Patiala Lok Sabha Election 2024: यहां दल-बदलुओं में ही है मुकाबला, अमरिंदर और कांग्रेस दोनों की नाक का है सवाल
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के लिए पंजाब की पटियाला सीट विशेष महत्व की है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का परिवार भी अपने दशकों पुराने गढ़ को फिर से हासिल करने का हर संभव प्रयास कर रहा है। कैप्टन अमरिंदर की पत्नी परनीत कौर जो पटियाला से मौजूदा सांसद हैं, इस बार भाजपा के टिकट पर इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं। वहीं, कांग्रेस ने डॉ. धर्मवीर गांधी को अपना उम्मीदवार बनाया है जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में आप के टिकट पर पटियाला से परनीत को हराया था।
पंजाब में कांग्रेस के पर्याय के रूप में देखे जाने वाले अमरिंदर ने सितंबर 2021 में सीएम पद से हटाए जाने के बाद पार्टी छोड़ दी थी। बाद में, उन्होंने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय कर दिया था, हालांकि परनीत कांग्रेस में बनी रहीं। मार्च 2024 में वह भी भाजपा में शामिल हो गईं।
धर्मवीर गांधी का कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने किया था विरोध
कांग्रेस सूत्रों ने स्वीकार किया कि डॉ. धर्मवीर गांधी को शुरुआत में पार्टी के स्थानीय नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि, कांग्रेस के एक नेता ने कहा, वरिष्ठ नेताओं के हाथ मिलाने से नीचे तक संदेश गया और हर कोई उम्मीदवार के पीछे खड़ा हो गया। एक सूत्र के अनुसार, स्थानीय नेताओं को आगाह किया गया था कि अगर उन्होंने पटियाला के अंतर्गत आने वाले अपने क्षेत्रों में डॉ. गांधी के लिए पर्याप्त वोट नहीं जुटाये तो उन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह संदेश साफ था।
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धर्मवीर गांधी के लिए प्रचार करने पहुंचे राहुल-प्रियंका
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों ने धर्मवीर गांधी के लिए पटियाला में प्रचार किया। बुधवार को डॉ. गांधी के लिए प्रचार करते हुए राहुल ने कहा, “पटियाला में धर्मवीर जी की मोहब्बत की दुकान है, जहां वह गरीबों के लिए एक ओपीडी चलते हैं। मैं 10 साल से मोहब्बत का संदेश देने की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन धर्मवीर जी 50 साल से ऐसा कर रहे हैं।" राहुल और प्रियंका के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग प्रचार करने के लिए पटियाला आए।
इस बार परनीत कौर और डॉ. धर्मवीर गांधी के अलावा, पटियाला की दौड़ में आप के डॉ. बलबीर सिंह, जो 2014 के लोकसभा चुनावों में डॉ. गांधी के चुनाव एजेंट थे और शिअद के एनके शर्मा शामिल हैं।
कौन-कौन है इस बार पटियाला के चुनाव मैदान में
पार्टी | प्रत्याशी |
बीजेपी | परनीत कौर |
शिअद | एनके शर्मा |
कांग्रेस | डॉ धर्मवीर गांधी |
आप | डॉ बलबीर सिंह |
आसान नहीं है परनीत कौर की राह
परनीत कौर को पार्टी बदलने के कारण बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह उनकी नुक्कड़ बैठकों में स्पष्ट है, जिसमें उनके बगल में एक कार्यकर्ता कमल का एक कटआउट (भाजपा का चुनाव चिन्ह) पकड़े हुए खड़ा है ताकि यह संदेश दिया जा सके कि उन्होंने पार्टी बदल ली है। इससे पता चलता है कि मतदाताओं के मन में अभी भी कांग्रेस के साथ अमरिंदर परिवार के जुड़ाव की यादें ताजा हैं।
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कांग्रेस का पर्याय बन गए थे अमरिंदर सिंह
