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NEET Paper Leak: संजीव मुख‍िया सह‍ित पकड़े गए सभी लोगों पर क्‍या हैं आरोप, जान‍िए

सीबीआई को आशंका है कि हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से ही NEET का पेपर लीक हुआ था।
Written by: संतोष सिंह , Aditi Raja
नई दिल्ली | Updated: July 01, 2024 17:24 IST
neet paper leak  संजीव मुख‍िया सह‍ित पकड़े गए सभी लोगों पर क्‍या हैं आरोप  जान‍िए
NEET Paper Leak: पटना से पकड़े गए कुछ आरोपी (Source- Express)
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नीट 2024 पेपर लीक का मामला एक जुलाई को लोकसभा में छाया रहा। नेता प्रत‍िपक्ष राहुल गांधी ने राष्‍ट्रपत‍ि के अभ‍िभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर बहस में ह‍िस्‍सा लेते हुए इस मामले को प्रमुखता से उठाया।

बता दें क‍ि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रविवार को बिहार के पटना में नीट 2024 पेपर लीक मामले में 13 आरोपियों से पूछताछ की। इन आरोपियों में से 6 परीक्षा माफिया का हिस्सा हैं जबकि चार उम्मीदवार और तीन उनके माता-पिता हैं। इससे पहले पेपर लीक के मामले में झारखंड के एक स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के एक दिन बाद सीबीआई ने 29 जून को एक और शख्स को गिरफ्तार किया था। हज़ारीबाग के इस पत्रकार पर कथित तौर पर दो आरोपियों की मदद करने का आरोप है।

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इससे पहले, सीबीआई ने बिहार के नालंदा स्थित सॉल्वर गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया था। आइये जानते हैं अब तक नीट पेपर लीक मामले में कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं और कौन है इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड।

आरोपियों के बयान दर्ज

रविवार को पटना में हुई पूछताछ में लगभग सभी आरोपियों ने संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया और सिकंदर यादवेंदु को नीट परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करने के पीछे का मास्टरमाइंड बताया। हालांकि आरोपियों के बयानों में अंतर था। सीबीआई मुखिया की सक्रियता से तलाश कर रही है लेकिन वह अभी भी फरार है। एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए सभी लोगों ने संजीव मुखिया का नाम लिया है। उन्होंने उसके गिरोह से भी संबंध होने का संकेत दिया है, जिसे मुखिया गिरोह के नाम से जाना जाता है।”

संजीव मुखिया को कहा जा रहा है मास्टरमाइंड

नालंदा का रहने वाला संजीव कुमार बिहार में "सॉल्वर गिरोह" का मुखिया है। पुलिस के मुताबिक यह गिरोह बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों में फैला हुआ है। संजीव ने 4 जून को पटना की एक अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। संजीव के फरार होने के कारण मामले में सुनवाई अभी शुरू नहीं हुई है। सीबीआई को शक है कि वह नेपाल भाग गया है।

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संजीव पर अन्य पेपर लीक करने का भी आरोप है। उसे आमतौर पर 'संजीव मुखिया' के नाम से जाना जाता है, यह उपनाम उन्हें उनकी पत्नी ममता देवी के कारण मिला है। 2016 से 2021 के बीच नालंदा में भुतहाखार पंचायत की मुखिया ममता लगभग एक दशक से जनता दल (यूनाइटेड) से जुड़ी हुई हैं।

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बलदेव कुमार को मिला था सॉल्वड पेपर

इकोनॉमिक ऑफ़ेन्स यूनिट (EOU) के अनुसार, बिहार शरीफ के रहने वाले बलदेव कुमार उर्फ ​​​​चिंटू पर संजीव का मुख्य सहयोगी होने का संदेह है। जांचकर्ताओं को संदेह है कि बलदेव को नीट-यूजी परीक्षा के एक दिन पहले 4 मई की शाम उसके मोबाइल फोन पर हल किए गए पेपर की एक पीडीएफ प्राप्त हुई थी।

नीतीश कुमार और अमित आनंद ने बनाई पीडीएफ़ की कॉपी

बलदेव कुमार पर पटना में रहने वाले दो बिचौलियों नीतीश कुमार और अमित आनंद को पीडीएफ भेजने का आरोप है। नीतीश और अमित ने कथित तौर पर पीडीएफ की कॉपी बनाई और इसे पटना के खेमनीचक इलाके में गिरोह द्वारा किराए पर लिए गए एक प्ले स्कूल-छात्रावास, लर्न बॉयज़ एंड प्ले स्कूल में रहने वाले परीक्षार्थियों के साथ साझा किया। नीतीश और अमित को 22 जून को देवघर से गिरफ्तार किया गया था।

मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार

पटना निवासी मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार को 27 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। यह बिहार में इस मामले में एजेंसी की पहली गिरफ्तारी थी। इस दोनों को परीक्षार्थियों के लिए प्ले स्कूल-छात्रावास किराए पर लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

पटना में 11 गिरफ्तार

5 मई को पटना पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो अन्य बिचौलिए रोशन कुमार और अवधेश कुमार और बिचौलिए अमित के करीबी सहयोगी शामिल थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में चार परीक्षार्थी और उनके माता-पिता शामिल थे। पटना निवासी सिकंदर यादवेंदु ने कथित तौर पर चारों परीक्षार्थियों को बिचौलिए नीतीश और अमित से मिलवाया था। इन बिचौलियों ने चारों आरोपी परीक्षार्थियों को खेमनीचक स्कूल में रहने की व्यवस्था की थी। चारों आरोपी परीक्षार्थियों को 4 मई की देर रात सॉल्व पीडीएफ दे दी गई थी।

