G7 Summit: इस बार क्या है जी7 सम्मेलन का एजेंडा, समझिए आखिर क्यों एक बार फिर मिला भारत को न्योता
G7 Summit Italy: इटली के खूबसूरत शहर पुगलिया में 13-15 जून के बीच जी7 शिखर सम्मेलन होना है। यह शिखर काफी अहम समय में हो रहा है क्योंकि दुनिया कई संकटों से जूझ रही है। एक तरफ जहां यूक्रेन से रूस का युद्ध जारी है, तो दूसरी ओर इजरायल गाजा पर बम बरसा रहा है। इस शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रोन और ब्रिटेन के ऋषि सुनक जैसे नेता शामिल होंगे।
खास बात यह है कि इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी न्योता भेजा गया है, जो कि इटली के लिए रवाना हो गए हैं। शिखर सम्मेलन का एजेंडा वर्तमान परिस्थितियों और अन्य वैश्विक चुनौतियों के आधार पर है। 2023 की तरह भारत सहित कुछ गैर-जी7 देशों को भी इसमें आमंत्रित किया गया है। ऐसे में शिखर सम्मेलन के एजेंडे पर नजर डालना काफी अहम है।
किन मुद्दों पर होगी चर्चा
जी-7 शिखर सम्मेलन के एजेंडे पर बात करें तो आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक शिखर सम्मेलन में छह प्रमुख वर्किंग सेशंस के माध्यम से विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
इसमें अफ्रीका, जलवायु परिवर्तन और विकास से लेकर, मध्य पूर्व, यूक्रेन, लगातार हो रहे माइग्रेशन, हिंद-प्रशांत और आर्थिक सुरक्षा, अफ्रीका, भूमध्य सागर, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और ऊर्जा पर आमंत्रित राष्ट्रों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सत्र अहम मुद्दे होंगे।
क्या है G7 ग्रुप?
G7 ग्रुप की बात करें तो यह में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। इस समय में इटली इस ग्रुप का अध्यक्ष है। इटली ही इस वर्ष शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है। जी-7 सदस्य देश वर्तमान में ग्लोबल जीडीपी का लगभग 45% और दुनिया की 10% से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
बता दें कि भारत इस गुट का मेंबर नहीं है, लेकिन एक बार फिर उसे आमंत्रित किया गया है। जी 7 देशों के इस गुट में जापान के अलावा कोई भी एशिया का देश नहीं है। आर्थिक आधार पर बने इस गुट को लेकर चर्चाएं यह भी है कि वैश्विक स्तर पर बदलती आर्थिक हैसियत के चलते जी7 का स्वरूप क्यों नहीं बदला जाना चाहिए।