Morning Mantra: ये हैं सूर्य नमस्कार के 12 आसन! हर एक को करने के हैं अपने खास फायदे
International yoga day: 21 जून को हर साल विश्व योग दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर पूरा विश्व योग करके, योग को बढ़ावा देता है। इस कड़ी में जानते हैं योग के एक प्रमुख आसान के बारे में। इसे सूर्य नमस्कार (surya namaskar) कहते हैं। इस आसान की खास बात ये है कि इसमें 12 प्रकार के आसान होते हैं और हर किसी के अपने खास फायदे हैं। इसके अलावा शुरुआत से लेकर अंत तक इन्हें करने में शरीर का हर अंग सम्मिलित हो जाता है। ऐसे में ये कई अंगों के लिए फायदेमंद है। तो आइए जानते हैं सूर्य नमस्कार के 12 आसन कौन से हैं और फिर जानेंगे इनके फायदे।
सूर्य नमस्कार के 12 आसन कौन कौन से हैं-12 poses of surya namaskar benefits
प्रणामासन-Pranamasana or the Prayer Pose
ये शरीर के संतुलन को बनाए रखते हुए तंत्रिका तंत्र को आराम देने में मदद करता है। तनाव और चिंता को दूर रखता है। इसे करने के लिए नमस्ते मुद्रा में हाथ को छाती से चिपका लें। अब एक पैर पर खड़े रहकर प्रणामासन करें।
हस्त उत्तानासन-Hasta Uttanasana
इसमें उठी हुई भुजाएं आपके पेट की मांसपेशियों को फैलाती हैं और उन्हें टोन करती हैं। ये पाचन में मदद करता है। साथ ही ये पीठ के निचले हिस्से में दर्द, अस्थमा और थकावट को कम करने में मदद करता है।
हस्तपादासन- Hasta Padasana
हस्तपादासन अनिद्रा और ऑस्टियोपोरोसिस से राहत दिलाने में मददगार है। ये तनाव और चिंता से निपटने में मदद करता है। इसके अलावा ये सिरदर्द और माइग्रेन से राहत दिलाने में मदद करता है। लेकिन इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि यह मुद्रा आपके हैमस्ट्रिंग, पिंडलियों और कूल्हों को खींचते हुए घुटनों और जांघों को मजबूत बनाती है।
अश्व संचलानासन-Ashwa Sanchalanasana
अश्व संचलानासन धैर्य और इच्छाशक्ति बढ़ावा देता है। ये फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है। ये लीवर और किडनी को टोन करता है। लेकिन, घुटने में दर्द वाले लोग इन्हें करने से बचें।
दंडासन-Dandasana
ये पेट को टोन करने में मदद करता है। इसके अलावा कलाइयों और कंधों की सहनशक्ति और ताकत को बढ़ाता है। ये मुद्रा में सुधार करता है और शांत होने में मदद करता है। इसलिए इन तमाम फायदे के लिए आपको दंडासन करवा चाहिए।
अष्टांग नमस्कार-Ashtanga Namaskar
इसमें शरीर के आठ फर्श से चिपके हुए होते हैं और अपने कूल्हों को फर्श से थोड़ा ऊपर उठाना होता है। ये आपकी आपकी बाहों, कंधों और पैरों को मजबूत और टोन करता है। रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ाता है। तनावग्रस्त कंधे और गर्दन की मांसपेशियों को मुक्त करने में मदद करता है।
भुजंगासन-Bhujangasana or the Cobra pose
ये पेट की मांसपेशियों की टोनिंग में मददगार है। ये ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और मेंस्ट्रुअल साइकिल को सही करने में मदद करता है। ये पीठ दर्द और साइटिका से राहत दिलाता है। अस्थमा के लक्षणों को कम करता है।
अधो मुख श्वानासन-Adho Mukha Svanasana
अधो मुख श्वानासन थकी हुई नसों को शांत करता है और तनाव से निपटने में मदद करता है। ये ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है, पीठ दर्द की समस्या में कमी लाता है और सिरदर्द से राहत दिलाने में मददगार है।
अश्व संचलानासन-Ashwa Sanchalanasana
अश्व संचलानासन में अपने दाहिने पैर को आगे की स्थिति में रखें। फिर अपने पैरों को फर्श पर रखते हुए अपने बाएं पैर को पीछे रखें और धीरे-धीरे आगे की ओर देखें। ये योगा पोज पूरे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है।
हस्तपादासन-Hasta Padasana
हस्तपादासन कई शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है। मुख्य रूप से, यह आसन आपकी रीढ़, हैमस्ट्रिंग और पिंडली की मांसपेशियों में लचीलापन बढ़ाता है, जिससे रोजमर्रा की गतिविधियां आसान हो जाती हैं और जब आप अपनी गतिविधियों पर 100% ध्यान केंद्रित करते हैं तो यह मन को शांत करने में मदद करता है, तनाव और चिंता को कम करता है।
हस्तपादासन-Hasta Uttanasana
हस्त उत्तानासन, जो सूर्य नमस्कार का हिस्सा है, मांसपेशियों को सिकोड़ने और फैलाने में मदद करता है, जिससे किडनी की ओर ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है। इससे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है। इस प्रकार, हस्त उत्तानासन का अभ्यास गुर्दे के माध्यम से खून को शुद्ध करने में मदद कर सकता है।
प्रणामासन-Pranamasana or the Prayer Pose
यह शरीर की सभी प्रणालियों को एक-दूसरे के साथ संतुलन में लाने में मदद करता है। यह चिंता और तनाव को कम करने में मदद करता है। यह मन और शरीर को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। यह सोचने की शक्ति और सांस लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।