Arvind Kejriwal Bail: अरविंद केजरीवाल की जमानत के क्या हैं मायने? जानें इस बार चीजें क्यों हैं अलग
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एक्साइज पॉलिसी केस में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी है। अरविंद केजरीवाल को कोर्ट द्वारा जमानत एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। सुनवाई के दौरान अदालत ने जमानत आदेश पर 48 घंटे के लिए रोक लगाने का प्रवर्तन निदेशालय (ED) का आग्रह भी खारिज कर दिया। वहीं ED ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ गुरुवार को हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। लेकिन इस बीच अरविंद केजरीवाल के लिए जमानत एक बड़ी राहत है। आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए यह उथल-पुथल का समय है। यदि केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर निकलते हैं तो उनके पास कई मुद्दे हैं।
पंजाब में पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब
सूत्रों ने कहा कि सबसे पहले दिल्ली के साथ-साथ पंजाब में पार्टी की स्थिति का आकलन करना होगा क्योंकि वह लोकसभा में केवल तीन सीटें जीतने में कामयाब रही थी। दिल्ली में AAP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा ने सभी सात सीटें जीत लीं। दिल्ली में आप ने चार और कांग्रेस ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था।
आप के एक अंदरूनी सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "लोकसभा हार पर चर्चा हो चुकी है। अब अगली चुनौती पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण है, जो कि विधानसभा चुनाव है। फरवरी में होने की उम्मीद है। यह पहली बार नहीं है कि AAP लोकसभा चुनाव हार गई और विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल की। यह 2014 और 2019 में हुआ। लेकिन एक मजबूत तीसरा कार्यकाल सुनिश्चित करना अभी पार्टी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।"
बढ़ती सत्ता विरोधी लहर केजरीवाल के लिए चिंता
केजरीवाल को बढ़ती सत्ता विरोधी लहर की भी आशंका है, खासकर ऐसे समय में जब दिल्ली में जल संकट अपने चरम पर है। पिछले तीन हफ्तों से उनकी पार्टी के सहयोगियों के साथ-साथ विपक्ष ने भी इस बारे में बात की है कि कैसे दिल्ली को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है। ये मुद्दा अगले साल चुनावों से पहले महत्वपूर्ण है।
पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा, "जब वह चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर बाहर आए, तो स्थिति अलग थी। लोकसभा चुनाव से पहले बहुत उत्साह था, खासकर कांग्रेस के साथ गठबंधन के कारण। अगर वह अब लौटते हैं तो यह संघर्ष के बीच होगा। जमानत पार्टी और सरकार के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है, जहां कई परियोजनाएं अटकी हुई हैं।"
कोर्ट के आदेश के बाद गुरुवार शाम को आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और विधायक दिलीप पांडे समेत अन्य नेता केजरीवाल के घर पहुंचे। संजय सिंह ने बाद में पत्रकारों से कहा, ''हमने बार-बार कहा है कि पूरा मामला झूठा है, भाजपा की साजिश का हिस्सा है। इसके बाद लोगों का न्याय व्यवस्था पर भरोसा और बढ़ेगा। मैं अभी सीएम के परिवार से मिला। कोर्ट के फैसले से उनके माता-पिता, पत्नी और बच्चे सभी बहुत खुश हैं। यह हम सभी के लिए एक बड़ी जीत है और यह भाजपा के चेहरे पर एक बड़ा तमाचा है। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इन फर्जी मामलों को खत्म करना चाहिए और उन सभी लोगों को रिहा करना चाहिए, जिन्हें उन्होंने फर्जी मामलों में गिरफ्तार किया है।"