गंजे हो रहे क्रिकेटर Mohammed Shami के सिर पर कैसे लहलहाने लगे काले-काले बाल? यहां जानें सीक्रेट…..
क्रिकेटर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) के बाल लगभग उड़ चुके थे और आगे से गंजे नजर आ रहे थे। पर अब उनके बाल लौट आए हैं। जी हां, आपको सुनकर हैरानी हो रही है न कि ये कमाल कैसे हुआ! तो इसके पीछे राज है DHT ट्रीटमेंट जिसकी मदद से उनके सिर पर काले-काले बाल लहलहाने लगे हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ये क्या है। तो, बता दें कि ये एक प्रकार का हेयर ट्रांसप्लांट (hair transplant) है जिसकी मदद से सिर पर बालों की खेली लहलहाने लगती है। इसे डायरेक्ट हेयर ट्रांसप्लांट (Direct hair transplant) कहते हैं। ये दूसरे तरह के हेयर प्लांट से अलग होता है, जानते हैं कैसे।
डायरेक्ट हेयर ट्रांसप्लांट (DHT) क्या है
डायरेक्ट हेयर ट्रांसप्लांट (Direct hair transplant) एक सर्जिकल तकनीक है जिसमें स्कैल्प के पीछे से फॉलिकल्स को निकालकर, जहां बाल नहीं हैं वहां लगाए जाते हैं। इसका उपयोग मुख्य रूप से मेल यानी पुरुष पैटर्न गंजापन के इलाज के लिए किया जाता है। इस एडवांस तकनीक में दो चीजों पर ध्यान दिया जाता है। पहला बाल निकालने (hair extraction) पर और दूसरा बाल लगाने (hair implantation) पर।
डायरेक्ट हेयर ट्रांसप्लांट कराने के फायदे
डायरेक्ट हेयर ट्रांसप्लांट करवाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इसमें हेयरलाइन सही और सुरक्षित रहता है। साथ ही बराबर तरीके से सारे बाले ट्रांसप्लांट हो जाते हैं। इसके अलावा बालों की वॉल्यूम और डेंसिटी भी सही रहती है। पर इस ट्रीटमेंट के पॉजिटिव रिजल्ट्स को पाने के लिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप 2 हफ्ते पहले ही एक्सपर्ट के बताए अनुसार सही डाइट फॉलो करें, रूटीन सही रखें और पूरी तरह से हर प्रकार की स्मोकिंग से बचें।
इन सबके अलावा ऑपरेशन के बाद इससे तेजी से रिकवरी होती है। मरीज अपनी सामान्य दिनचर्या में तेजी से वापस लौट सकता है।100% नेचुरल रिजल्ट्स मिलते हैं। इतना ही नहीं इसमें कोई चीरा नहीं लगता। कोई टांके नहीं और न ही किसी दाग का डर होता है। इस ट्रीटमेंट में दर्द भी नहीं होता।
क्यों महंगा है ये ट्रीटमेंट
डीएचआई हेयर ट्रांसप्लांट अन्य तरीकों की तुलना में अधिक महंगा हो सकता है। क्योंकि इसमें follicular unit extraction (FUE) पर विशेष ध्यान दिया जाता है यानी कि बालों की जड़ों को एक जगह से निकालने और दूसरी जगह लगाने पर। इसके लिए कई तरह के उपकरणों, उन्नत तकनीकों का उपयोग और डीएचआई ट्रेनिंग की मदद ली जाती है। इसलिए ये काफी महंगा हो जाता है।
Source: National library of medicine