लगते हैं। दिल्ली की राजनीतिक व्यवस्था ही इस काम में संलिप्त रही।