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मालदीव के तेवर पड़ गए ढीले, भारत के पक्ष में राष्ट्रपति मुइज्जू ने सुना दिया बड़ा फैसला

मालदीव के मत्स्य मंत्रालय ने जुर्माने की राशि के भुगतान के लिए सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था। हालांकि, जब राष्ट्रपति कार्यालय ने जुर्माना माफ कर दिया तो मंत्रालय ने अदालत से अपना केस वापस ले लिया।
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: संजय दुबे
नई दिल्ली | May 19, 2024 13:45 IST
मालदीव के तेवर पड़ गए ढीले  भारत के पक्ष में राष्ट्रपति मुइज्जू ने सुना दिया बड़ा फैसला
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (PTI)
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मालदीव में भारत को एक बड़ी राहत मिली है। वहां की मोहम्मद मोइज्जू की सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में पकड़े गये भारतीय जहाज 'होली स्पिरिट' को छोड़ने और इसके संचालक एंटनी जयबालन पर लगाए गये 42 लाख मालदीवियन रुपये का जुर्माना माफ कर दिया। मालदीव का 42 लाख जुर्माना भारत के करीब 2.25 करोड़ रुपये के बराबर है। इस फैसले के बाद भारतीय जहाज मालदीव से भारत के लिए रवाना हो चुका है।

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भारतीय जहाज को 28 अक्टूबर को MNDF कोर्स गार्ड ने पकड़ा था

जहाज को मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) के कोर्स गार्ड ने बीते साल 28 अक्टूबर को पकड़ा था। मालदीव ने भारतीय जहाज पर उसके विशेष आर्थिक क्षेत्र में मछली पकड़ने का आरोप लगाया था। जब इस जहाज को पकड़ा गया था, उस समय मालदीव में इब्राहिम सोलिह की सरकार थी।

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इसके पहले मालदीव के मत्स्य मंत्रालय ने जुर्माने की राशि के भुगतान के लिए सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था। हालांकि, जब राष्ट्रपति कार्यालय ने जुर्माना माफ कर दिया तो मंत्रालय ने अदालत से अपना केस वापस ले लिया।

उधर, भारत ने कहा है कि मालदीव के पायलटों को प्रशिक्षण के लिए भारत की मदद की जरूरत हो तो भारत इसे जरूर करेगा। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि मालदीव के साथ भारत की रक्षा और सुरक्षा भागीदारी में क्षमता निर्माण एक ‘‘महत्वपूर्ण घटक’’ है और अगर नई दिल्ली को माले के पायलट को प्रशिक्षित करने के लिए मालदीव से अनुरोध मिलता है तो ‘‘हमें इसे आगे बढ़ाने में खुशी होगी।’’

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मालदीव में एक विमानन मंच के संचालन से संबंधित मुद्दों पर रिपोर्ट से जुड़े एक सवाल के जवाब में प्रेसवार्ता के दौरान यह टिप्पणी की।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हां, क्षमता निर्माण मालदीव के साथ हमारे रक्षा और सुरक्षा संबंधों में एक महत्वपूर्ण घटक है। हमने अतीत में रक्षा क्षेत्र में उनके कर्मियों को प्रशिक्षित किया है और अगर हमें पायलटों के प्रशिक्षण के लिए अनुरोध प्राप्त होता है तो हमें इसे आगे बढ़ाने में खुशी होगी।’’

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