होमताजा खबरराष्ट्रीयमनोरंजन
राज्य | उत्तर प्रदेशउत्तराखंडझारखंडछत्तीसगढ़मध्य प्रदेशमहाराष्ट्रपंजाबनई दिल्लीराजस्थानबिहारहिमाचल प्रदेशहरियाणामणिपुरपश्चिम बंगालत्रिपुरातेलंगानाजम्मू-कश्मीरगुजरातकर्नाटकओडिशाआंध्र प्रदेशतमिलनाडु
वेब स्टोरीवीडियोआस्थालाइफस्टाइलहेल्थटेक्नोलॉजीएजुकेशनपॉडकास्टई-पेपर

30-40 साल के युवाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है क्रॉनिक मायलॉइड ल्यूकेमिया, गुड कैंसर के नाम से मशहूर इस Cancer से क्या बचाव है संभव, एक्सपर्ट से जानिए

प्रोफेसर हेमेटोलॉजी, एम्स, नई दिल्ली के डॉ. तूलिका सेठ ने बताया कि ‘क्रॉनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर का एक ऐसा प्रकार है जिसका इलाज संभव है।
Written by: Shahina Noor
नई दिल्ली | May 20, 2024 13:09 IST
CML किस स्टेज में है इसका पता लगाना बेहद जरूरी है। CML  स्टेज में जैसे-जैसे आगे बढ़ता है वैसे-वैसे हर स्टेज के लक्षण अलग-अलग होते हैं। freepik
Advertisement

कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी है जिसके लिए खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव जिम्मेदार है। कैंसर 200 से ज्यादा प्रकार का होता है। अगर शुरुआती दौर में इसका पता लग जाए तो बीमारी से बचाव किया जा सकता है। क्रोनिक मायलोइड ल्यूकेमिया (CML) बोन मैरो में ब्लड का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं में उत्पन्न होने वाले कैंसर का एक प्रकार है। ये कैंसर ब्लड में प्रवेश कर जाता है जिससे पूरी दुनिया में 12-15 लाख लोग पीड़ित हैं। ये कैंसर 30-40 साल की उम्र के युवाओं को अपनी चपेट में लेता है। अगर समय रहते इस बीमारी की पहचान कर ली जाए तो आसानी से इससे बचाव किया जा सकता है। इस कैंसर पर आसानी से काबू पाया जा सकता है इसलिए इसे गुड कैंसर के नाम से भी जाना जाता है।

CML के अधिकांश मामले कोशिका विभाजन के दौरान शुरू होते हैं, जब डीएनए क्रोमोसोम 9 और 22 के बीच "स्वैप" होता है । गुणसूत्र 9 का भाग 22 में जाता है और 22 का भाग 9 में जाता है। गुणसूत्रों के बीच डीएनए की अदला-बदली से बीसीआर-एबीएल नामक एक नए जीन का निर्माण होता है। जब बोन मैरो की कोशिकाओं में बदलाव होने लगता है तो CML कैंसर होता है । माइलॉयड ल्यूकेमिया किसी भी उम्र के और किसी भी लिंग के लोगों में हो सकता है, लेकिन 10 साल से कम उम्र के बच्चों में ये कम हो सकता है।

Advertisement

प्रोफेसर हेमेटोलॉजी, एम्स, नई दिल्ली के डॉ. तूलिका सेठ ने बताया कि ‘क्रॉनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया ब्लड कैंसर का एक ऐसा प्रकार है जिसका इलाज संभव है। इस बीमारी के तीन चरण होते हैं पहले चरण की अवधि 5-6 साल तक की होती है। दूसरे चरण में बीमारी तेजी से बढ़ती है और तीसरे चरण में ल्यूकेमिया की अपरिपक्व कोशिकाएं दिखाई देने लगती हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक इस बीमारी पर विजय हासिल करने के लिए आपको बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षण कौन-कौन से हैं और इसका उपचार कैसे होता है।

CML के बॉडी में दिखने वाले लक्षण

CML में मरीज की बॉडी में अलग-अलग तरह के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे अधिक थकान होना, भूख नहीं लगना और वजन का तेजी से कम होना। इस बीमारी में  लसीका ग्रंथियों और स्प्लीन का आकार बढ़ता जाता है और स्किन का रंग पीला पड़ जाता है। इस बीमारी से पीड़ित इंसान को आसानी से चोट लग सकती है और उसका ब्लड भी डिस्चार्ज हो सकता है। भूख की कमी, नींद में भी पसीना आना और आंखों से धुंधला दिखाई देना CML  कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

CML के इलाज के लिए उसके स्टेज का लगाएं पता

CML किस स्टेज में है इसका पता लगाना बेहद जरूरी है। CML  स्टेज में जैसे-जैसे आगे बढ़ता है वैसे-वैसे हर स्टेज के लक्षण अलग-अलग होते हैं। अगर आप मौजूदा स्टेज का पता लगा लें तो उपचार करना आसान होगा

CML के इलाज में कौन-कौन से विकल्प हैं मौजूद

CML का इलाज टायरोसिन कीनेज़ अवरोधक (टीकेआई), कीमोथेरेपी और रोग की एडवांस स्थिति में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से किया जाता है । इस बीमारी का इलाज कराने में इस ट्रीटमेंट के कुछ साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं जैसे दिल के रोगों का खतरा, कमजोरी  और  इम्युनिटी कम हो सकती है।

Advertisement
Tags :
Cancercancer awarenesshealth awarenesshealth benefit
विजुअल स्टोरीज
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
Advertisement