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Israel Iran FAQ: क्या एक और महायुद्ध की गवाह बनेगी दुनिया? इजरायल-ईरान का पूरा विवाद यहां समझिए

Israel Hamas War के बीच अब ईरान की भी एंट्री हो गई है, जिससे दुनिया विश्व युद्द के मुहाने पर आकर खड़ी हो गई है लेकिन आखिर यह पूरा मामला क्या है, इसे समझना बेहद अहम है।
Written by: Krishna Bajpai
नई दिल्ली | Updated: April 13, 2024 19:27 IST
israel iran faq  क्या एक और महायुद्ध की गवाह बनेगी दुनिया  इजरायल ईरान का पूरा विवाद यहां समझिए
इजरायल हमास युद्ध के बीच ईरान की एंट्री (सोर्स - रॉयटर्स)
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Israel Iran War: इजरायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच पिछले 6 महीन से ज्यादा समय से भीषण युद्ध जारी है और इजरायल ने गाजा को अपने हमलों से पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। इस युद्ध में अब ईरान की भी एंट्री हो गई है, क्योंकि सूत्र बता रहे हैं कि ईरान इजरायल पर हमला सकता है, जिससे पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध (World War 3) के कगार पर भी पहुंच सकती है।

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इजरायल और ईरान (Israel Iran War) के बीच संभावित युद्ध और दुनिया के अन्य देशों के बीच इसको लेकर टकराव यह सवाल उठा रहा है कि आखिर इजरायल और हमास युद्ध के मुहाने पर कैसे आ गए। इसके अलावा अन्य भी काफी सवाल हैं जो कि लोगों के मन में इन सारे अहम सवालों के जवाब आज हम आपको देंगे।

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इजरायल हमास युद्ध के बीच ईरान की एंट्री कैसे?

सबसे बड़ा सवाल यही है कि युद्ध तो इजरायल और हमास के बीच चल रहा था तो फिर ईरान कैसे आ गया तो बता दें कि सीरिया में इजरायली हमले में एक शीर्ष ईरानी सैन्‍य कमांडर की मौत हो गई थी। इसके चलते ईरान पर आंतरिक दबाव आ गया था कि वह इजरायल पर सीधे हमला करके सैन्य कमांडर की मौत का बदला ले। ईरान अगर ऐसा नहीं करता है तो उसे लोग 'पेपर टाइगर' समझ लेंगे। इसके चलते ही ईरान इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन की मदद से हमला करना चाहता है।

इजरायल ईरान के बीच क्या है विवाद?

ईरान और इजरायल के बीच विवाद की वजह हमेशा ही सीरिया बनता है और इस बार भी उसके सैन्य कमांडर की मौत सीरिया में ही हुई है। साल 2011 से सीरिया में जंग की स्थिति है और ईरान वहां की सरकार की मदद करता रहा है। सीरिया की बशर अल असद सरकार की ईरान मदद करता रहा है।

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अमेरिका की इस युद्ध में क्या है भूमिका?

वैसे तो अमेरिका ईरान को आगाह कर रहा है कि वह इजरायल पर हमला न करे। फिलहाल तो अमेरिका महज मध्यस्थता की अपील ही कर रहा है लेकिन इजरायल और अमेरिका दोनों की सेनांए तैयार हैं।। इन सबको देखते हुए कई विशेषज्ञ तीसरे विश्‍वयुद्ध के भड़कने के प्रति आगाह कर रहे हैं।

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ईरान-इजरायल के बीच टकारव में भारत की भूमिका?

इजरायल और ईरान के बीच युद्ध को लेकर भारत का रुख वैसे तो शांति वाला ही है लेकिन वह पर्दे के पीछे से इजरायल का ही समर्थन करता दिख सकता है, क्योंकि इजरायल भारत पुराना सहयोगी रहा है. फिलहाल भारत ईरान में अपने भारतीय नागरिकों को बचाने की कोशिश में हैं और इसीलिए उसने एडवाइजरी भी जारी की है कि कोई भी भारतीय ईरान और इजरायल दोनों ही मुल्कों की यात्रा न करें।

कौन सा देश दे रहा किसका साथ?

ईरान और इजरायल के बीच इस युद्ध में अमेरिका सीधे तौर पर इजरायल का ही साथ देगा, क्योंकि दोनों ही मित्र राष्ट्र है और ईरान हमेशा ही अमेरिका की आंखों में खटकता रहा है। ब्रिटेन से लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री तक ईरान को यह सलाह दे रहे हैं कि वह इजरायल पर कोई हमला न करे। दोनों ही मुल्क खुलकर इजरायल के समर्थन खड़े हैं. दूसरी ओर ईरान के समर्थक देशों की बात करें तो अगर युद्ध छिड़ता है तो इराक सीरिया, लेबनान तुर्किए, कतर और जॉर्डन जैसे मुस्लिम देश सीधे तौर पर ईरान के साथ खड़े हो सकते हैं।

क्या तीसरे विश्वयुद्ध के मुहाने पर खड़ी है दुनिया

एक तरफ लंबे वक्त से रूस यूक्रेन युद्ध जारी है, दूसरी ओर इजरायल हमास जंग में हैं। ऐसे में इजरायल और ईरान के बीच जंग होती है तो मिडिल ईस्ट के मुस्लिम देश ईरान के साथ और ब्रिटेन अमेरिका और फ्रांस जैसे कई देश इजरायल के साथ खड़े हो सकते हैं। इसके चलते दुनिया एक तीसरे विश्व युद्ध की चपेट में आ सकती है।

ईरान-इजरायल में कौन कितना पावरफुल?

ईरान और इजरायल की ताकत की बात करें तो इजरायल का रक्षा बजट 24.2 अरब डॉलर का है जबकि ईरान का महज 9.9 अरब डॉलर का है। इजरायल के पास 612 प्लेन हैं, ईरान के पास 551 प्लेन हैं। इजरायल के पास 2201 टैंक्स हैं जबकि ईरान के पास डबल लगभग 4071 टैंक्स हैं। समंदर शक्ति की बात करें तो इजरायल के पास 67 युद्ध पोत हैं। ईरान के पास 101 युद्धपोतों का बेड़ा है। बख्तर बंद गाड़ियों की बात करें तो इजरायल के 43 हजार और ईरान के 65 हजार हैं। इजरायल के पास 1.73 लाख सैनिक और ईरान के पास 5.75 लाक एक्टिव सैनिक हैं। इसके अलावा इजरायल के पास 4.65 लाख और ईरान के पास 3.50 लाख रिजर्व सैनिक भी हैं।

हमास युद्ध में ईरान की क्या है भूमिका

इजरायल हमास के बीच जब जंग चल रही थी, ईरान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने खुलकर हमास का समर्थन किया था। हिजबुल्लाह का गठन ही 1982 में इजरायल से लड़ाई के लिए किया था, जिसके चलते इजरायली सेना ने हिजबुल्लाह को भी कई बार हमास युद्ध के दौरान निशाने पर लिया था।

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