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जया क‍िशोरी, जग्‍गी वसुदेव, गौर गोपाल दास…क्‍यों सोशल मीड‍िया पर ह‍िट हो रहे 'गुरुजी'

आध्यात्मिक गुरु अपनी पहुंच बढ़ाने, विचारों का प्रसार करने और अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया की ताकत का जमकर उपयोग कर रहे हैं।
Written by: स्पेशल डेस्क | Edited By: shruti srivastava
नई दिल्ली | June 17, 2024 16:42 IST
(बाएं से दाएं) जग्‍गी वसुदेव, गौर गोपाल दास, जया क‍िशोरी (Source- Express)
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(Written by Shubhangi Shah)

पिछले कुछ सालों में जिस तरह से सोशल मीडिया ने अपने पांव पसारे हैं उसके साथ ही इंफ्लुएंसर्स और सोशल मीडिया आइकन की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया अब कमाई का एक अच्छा जरिया बन गया है जिसका इस्तेमाल लोग अपना बिजनेस बढ़ाने या बनाने में कर रहे हैं। इन सबके बीच आध्यात्मिक गुरु भी सोशल मीडिया पर जमकर लोकप्रिय हो रहे हैं।

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नए जमाने की तकनीक और ऑनलाइन टूल से लैस ये आध्यात्मिक गुरु अपनी पहुंच बढ़ाने, विचारों का प्रसार करने और अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया की ताकत का जमकर उपयोग कर रहे हैं।

साधुवाद जहां लंबे समय से त्याग और भौतिक चीजों के न्यूनतम इस्तेमाल से जुड़ा हुआ है, पर नए युग के ये साधु लेटेस्ट टेक्नॉलॉजी से अच्छी तरह से लैस हैं और ये अपनी पहुंच और प्रसार को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया की क्षमता का प्रभावी ढंग से उपयोग कर रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि वे आध्यात्मिक कंटेंट की फील्ड में अपने विचार पहुंचाने और अपनी मजबूत स्थिति बनाने के लिए यूट्यूब वीडियो, इंस्टाग्राम रील्स से लेकर पॉडकास्ट और सबस्टैक न्यूजलेटर तक हर चीज का इस्तेमाल कर रहे हैं।

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सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं स्पिरिचुअल लीडर्स

यह ट्रेंड Spotify की 'कल्चर नेक्स्ट' रिपोर्ट से भी सामने आता है, जिसके अनुसार, साल 2023 के लिए, Gen- Z श्रोताओं के बीच पौराणिक कथाएं और आध्यात्म सबसे लोकप्रिय पॉडकास्ट शैली थी, जिसमें साल-दर-साल 236% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी।

एसबी केशव स्वामी फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहते हैं, "भिक्षुओं के रूप में हम टेक्नॉलॉजी के खिलाफ नहीं हैं। भिक्षुओं का लक्ष्य समाज में योगदान करना है और हम लोगों को खुशहाल, अधिक शक्तिशाली जीवन जीने में मदद करने के लिए विचार, ज्ञान और लाइफ हैक साझा करना चाहते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "सोशल मीडिया हमें सबसे प्रभावी और कुशल तरीके से कई लोगों तक पहुंचने में मदद करता है इसलिए स्वाभाविक रूप से हम इसका फायदा उठाएंगे।'' केशव स्वामी के इंस्टाग्राम पर 64,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं और यूट्यूब पर 27,700 से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।

सोशल मीडिया पर इन लीडर्स की है बड़ी फॉलोइंग

जग्गी वासुदेव, जिन्हें सद्गुरु के नाम से जाना जाता है, सबसे लोकप्रिय समकालीन आध्यात्मिक हस्तियों में से एक हैं। इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर उनके 25 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं। वह तमिलनाडु के कोयंबटूर में ईशा फाउंडेशन भी चलाते हैं और उनके बेंगलुरु और दिल्ली में केंद्र हैं। साथ ही फाउंडेशन के यूरोप और अफ्रीका में इंटरनेशनल सेंटर भी हैं।

सद्गुरु ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों में लोकप्रिय है। सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर फॉलोअर्स के साथ, वह विश्व स्तर पर लोगों को संबोधित भी करते हैं। यहां तक ​​कि वह ट्रेवर नूह के साथ द डेली शो में भी पहुंचे जहां उन्होंने अपनी 'मिट्टी बचाओ' पहल के बारे में बात की। नए जमाने के गुरु और स्पिरिचुअल लीडर्स इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं और रीयल लाइफ में अनुयायियों से जुड़ते हुए अपने ऑनलाइन फॉलोअर्स भी बना रहे हैं।

इन मुद्दों पर बात करते हैं ये लीडर्स

एक और उदाहरण देखें तो गौर गोपाल दास जो आध्यात्मिकता से लेकर रिश्तों, जीवन और उसके संघर्षों तक हर चीज के बारे में बोलते हैं, उनके यूट्यूब पर 5 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। साथ ही इंस्टाग्राम पर उनके 8.3 मिलियन फॉलोअर्स और एक्स पर 185,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं। वह ज़्यादातर 'प्रभावशाली सफलता के रहस्य', 'खुशहाल जीवन बनाना', 'जुनून को उद्देश्य में बदलना', 'नेतृत्व मंत्र' जैसे टॉपिक्स पर बोलते हैं।

साथ ही जीवन में आंतरिक शांति, तनाव और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर भी ये आध्यात्मिक गुरु अपनी राय रखते हैं। चाहे वह सद्गुरु, दंडपाणि, जया किशोरी या जय शेट्टी जैसे हों, आध्यात्मिक गुरु ऐसे ही मुद्दों पर बात करते हैं जो कई दर्शकों से संबंधित होते हैं। साथ ही ये विषयों को उठाते हैं जो लाइफ हैक, प्रेरणा और आध्यात्मिकता की श्रेणी में आते हैं।

