चीफ जज ने गलती की, शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ दायर मानहानि याचिका को स्वीकार करने पर बोला HC, जानिए फिर क्या हुआ
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बीजेपी नेता के खिलाफ दायर मानहानि याचिका को कलकत्ता हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि चीफ सेशन जज ने याचिका को स्वीकार करके गलती की। उनको ऐसा नहीं करना चाहिए था।
हाईकोर्ट के जस्टिस बिबेक चौधरी ने कहा कि शुभेंदु के खिलाफ मानहानि की जो याचिका दायर की गई उसे सेशन कोर्ट के बजाए MP/MLA स्पेशल कोर्ट में दाखिल किया जाना चाहिए था। जस्टिस ने कहा कि वो याचिका को खारिज करने के लिए पब्लिक प्रासीक्यूटर की सहायता भी नहीं ले रहे हैं। उन्हें लगता है कि ये याचिका चीफ जज को स्वीकार ही नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने ऐसा करके सरासर गलत फैसला किया।
विधायक, सांसद के खिलाफ कोई भी याचिका MP/MLA कोर्ट में दायर हो
जस्टिस बिबेक चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई दफा कहा है कि विधायक व सांसदों के खिलाफ कोई भी याचिका MP/MLA स्पेशल कोर्ट ही स्वीकार कर सकती है। उनका कहना था कि 6 मार्च 2018 और 27 जनवरी 2021 के नोटिफिकेशन के तहत ऐसी अदालतों की स्थापना पश्चिम बंगाल में की जा चुकी है। विधायक व सांसदों के खिलाफ कोई शिकायत है तो इन अदालतों में ही उसे दायर किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने चीफ सेशन जज के पास दायर याचिका को खारिज करते हुए शिकायतकर्ता को छूट दी कि वो इसे फिर से नए सिरे से MP/MLA स्पेशल कोर्ट में दायर कर सकता है। जस्टिस बिबेक चौधरी का कहना था कि शिकायतकर्ता विशेष अदालत के पास जाकर अपनी याचिका दायर करे। MP/MLA स्पेशल कोर्ट के स्पेशल मजिस्ट्रेट या फिर स्पेशल जज उनकी याचिका पर संज्ञान लेकर अपने हिसाब से सुनवाई कर सकते हैं।
पब्लिक प्रासीक्यूटर ने शुभेंदु पर दायर किया था मानहानि का केस
शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ मानहानि का केस एक पब्लिक प्रासीक्यूटर ने दायर किया था। उनका कहना है कि शुभेंदु ने बस को बंधक बनाए जाने को लेकर ट्विटर पर भ्रामक पोस्ट की थी। उनका दावा है कि शुभेंदु ने जो ट्वीट किया वो सरासर झूठा था। उन्होंने मानहानि का अपराध किया है।