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जाना था कनाडा गलती से पहुंचे पाकिस्तान, एक साल सजा काटने के बाद शरीफ सरकार ने मां-बेटे को किया रिहा

भारत लौटने के चक्कर में वहीदा और फैज पाकिस्तान चले गए। यहीं पर उन्हें विदेशी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।
Written by: न्यूज डेस्क
नई दिल्ली | Updated: May 30, 2024 22:03 IST
प्रतीकात्मक तस्वीर। (इमेज- फाइल फोटो)
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Assam Woman Released From Pakistan: पाकिस्तान में अवैध रूप से घुसने के लिए एक साल से ज्यादा की जेल की सजा काटने के बाद एक भारतीय महिला और उसके नाबालिग बेटे को अटारी-वाघा बार्डर पर बीएसएफ को सौंप दिया गया है।

ह्यूमन ट्रैफिकिग के शिकार दोनों वहीदा बेगम और उनके नाबालिग बेटे फैज खान को अफगानिस्तान से चमन बार्डर के रास्ते पाकिस्तान में एंट्री करते वक्त गिरफ्तार किया गया। असम के नागांव जिले की रहने वाली वहीदा ने अधिकारियों को बताया कि 2022 में अपने पति की मौत के बाद वह अपने बेटे के साथ कनाडा जाना चाहती थी। उसने कथित तौर पर अपनी संपत्ति बेच दी और एक भारतीय ट्रैवल एजेंट को काफी मोटी रकम दी थी और उसने कनाडा ले जाने का वादा किया था।

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भारतीय एजेंट ने ठगा

वहीदा ने पाकिस्तान पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि 2022 में मेरे पति की मौत हो जाने के बाद मैंने अपने बेटे को कनाडा ले जाने का फैसला किया। इसी वजह से मैंने अपनी सारी संपत्ति बेच दी और एक मोटी रकम भारतीय एजेंट को दी। इसके बाद वह दुबई पहुंची और फिर अफगानिस्तान में पहुंची। यहां पर एजेंट उनके पैसे और पासपोर्ट दोनों ही लेकर फरार हो गया। इसी वजह से वह और उनका बेटा फंस गया।

पाकिस्तान में किए गए गिरफ्तार

भारत लौटने के चक्कर में वहीदा और फैज पाकिस्तान चले गए। यहीं पर उन्हें विदेशी अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि बाद में हमें काउंसलर तक पहुंच बनाई और भारत की नागरिक होने की बात कई साबित करने में कई महीने चले गए। उन्होंने आगे बताया कि उनके पाकिस्तानी वकील ने भारत में उनकी मां को इस समस्या के बारे में बताया। इसके बाद वहीदा के परिवार ने नई दिल्ली में पाकिस्तान के हाईकमीशन और इस्लामाबाद में भारत के हाईकमीशन से संपर्क किया और उनको वापस लाने में मदद मांगी।

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भारत के दखल के बाद रिहाई

भारतीय हाईकमीशन के अधिकारियों ने कथित तौर पर इस्लामाबाद के सामने इस मुद्दे को उठाया। इसके बाद आखिरकार उनकी वापसी का रास्ता खुल गया। बुधवार को वहीदा और उनके बेटे को बीएसएफ के जवानों को सौंप दिया गया। इनके अलावा दो दूसरे भारतीय लोगों शब्बीर अहमद और सूरज पाल को भी रिहा कर दिया गया। अहमद को कराची की मलीर जेल से रिहा किया गया। वहीं, पाल को लाहौर की कोट लखपत जेल से उनकी सजा पूरी होने के बाद छोड़ा गया है।

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Tags :
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