केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट ने नहीं दी जमानत, निचली अदालत के फैसले पर लगाई रोक
Arvind Kejriwal Bail Denied: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने उनकी जमानत पर रोक बरकरार रखी है, और अब इस मामले की सुनवाई 10 जुलाई को होगी। केजरीवाल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राहत देते हुए 1 लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी लेकिन ईडी इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट गई थी, और कोर्ट ने पहले ही दिन केजरीवाल की जमानत को लेकर आई निचली अदालत के फैसले पर रोक लगा दी थी और आज कोर्ट के फैसले के बाद वह रोक फिलहाल बरकरार रहेगी।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर कुमार जैन की पीठ ने 20 जून को ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए अरविंद केजरीवाल के जमानत आदेश पर रोक लगा दी। ईडी द्वारा ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के बाद पीठ ने 21 जून को आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिसे फैसला आने तक रोक दिया गया है।
निचली अदालत ने नहीं किया दस्तावेजों पर गौर
हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर जैन ने कहा कि निचली अदालत की वेकेशनल बेंच ने केजरीवाल को जमानत देते समय अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि हमने दोनों पक्षों को सुना है लेकिन निचली अदालत ने ईडी के दस्तावेजों पर गौर नहीं किया। निचली अदालत ने पीएमएलए की धारा 45 की दोहरी शर्तों पर गौर नहीं किया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू की दलीलों का भी जिक्र किया। जिसमें राजू ने कहा था कि निचली अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि इतने दस्तावेज पढ़ना संभव नहीं था। हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी पूरी तरह से अनुचित थी और यह दर्शाती है कि ट्रायल कोर्ट ने रिकॉर्ड पर अपना ध्यान नहीं दिया।
ईडी ने क्या दी थी कोर्ट में दलील
गौरतलब है कि ईडी ने केजरीवाल की जमानत वाले निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट ने चुनौती दी थी और यह तक कह दिया था कि कोर्ट ने केजरीवाल के पक्ष में एकतरफा फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट में अपनी दलीलों को पेश करते हुए ईडी के पक्षकार एसवी राजू ने कहा कि जांच के महत्वपूर्ण पड़ाव पर केजरीवाल को रिहा करने से जांच पर असर पड़ेगा क्योंकि केजरीवाल मुख्यमंत्री जैसे अहम पद पर हैं।
बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था और उन्हें 10 मई को चुनाव प्रचार के लिए जमानत की गई थी और 2 जून को वापस केजरीवाल ने सरेंडर किया था।