Hajipur Lok Sabha Election: पिता की सीट जीत जाएंगे चिराग या आरजेडी का दांव पड़ेगा भारी?
बिहार के चुनावी मैदान में चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (राम विलास) एनडीए की ओर से पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है। खुद चिराग हाजीपुर से लड़ रहे हैं, इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए दिवंगत केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस और उनके बेटे चिराग पासवान में लंबी लड़ाई चली थी। संतोष सिंह की इस ग्राउंड रिपोर्ट में देखते हैं क्या हैं हाजीपुर के जमीनी हालात और क्या चाहती है जनता?
एक तरफ जहां पशुपति पारस हाजीपुर की सीट से चुनाव लड़ने पर अड़े थे। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव भी इसी सीट से जीता था। वहीं, चिराग पासवान भी बीजेपी नेतृत्व को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि वह हाजीपुर सीट पर किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे क्योंकि यह उनके पिता की सीट है।
जमुई से दो बार सांसद रहे हैं चिराग पासवान
जमुई से दो बार सांसद रहे चिराग तीसरी बार चुनाव जीतने का प्रयास कर रहे हैं। उनका मकसद हाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र को फिर से हासिल करना है जो उनके पिता का पर्याय रहा है जो वहां से नौ बार सांसद रहे थे (वह केवल 1984 और 2009 में यहां से हारे थे)। 2014 और 2019 के चुनावों में चिराग की जीत मोदी और उनके पिता की लोकप्रियता के कारण हुई थी। इस बार चिराग राम विलास पासवान की विरासत पर निर्भर रहेंगे, भले ही वह उनकी छाया से बाहर निकलने का प्रयास करेंगे।
शिव चंद्र राम के खिलाफ चिराग के लिए आसान होगी जीत?
जमीनी स्तर पर धारणा यह है कि हाजीपुर में जहां पांचवें चरण में 20 मई को मतदान है, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शिव चंद्र राम के खिलाफ चिराग के लिए आसान जीत होगी। हालांकि, एलजेपी (रामविलास) प्रमुख कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। अपने निर्वाचन क्षेत्र में हाल ही में एक सार्वजनिक बैठक के मौके पर चिराग ने कहा, "मुझे अपने पिता और प्रधानमंत्री के आशीर्वाद की जरूरत है, वैसे ही जैसे मुझे अपने लोगों के आशीर्वाद की जरूरत है।" हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाजीपुर में अपनी रैली में चिराग पासवान की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि चिराग ने राम विलास पासवान का बेटा होने के बावजूद कभी अहंकार नहीं किया है। उन्होंने एक सांसद के रूप में सीखने की हमेशा इच्छा दिखाई है।
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चाचा पशुपति पारस भी लड़ना चाहते थे हाजीपुर से चुनाव
एलजेपी (रामविलास) प्रमुख को अपने चाचा और हाजीपुर के वर्तमान सांसद पशुपति कुमार पारस को एनडीए में शामिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। दोनों के बीच विवाद ने एलजेपी को विभाजित कर दिया था। अब, हाजीपुर जीतकर अपने पिता की विरासत के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं। मार्च में द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में चिराग ने कहा था कि उन्हें अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी महसूस होती है। उन्होंने कहा था, "सबसे बढ़कर, मुझे हाजीपुर के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना है, जो चार दशकों से अधिक समय तक मेरे पिता का पर्याय रहा है।"
हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र
हाजीपुर बिहार की उन छह सीटों में से एक है जो अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है। यहां 21% दलित आबादी है। हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र हाजीपुर, लालगंज, महुआ, राजापाकड़, राघोपुर और महनार आते हैं। हाजीपुर के 19.5 लाख मतदाताओं में से अनुमानित तीन लाख पासवान हैं और लगभग दो-दो लाख यादव और मुस्लिम हैं। उच्च जाति के राजपूतों और भूमिहारों में से एक-एक लाख, लगभग 1.25 लाख कुशवाह, 80,000 रविदास समुदाय के सदस्य और 50,000 कुर्मी हैं।
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आरजेडी का खेल
राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, यादव बहुल राघोपुर के विधायक हैं। वहीं, हाजीपुर से आरजेडी उम्मीदवार शिव चंद्र राम पार्टी के मुस्लिम-यादव कॉम्बीनेशन और रविदास समुदाय (एससी) के समर्थन के साथ सामाजिक गणित पर भरोसा कर रहे हैं। शिव चंद्र राम यह भी उम्मीद कर रहे हैं कि विजय कुमार शुक्ला (मुन्ना शुक्ला), जो पड़ोसी वैशाली में उनकी पार्टी के उम्मीदवार हैं, भूमिहार वोटों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अपने पक्ष में जुटाने में कामयाब होंगे।
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इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान लालगंज में एक एलजेपी कार्यकर्ता ने कहा, “अब जब मुन्ना शुक्ला राजद के साथ हैं, तो एक बड़ा भूमिहार वोट उनकी ओर ट्रांसफर हो सकता है। कई जाति समूहों के 20 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं ने हमें छोड़ दिया है और वे हमें कुछ इलाकों में नुकसान पहुंचा सकते हैं।"
क्या कहते हैं हाजीपुर के स्थानीय मतदाता?
