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दहशतगर्दों की खैर नहीं! पहाड़ों के लिए CRPF बना रही अलग प्लान, अमित शाह के पास पहुंचा प्रपोजल

16 जून को गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ एक समीक्षा बैठक की और  हालात का जायज़ा लिया। 
Written by: महेंद्र सिंह मनराल | Edited By: Mohammad Qasim
नई दिल्ली | Updated: June 26, 2024 10:01 IST
दहशतगर्दों की खैर नहीं  पहाड़ों के लिए crpf बना रही अलग प्लान  अमित शाह के पास पहुंचा प्रपोजल
अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ की बैठक
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जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों हुए आतंकी हमलों के बाद केंद्र सरकार खास प्लान बना रही है। 16 जून को गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ एक समीक्षा बैठक की और  हालात का जायज़ा लिया। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में सीआरपीएफ ने अपनी माउंटेन बटालियनों के लिए 659 नए पद बनाने की बात कही है।

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माउंटेन बटालियन की क्या जरूरत है? 

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आतंकियों को लेकर  यह पाया गया है कि पिछले कुछ समय में वे शहरी इलाकों से निकलकर ऊंचे इलाकों में जंगलों की ओर चले गए हैं। उन्होंने पहाड़ों में जगह बनाना शुरू कर दिया है। ऐसे में सेना के लिए यह जरूरी है कि पहाड़ी क्षेत्रों में जवानों का मूवमेंट हो। जम्मू-कश्मीर जोन सीआरपीएफ के अधिकार क्षेत्र के में आने वाला सबसे बड़ा हिस्सा है। जिसमें छह सेक्टर शामिल हैं जहां 80 ऑपरेशनल बटालियन तैनात हैं।

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जानकारी के मुताबिक 24 जून को जम्मू-कश्मीर रेंज को भेजे गए एक संदेश में बताया गया कि सीआरपीएफ के डीजी ने निर्देश दिया है कि ऊंचे इलाकों में ऑपरेशन करने के लिए माउंटेन बटालियन बनाने पर काम शुरू किया जाए।  शुरुआत में मौजूदा बटालियन को पहाड़ी युद्ध के लिए ट्रेनिंग दी जा सकती है। फिलहाल 659 नए पद बनाए जाएंगे या नहीं ये गृह मंत्रालय के सामने विचार-विमर्श का विषय है।

गृह मंत्री के साथ हुई बैठक में क्या हुआ?

गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं को लेकर समीक्षा बैठक की है। यह 9 जून को रियासी में तीर्थयात्रियों को ले जा रही एक बस पर हमला के बाद एक काफी महत्वपूर्ण बैठक थी। इस हमले में नौ तीर्थयात्री मारे गए थे और 33 घायल हो गए थे। इसके बाद डोडा और कठुआ जिलों में तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में सीआरपीएफ का एक जवान और दो आतंकवादी मारे गए और सात सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे।

सूत्रों ने बताया कि जम्मू पर बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि जम्मू सीमा पर मजबूत खुफिया जानकारी जुटाने और घुसपैठ विरोधी ग्रिड को मजबूत करने के अलावा जमीन पर पुलिस और सुरक्षा बलों की अधिक मौजूदगी की जरूरत है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों को बढ़ाने और अधिक गश्त करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की गई है।

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