भारतीय छात्रों के लिए मुश्किल हुआ ऑस्ट्रेलिया जाकर पढ़ने का ख्वाब, जानें वीजा रूल्स क्यों हुए हैं सख्त
ऑस्ट्रेलिया पढ़ने जाने की चाह रखने वाले भारतीय छात्रों के सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। जानकारी यह है कि ऑस्ट्रेलिया ने अपनी वीजा पॉलिसी को काफी सख्त कर लिया है। कहा जा रहा है कि इसकी वजह वह छात्र हैं जो पढ़ाई के नाम पर वहां जाकर पार्टी टाइम जॉब करते रहे हैं। इसलिए ऑस्ट्रेलिया ने सालाना इमिग्रेशन को आधा कर दिया है।
भारत में एक पूर्व ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक ने इस फैसले पर चिंता व्यक्त की है कि इस तरह के कदम द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्या है सख्ती?
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी वीजा पॉलिसी को कनाडा और यूके की तरह और सख्त कर लिया है। प्रधान मंत्री एंथनी अल्बानीज़ के नेतृत्व वाली ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने International English Language Testing System टेस्ट को शामिल किया है। सख्त मानदंडों और विशेष देशों के छात्रों को कथित तौर पर वीजा देने से इनकार करने के कारण 2023 के बाद से अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में गिरावट देखी गई है।
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2022 और दिसंबर 2023 के बीच भारतीय छात्रों को दिए जाने वाले वीजा में 48% की गिरावट आई है। ब्रिटिश अखबार ऑस्ट्रेलियाई गृह मामलों के ताज़ा आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि नेपाल और पाकिस्तान के छात्रों को दिए जाने वाले वीजा में 53% और 55% की गिरावट आई है।
क्यों भारतीय छात्रों के लिए यह चिंता की बात है
भारतीय छात्रों के लिए यह चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया पढ़ने जाने वाले छात्रों में भारतीय छात्रों की तादाद दूसरे नंबर पर सबसे ज़्यादा है। जनवरी-सितंबर 2023 की अवधि में 1.22 लाख भारतीय छात्र ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे थे। द गार्जियन के अनुसार कठिन वीज़ा शर्तों के रहते ऑस्ट्रेलियाई संस्थानों भी काफी सख्त हो गए हैं और कुछ संस्थानों ने तो भारतीय छात्रों को एडमिशन देने से भी इनकार कर दिया है।