Morning Mantra: आपको भी लगती है बहुत ज्यादा गर्मी? बॉडी को नेचुरल तरीके से कूल रखेंगे ये 2 योगासन
देशभर में इस समय भीषण गर्मी से लोगों के हाल बेहाल हैं। सुबह 7 बजे से ही चिलचिलाती धूप के चलते घर से बाहर कदम रखना भी मुश्किल हो जाता है। वहीं, जैसे-जैसे दिन चढ़ता है, गर्मी का प्रकोप और अधिक बढ़ने लगता है। आलम यह है कि इन दिनों रात के समय भी गर्म हवाओं से लोग परेशान रहने लगे हैं। ऐसे में सेहत पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है।
चिलचिलाती धूप में खासकर हीटवेव से बचने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट्स बाहर निकलते समय हाथ, पैर, सिर को ढककर रखने और डाइट में पानी से भरपूर चीजों को शामिल करने की सलाह देते हैं। हालांकि, अगर आप उन लोगों में से एक हैं, जिन्हें गर्मी का एहसास बहुत अधिक होता है तो खानपान से अलग आपको अपने लाइफस्टाइल पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इसी कड़ी में यहां हम आपको 2 आसान योगासन के बारे में बता रहे हैं, जिनका सुबह के समय नियमित अभ्यास करने से पूरे दिन बॉडी को कूल रखने में मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं इनके बारे में-
शीतली प्राणायाम
शीतली प्राणायाम का अभ्यास शरीर के तापमान को कम कर पित्त की समस्या को दूर करने में मददगार माना जाता है।
कैसे करें शीतली प्राणायाम?
- इसके लिए किसी शांत और खुली जगह में मैट बिछाकर सीधे बैठ जाएं।
- अपने हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें और आंखों को बंद कर लें।
- इसके बाद अपनी जीभ को दोनों तरफ किनारों से मोड़ते हुए बाहर निकालें और धीरे-धीरे सांस अंदर की ओर खींचे।
- इसके बाद जीभ अंदर कर लें और धीरे ने नाक से सांस छोड़ें।
- इस तरह आप 3 से 4 बार शीतली प्राणायाम को दोहरा सकते हैं।
शीतकारी प्राणायाम
शीतकारी प्राणायाम भी मन और दिमाग को शांत कर बॉडी को कूल रखने में मददगार माना जाता है, साथ ही इस आसन के अभ्यास से भी पित्त की समस्या से राहत मिलती है।
कैसे करें शीतकारी प्राणायाम?
- शीतकारी प्राणायाम करने के लिए भी सबसे पहले एक खुली और शांत जगह पर मैट बिछाकर सीधे बैठ जाएं।
- अपनी कमर को सीधा रखें, कंधों को आराम दें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर ज्ञान मुद्रा में रख लें।
- इसके बाद आंखों को बंद कर लें और दो से तीन बार धीरे-धीरे सांस अंदर लें और बाहर की ओर छोड़ दें।
- इतना करने के बाद अपने जबड़ों को मिलाकर बैठ जाएं। इस दौरान आपके ऊपर और नीचे के दांत आपस में पूरी तरह मिले होने चाहिए यानी दानों के बीच गैप नहीं रहना चाहिए।
- अब, इसी तरह दातों को मिलाते हुए मुंह को हल्का खोल लें और जबड़ों से सांस अंदर की ओर खींचे। इस दौरान भी आपके दांत आपस में मिले होने चाहिए।
- इसके बाद मुंह बंद कर लें और नाक से सांस बाहर छोड़ें।
- इस तरह आप 4 से 5 बार शीतकारी प्राणायाम को दोहरा सकते हैं।