G7 सम्मेलन में आज शामिल होंगे PM मोदी, भारत को क्या हासिल होने वाला है?
कहने को भारत अभी जी7 का हिस्सा नहीं है लेकिन पिछले कई सालों से मित्र देश के रूप में उसे आमंत्रण मिलता आ रहा है। इसी कड़ी में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने पीएम मोदी को इस बार के जी7 सम्मेलन के लिए न्योता भेजा था, उनकी तरफ से तो लोकसभा चुनाव के दौरान ही निमंत्रण भेज दिया गया।
अब पीएम मोदी इटली के लिए रवाना हो चुके हैं, आज यानी कि शुक्रवार को दुनिया के कई बड़े नेताओं के साथ उनकी अहम मुलाकात होनी है, कई द्विपक्षी वार्ताएं रखी गई हैं। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ भी कई मुद्दों पर उनकी चर्चा होने जा रही है।
पीएम मोदी का पूरा प्रोग्राम
बताया जा रहा है कि पीएम मोदी सबसे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रो से मुलाकात करेंगे. उसके बाद ब्रिटेन के राष्ट्रपति ऋषि सड़क के साथ भी उनकी चर्चा होनी है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ भी उनकी मुलाकात तय मानी जा रही है। अब इतने नेताओं से पीएम मोदी मुलाकात करने वाले हैं, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं अगर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भी उनकी बैठक होने वाली है। बताया जा रहा है कि अंत में इटली की पीएम ने मेहमान राष्ट्रीय अध्यक्षों के लिए एक डिनर का कार्यक्रम भी आयोजित किया है, ऐसे में वहां पर पीएम मोदी भी जाने वाले हैं।
जी 7 इतना ताकतवर कैसे है?
अभी हर किसी के मन में सवाल है कि आखिर G7 क्या सही में इतना ताकतवर है भी? जानकारी के लिए बता दें कि G7 के जो देश हैं, वो दुनिया की जीडीपी का 40% हिस्सा है। इसके अलावा दुनिया भर के व्यापार की जब बात आती है तो जी-7 की हिस्सेदारी उसमें 30 से 35 फीसदी के करीब बैठती है। समझने वाली बात यह भी है कि इस समय जो वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ है, वहां भी जी7 देश की सबसे ज्यादा चलती है। आर्थिक नीतियों के मामले में भी G7 के देशों की हर राय को स्वीकृति दी जाती है।
जी7 की ताकत कहां-कहां मौजूद?
वर्तमान में यूएनएससी का प्रभाव जिस तरह से घट चुका है, जिस तरह से लगातार चीन और रूस के तनावपूर्ण रिश्तों की वजह से कोई भी बड़े पैसे नहीं हो पाए उसे स्थिति मे भी G7 अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है। दिलचस्प बात यह भी है कि जो G7 देश हैं, उनके पास गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजॉन जैसी तमाम बड़ी कंपनियां मौजूद हैं, कहना चाहिए उनके मेन स्टेशन इन्हीं देशों में इस समय मौजूद हैं, ऐसे में टेक्नोलॉजी के लिहाज से भी यह सारे देश सबसे ज्यादा तेज गति से आगे बढ़ते हुए दिख रहे हैं।
भारत और इटली का रिश्ता
भारत के लिए तो मित्र देश के रूप में भी शिखर सम्मेलन में शामिल होना मायने रखता है क्योंकि भारत और इटली की दोस्ती कई दशक पुरानी है। इटली और भारत के बीच में 125000 करोड़ का व्यापार होता है, इटली की 700 से ज्यादा कंपनियां भी इस समय भारत में काम कर रही है और खूब मुनाफा कमा रही हैं। पिछले कुछ सालों में इटली का निवेश भी भारत में काफी ज्यादा बढ़ चुका है, वर्तमान में यह आंकड़ा 28700 करोड़ के करीब बैठता है।