अमरिंदर अपने सहपाठी और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय में पार्टी में शामिल हुए थे। 2002 में उन्होंने राज्य में कांग्रेस को जीत दिलाई और पहली बार सीएम बने और 2017 में यह उपलब्धि दोहराई। वह 1980 में लोकसभा के लिए चुने गए और बाद में स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार के विरोध में 1984 में इस्तीफा दे दिया। बाद में, वह शिरोमणि अकाली दल (SAD) में शामिल हो गए और तलवंडी साबो से विधायक चुने गए। 1992 में उन्होंने शिअद छोड़ दिया और अपना अलग समूह बना लिया। उन्होंने 1998 में इसका कांग्रेस में विलय कर दिया। 2002 में, उन्होंने राज्य में कांग्रेस को जीत दिलाई और पहली बार मुख्यमंत्री बने।
अमरिंदर के उत्तराधिकारी चरणजीत सिंह चन्नी कांग्रेस को 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत नहीं दिला सके। पार्टी को 117 के सदन में केवल 18 सीटें मिलीं।
अमरिंदर सिंह की पंजाब के मतदाताओं से अपील
गुरुवार को, अमरिंदर ने पंजाब के मतदाताओं को एक पत्र जारी किया, जिसमें उनसे एक विकसित और संपन्न पंजाब के लिए भाजपा का समर्थन करने को कहा गया। अपील में कैप्टन ने लोगों से विशेष रूप से पटियाला में, बड़ी संख्या में बाहर आने और कमल का बटन दबाकर परनीत का समर्थन करने के लिए कहा। उन्होंने आगे लिखा है, “जैसा कि आप सभी जानते हैं मैं पिछले कुछ हफ्तों से अस्वस्थ हूं। मैं आपको समृद्ध और विकसित पंजाब के लिए एक अपील और आशा से भरे दिल के साथ यह पत्र लिख रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भाजपा समर्पित और निष्ठापूर्वक राष्ट्र की सेवा कर रही है।"
पूर्व सीएम ने लिखा, 1 जून के चुनाव सामान्य नहीं हैं वे हमारे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए भी निर्णायक हैं।" उन्होंने पटियाला और पूरे पंजाब में भाजपा की जीत पर भी भरोसा जताया।
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कांग्रेस का गढ़ रही है पटियाला सीट
यह सीट कांग्रेस का एक मजबूत गढ़ मानी जाती है। आजादी के बाद से अब तक हुए यहां 17 चुनाव में कांग्रेस को 11 बार जीत मिली है। कैप्टन अमरिंदर सिंह भी यहां से 1980 में लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं। परनीत कौर 1999, 2004 और 2009 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुकी हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें आम आदमी पार्टी के टिकट पर धर्मवीर गांधी ने हराया था। 2019 में एक बार फिर परनीत कौर यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती थीं।
पटियाला लोकसभा क्षेत्र
पटियाला लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा सीटें आती हैं। इन सीटों के नाम नाभा, पटियाला ग्रामीण, राजपुरा, डेरा बस्सी, सनौर, पटियाला, समाना, शुतराना और घनौर हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में इन सभी नौ सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को जीत मिली थी।
पटियाला लोकसभा चुनाव परिणाम
डॉ. धर्मवीर गांधी ने 2014 के चुनाव में परनीत कौर को 21,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया था।
2019 के चुनावों में, परनीत कौर ने 532,000 वोटों से डॉ. गांधी को हराकर सीट दोबारा हासिल कर ली थी। धर्मवीर गांधी को 161,000 वोट मिले थे और वह तीसरे नंबर पर रहे थे। आप उम्मीदवार नीना मित्तल को 56,660 वोट मिले थे।
पार्टी | प्रत्याशी | वोट प्रतिशत |
कांग्रेस | परनीत कौर | 45.17 |
शिअद | सुरजीत सिंह | 31.35 |
एनपीपी | धर्मवीर गांधी | 13.72 |
आप | नीना मित्तल | 4.83 |