इटली में प्रवासी भारतीय मजदूर की मौत से सुरक्षा पर उठे सवाल, कर्ज से लेकर शोषण तक का कर रहे हैं सामना
इटली में 19 जून को खेत में काम करने के दौरान 31 साल के भारतीय मजदूर की मौत हो गई थी, जिनका नाम सतनाम सिंह था। सतनाम पंजाब के मोगा से इटली में अवैध तरीके से मजदूरी करने गए थे। वह खेत में एक भारी मशीन पर काम कर रहे थे और इस दौरान ही वह मशीन में फंस गए, उनकी मौत ने एक बार फिर भारतीय मजदूरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। इसको लेकर इटली के लाजियो में मंगलवार को एक विरोध प्रदर्शन भी हुआ था, जिसमें भारतीय मजदूरों की दयनीय स्थिति को उजागर किया गया था।
पंजाब के मोगा से आए अवैध प्रवासी सतनाम सिंह की खेत पर एक भारी मशीन में फंसने से मौत हो गई थी। लाजियो में भारतीय समुदाय के प्रमुख गुरमुख ने क्षेत्र के अप्रवासी खेत मजदूरों से अपील की थी कि वे 25 जून को दोपहर 2 बजे के बाद काम बंद कर दें और विरोध मार्च के लिए लैटिना शहर के मुख्य बस स्टैंड पर इकट्टा हों।
कर्ज और शोषण का शिकार हो रहे भारतीय मजदूर
गुरमुख का कहना था कि उन्हें सतनाम की कहानी में अपनी कहानी नज़र आती है, क्योंकि करीब तीन दशक पहले गुरमुख इटली आए थे। एक अघोषित मजदूर के रूप में काम करने के बाद वह जल्द ही कर्ज और शोषण के दलदल में फंस गए। गुरमुख कहते हैं कि उस समय हालात और भी बदतर थे क्योंकि हमारे पास अपने परिवारों या एक-दूसरे से बात करने का कोई साधन नहीं था। हम अपने घरों में रहते थे। ये लोग पकड़े जाने के डर से घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं करते थे। उनका कहना था कि मैं दूसरों से ज़्यादा भाग्यशाली था क्योंकि मेरे पास एक बेहतर मालिक था जिसने मेरे कागजात ठीक करवाए और छह साल में मैं एक कानूनी अप्रवासी बन गया हूं। उन्होंने कहा कि पंद्रह साल पहले मैंने खेत छोड़ दिया और अपनी खुद की दुकान खोली थी।
अवैध तरीके से इटली आए थे सतनाम
सतनाम सिंह ने भी उम्मीद की होगी कि वह भी अपनी स्थिति को बेहतर कर सकेंगे। वह तीन वर्ष पहले अवैध मार्ग से नेपोली पहुंचे थे, उन्हें एजेंटों ने दुनिया के सर्वाधिक विकसित देशों में से एक इटली में बेहतरीन लाइफ के सपने दिखाए थे, लेकिन यहां आने पर उनकी सारी उम्मीदें हवा हो गई। 17 जून को जब वह लाज़ियो के ग्रामीण इलाके एग्रो पोंटिनो में अपने मालिक के खेत पर काम कर रहे थे, तो एक मशीन की चपेट में आ गए, सतनाम का हाथ टूट गया और उसके पैर कुचल गए थे।
गुरमुख ने बताया कि मशीन की चपेट में आने के बाद सतनाम सिंह ने दर्द से कराहते हुए उसने अपने साथी मज़दूरों को आवाज़ लगाई, जिसके चलते मालिक घबरा गया, उसने सतनाम को एक डिब्बे में बंद करने का आदेश दिया। उसके कटे हुए हाथ को दूसरे डिब्बे में रखा और उसे अपने घर की ओर ले गया, फिर उसने कटे हुए हाथ के साथ उसे, डिब्बे के साथ गेट के सामने फेंक दिया और भाग गया। उसकी पत्नी मदद के लिए अपने पड़ोसियों के पास चिल्लाती हुई भागी, जब तक एयर एंबुलेंस आई और उसे अस्पताल ले जाया गया, तब तक उसका बहुत ज़्यादा खून बह चुका था। दो दिन बाद रोम में उसकी मौत हो गई थी।
पुलिस ने दर्ज किया केस
इस मामले में पुलिस ने इटैलियन मालिक के खिलाफ हत्या और खतरे में पड़े व्यक्ति की मदद न करने के संभावित आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। फिलहाल सतनाम की पत्नी को विशेष निवास परमिट दिया गया है। रोम में रोमा ट्रे यूनिवर्सिटी में माइग्रेशन और शरण पर कानूनी क्लिनिक के शोधकर्ता और समग्र व्याख्याता कार्लो कैप्रीओग्लियो कहते हैं कि सतनाम इस साल इटली में मरने वाले 100वें प्रवासी श्रमिक हैं। प्रवासियों की स्थिति को लेकर अध्ययन कर रहे कैप्रीओग्लियो ने कहा कि हर साल, हजारों पुरुष भारत से इटली आते हैं।
इटली में प्रवासी मजदूरों पर शोध कर रही कैलाब्रिया विश्वविद्यालय की प्रोफेसर एलेसेंड्रा कोराडो कहती हैं कि ज़्यादातर खेत में मजदूर 8 से 12 घंटे काम करते हैं और उन्हें प्रति घंटे 3 से 4 यूरो (करीब 350 रुपये) का भुगतान किया जाता है। जैतून और खरबूजे की ग्रीनहाउस खेती के केंद्र एग्रो पोंटिनो में लगभग 30,000 भारतीय रहते हैं, यहां उनकी मांग काफी ज्यादा है।