मतदाताओं के बीच स्थानीय कारकों को काफी हद तक प्राथमिकता दी जाती है, यहां तक कि पारंपरिक एलजेपी समर्थकों का भी कहना है कि वे कुछ आशंकाओं के बावजूद चिराग का समर्थन करेंगे। महनार निवासी रवि पासवान ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “यह निर्वाचन क्षेत्र पासवान परिवार का जाना माना क्षेत्र रहा है लेकिन पशुपति कुमार पारस पिछले पांच सालों में शायद ही हमारे साथ जुड़े रहे। हालांकि हम चिराग का समर्थन करेंगे, लेकिन हमें इस निर्वाचन क्षेत्र के वीआईपी सीट बने रहने का डर है।''
राजापाकर ब्लॉक की निवासी गुड़िया देवी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान कहा, “मोदी जी बहुत कुछ दिए हैं, मुफ्त राशन मिलता है।” देवी ने कहा कि चिराग उनसे मिलने आते रहे हैं और वे निश्चित रूप से उन्हें आशीर्वाद देंगी। एससी बहुल क्षेत्र राजापाकड़ में मतदाता जाति और समुदाय के आधार पर बंटे हुए हैं। जहां मुस्लिम, यादव और रविदास समुदाय आरजेडी को प्राथमिकता दे रहे हैं। वहीं गैर-यादव ओबीसी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) और ऊंची जातियां एलजेपी (रामविलास) के पक्ष में दिख रही हैं।
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'स्थानीय हैं शिव चंद्र राम'
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान हाजीपुर के किसान रमेश सिंह ने कहा कि क्षेत्र के कई गांवों में अब आठ से 10 नवनियुक्त सरकारी शिक्षक हैं। उन्होंने कहा, “हालांकि तेजस्वी ने कई युवाओं को नौकरी देकर हमारा दिल जीत लिया है, हम उन्हें केवल विधानसभा चुनावों में वोट दे सकते हैं। हम केंद्र में फिर से नरेंद्र मोदी के लिए वोट करना चाहते हैं।'' महुआ में राजेश राम ने शिव चंद्र राम को वोट देने की घोषणा करते हुए कहा, “मैंने चिराग को दूर से देखा है लेकिन शिव चंद्र राम स्थानीय हैं। हम कोई ऐसा व्यक्ति चाहते हैं जिससे हम चुनाव के बाद आसानी से संपर्क कर सकें।''
चिराग जमुई के उधार के खिलाड़ी- शिव चंद्र राम
हाल ही में अपने भाषण में शिव चंद्र राम ने कहा था कि मैं हाजीपुर के गरीब लोगों का असली प्रतिनिधि हूं। चिराग पासवान जमुई के उधार के खिलाड़ी हैं। लेकिन इन सब चीजों से ऊपर, चिराग के शस्त्रागार में सबसे बड़ा शस्त्र उनके पिता की विरासत है। संसदीय क्षेत्र में आज भी हर जगह रामविलास पासवान का जिक्र होता है। हाजीपुर बाजार के एक दुकानदार मोहन कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “उन्हें हम में से कई लोगों के नाम याद थे। हालांकि, वह नियमित रूप से हमसे मिलने नहीं आते थे, फिर भी वह हाजीपुर में कई उद्योग लाए। हम गर्व से कहते थे कि हम राम विलास पासवान के हाजीपुर से आते हैं।”
हाजीपुर लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम
पिछले चुनाव में हाजीपुर से एलजेपी के पशुपति पारस ने जीत हासिल की थी, उन्होंने आरजेडी के शिव चंद्र राम को हराया था। पशुपति को 5.41 लाख और शिव चंद्र को 3.35 लाख वोट मिले थे।
पार्टी | प्रत्याशी | वोट प्रतिशत |
एलजेपी | पशुपति पारस | 53.76 |
आरजेडी | शिव चंद्र राम | 33.36 |
हाजीपुर लोकसभा चुनाव 2014 के परिणाम
पिछले चुनाव में हाजीपुर से एलजेपी के रामविलास पासवान ने जीत हासिल की थी, उन्होंने कांग्रेस के संजीव प्रसाद को हराया था। रामविलास को 4.55 लाख और संजीव को 2.30 लाख वोट मिले थे।
पार्टी | प्रत्याशी | वोट प्रतिशत |
एलजेपी | रामविलास पासवान | 50.31 |
कांग्रेस | संजीव प्रसाद | 25.41 |
जेडीयू | श्याम सुंदर दास | 10.58 |