कितनी है स्पिरिचुअल कंटेंट की मार्केट

कस्टम मार्केटिंग इनसाइट्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल सेल्फ-इंप्रूवमेंट मार्केट की वैल्यू 2023 में 41.2 बिलियन डॉलर थी और इसके 2032 तक 81.6 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, इस अवधि के दौरान 8% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की जाएगी। वहीं, गिटनक्स मार्केट डेटा रिपोर्ट 2024 के अनुसार, लाइफ कोचिंग इंडस्ट्री 2025 तक ग्लोबली 25 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। इसमें 2022 से 2025 तक 7% की वार्षिक वृद्धि शामिल है।

इंटरनेशनल कोचिंग फेडरेशन (आईसीएफ) ग्लोबल कंज्यूमर अवेयरनेस स्टडी के अनुसार, भारत में किए गए एक सर्वे में शामिल 89% लोगों ने कहा कि वे लाइफ कोचिंग के बारे में जानते थे, 59% ने कहा कि उन्होंने एक लाइफ कोच के साथ साझेदारी की है। वहीं 97% ने कहा कि वे लाइफ कोचिंग अनुभव से संतुष्ट हैं।

स्पिरिचुअल लीडर्स से जुड़े विवाद

सोशल मीडिया जहां रीच बढ़ाता है, वहीं यह ट्रोलिंग और कई बार नेगेटिविटी को भी बढ़ावा देता है। साधु से सोशल मीडिया सुपरस्टार बने जय शेट्टी ने अपनी किताब 'थिंक लाइक अ मॉन्क: ट्रेन योर माइंड फॉर पीस एंड परपज एवरी डे' में लिखा है। “एक भिक्षु मन वैराग्य का अभ्यास करता है। हमें एहसास है कि सब कुछ हमारे घरों से लेकर हमारे परिवारों तक उधार लिया हुआ है।" वहीं, द गार्जियन के अनुसार, जय शेट्टी के भिक्षुक जीवन की कहानी मनगढ़ंत है। द गार्जियन का कहना है कि भारत में भिक्षुओं के बीच तीन साल बिताने और अपनी शिक्षा के बारे में उनकी जानकारी गलत है।

हालांकि, इस बात से शेट्टी की सोशल मीडिया फॉलोइंग पर शायद ही कोई असर पड़ा हो। उनके ऑन पर्पस पॉडकास्ट के दो हालिया एपिसोड को यूट्यूब पर हजारों बार देखा गया है।

ईशा फाउंडेशन पर क्या हैं आरोप

सद्गुरु पर भी तमिलनाडु में ईशा फाउंडेशन के तहत अवैध निर्माण के आरोप लगे हैं। इसके अलावा, उनके वैज्ञानिक दावों को लेकर अक्सर उनकी आलोचना की जाती रही है, जिसने हाल ही में बहुत अधिक तूल पकड़ लिया था जब उनकी ब्रेन सर्जरी हुई थी। इस दौरान एक दशक पहले का एक ट्वीट भी चर्चा में आया था जिसमें लिखा था, “एलोपैथी पूरी तरह से रासायनिक है। आयुर्वेद हर्बल है। सिद्ध मूलतः तात्विक प्रकृति का है।”

सोशल मीडिया ट्रोलिंग के बारे में बात करते हुए सद्गुरु ने दिसंबर में द इंडियन एक्सप्रेस अड्डा में कहा था, “कोई मेरे बारे में क्या कहता है, चाहे वे मुझे भगवान कहें या दुष्ट कहें, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं वही हूं जो मैं हूं, वह नहीं बदलता।"

उनका कहना है, "मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो लोगों की अच्छी या बुरी राय से बना हो। कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं कौन हूं और जीवन के बारे में मेरे अनुभव के संदर्भ में, कुछ भी नहीं बदलता है। लेकिन, निश्चित रूप से यह चीजों को अनावश्यक रूप से कठिन बना देता है। इस तरह के नकारात्मक कैम्पेन दुनिया भर में चलते हैं।”

जया किशोरी के सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में फॉलोअर्स

आध्यात्मिक वक्ता और मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी के भी सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 11.6 मिलियन फॉलोअर्स और यूट्यूब पर 3.42 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं। एक अलग यूट्यूब चैनल जहां वह "आध्यात्मिकता, लाइफ कोचिंग, रिश्ते, युवाओं की समस्या जैसे विभिन्न विषयों पर बात करती है, उसके भी 1.52 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।

हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित नेशनल क्रिएटर्स अवार्ड में, उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'सामाजिक परिवर्तन के लिए सर्वश्रेष्ठ रचनाकार' की श्रेणी में सम्मानित किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह एक स्पिरिचुयल स्पीकर हैं और एक कार्यक्रम के लिए करीब 10 लाख रुपये चार्ज करती हैं।

सोशल मीडिया हालांकि, एकमात्र तरीका नहीं है जिस पर ये लीडर्स निर्भर हैं। जय शेट्टी लोकप्रिय मेडिटेशन ऐप Calm के चीफ परपज ऑफिसर हैं, और एक लोकप्रिय ऑन पर्पस पॉडकास्ट होस्ट करते हैं। हालांकि उनकी कुल संपत्ति स्पष्ट नहीं है लेकिन कुछ रिपोर्टों ने इसे 4 मिलियन डॉलर आंकी है। इसी तरह, सद्गुरु की अनुमानित कुल संपत्ति 18 करोड़ रुपये आंकी गई है।

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