मुकेश कुमार पर चार आरोपियों को अपनी कार में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का आरोप है। बिहार शरीफ के मुरौरा गांव का रहने वाला मुकेश पटना के अगम कुआं में रह रहा था, जहां अन्य आरोपी रहते हैं। उसे 22 जून को देवघर से गिरफ्तार किया गया था।

इन लोगों ने गिरोह के सदस्यों को दिलाये थे फर्जी सिम कार्ड

नालंदा जिले के रहने वाले पंकू कुमार, परमजीत सिंह उर्फ ​​बिट्टू और राजीव कुमार उर्फ ​​कारू पर पेपर लीक कराने के लिए गिरोह के सदस्यों को फर्जी मोबाइल सिम कार्ड उपलब्ध कराने का आरोप है। 22 जून को, ईओयू ने साइबर अपराध के एक अलग मामले में तीन लोगों पर मामला दर्ज किया। 2024 की शुरुआत में, तीनों को एक अन्य पेपर लीक मामले में आरोपी के रूप में नामित किया गया था।

इस स्कूल से शुरू हुआ था पेपर लीक

28 जून को, सीबीआई ने झारखंड के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसानुल हक और उनके वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम को गिरफ्तार किया था। जांचकर्ताओं को संदेह है कि पेपर लीक उनके स्कूल से शुरू हुआ था। इम्तियाज आलम, एनटीए द्वारा नामित नीट-यूजी के लिए हजारीबाग जिला समन्वयक भी हैं।

झारखंड के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस-प्रिंसिपल की मदद करने के आरोप में 29 जून को हजारीबाग के पत्रकार मोहम्मद जमालुद्दीन को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। एक हिंदी अखबार में काम करने वाले जमालुद्दीन को उनके खिलाफ कथित तौर पर महत्वपूर्ण तकनीकी सबूत मिलने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

पुरुषोत्तम शर्मा

गुजरात के गोधरा में जय जलाराम स्कूल के प्रिंसिपल पुरुषोत्तम शर्मा को 21 मई को गिरफ्तार किया गया था। उनका स्कूल NEET परीक्षा केंद्र था। उन पर कुछ उम्मीदवारों को नकल करने में मदद करने के लिए स्कूल के एक शिक्षक सहित अन्य लोगों के साथ साजिश रचने का आरोप है। सेट सील होने से पहले ओएमआर शीट में उनके अनुत्तरित प्रश्न पुरुषोत्तम और उनके साथी शिक्षक द्वारा भरे गए थे।

तुषार भट्ट- ओएमआर शीट में छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार

12 मई को गिरफ्तार किए गए शिक्षक तुषार भट्ट पर आरोप है कि उन्होंने पुरुषोत्तम के साथ मिलकर परीक्षा के बाद छात्रों द्वारा जमा की गई ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की। तुषार पर उन छात्रों की अंतिम सूची तैयार करने के लिए दो अन्य लोगों के साथ साठगांठ करने का भी आरोप है। तुषार को 5 मई को परीक्षा के दिन डीईओ के निरीक्षण दस्ते ने घेर लिया था, उनके पास दो मोबाइल फोन थे जिनमें व्हाट्सएप चैट थी जिसमें 30 में से 16 उम्मीदवारों की "अंतिम सूची" थी जो परीक्षा में नकल करने के लिए आए थे।

आरिफ वोहरा

मार्शल आर्ट शिक्षक रहे और तुषार के परिचित आरिफ वोहरा को भी 12 मई को गिरफ्तार किया गया था। गोधरा के स्थानीय निवासी आरिफ गुजरात के उम्मीदवारों के संपर्क में थे, जिनमें से कुछ से सीबीआई पूछताछ कर रही है। आरिफ पर तुषार को 7 लाख रुपये देने का आरोप है। यह राशि पांच मई को छापेमारी के दौरान जब्त की गयी थी।

परशुराम राय पहले भी एक पेपर लीक मामले में हुए थे गिरफ्तार

वडोदरा स्थित एजुकेशन इमीग्रेशन कंपनी रॉय ओवरसीज के मालिक परशुराम रॉय तुषार के परिचित बताए जाते हैं। वह कथित तौर पर राज्य के बाहर के छात्रों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए तुषार के संपर्क में था, जिन्होंने स्कूल को अपने NEET केंद्र के रूप में चुना था। परशुराम पर झारखंड, ओडिशा, कर्नाटक और अन्य राज्यों के छात्रों को अपने केंद्र के रूप में गोधरा को चुनने का निर्देश देने का आरोप है। उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं को सील करने से पहले उनके साथ छेड़छाड़ की। परशुराम 2023 गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड जूनियर क्लर्क परीक्षा पेपर के लीक होने के मामले में गिरफ्तार किए गए 19 लोगों में से एक थे।

विभोर आनंद उमेश्वर प्रसाद सिंह

विभोर आनंद उमेश्वर प्रसाद सिंह को 20 मई को गिरफ्तार किया गया था। परशुराम के साथ मिलकर काम करने के बाद, उन पर सौदे को अंतिम रूप देने के लिए झारखंड और ओडिशा में नीट-यूजी कैंडीडेट्स के माता-पिता से संपर्क करने का आरोप है। विभोर शिक्षा एजेंटों के नेटवर्क का एक हिस्सा था जो छात्रों को एजेंटों तक पहुंचाता था।

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