100 साल में पहली बार इस मस्जिद में पढ़ी गई ईद की नमाज, जानें आखिर क्यों खास है इसका इतिहास
19वीं सदी में ग्रीस के थेसालोनिकी शहर में इस्लाम अपनाने वाले यहूदियों के एक समुदाय के लिए एक मस्जिद बनाई गई थी। यह वह समय था जब थेसालोनिकी शहर ओटोमन साम्राज्य के भीतर एक सांस्कृतिक बदलाव देखने को मिला था। 1920 में आखिरी बार यहां कोई नमाज हुई थी। अब वह मस्जिद आज एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि 10 साल से भी ज्यादा समय के बाद इस ऐतिहास मस्जिद पर ईद की नमाज पढ़ी गई।
यह मस्जिद 1902 में इतालवी वास्तुकार विटालियानो पोसेली द्वारा शहर की एक संकरी गली मे बनाई गई थी लेकिन 1920 के दशक में आखिरी बार इस मस्जिद में नमाज बंद हो गई थी। आज ईद के मौके पर इसी मस्जिद पर सामूहिक नमाज पढ़ी गई।
ग्रीस के मुस्लिम अल्पसंख्यक के सदस्य इस्माइल बेड्रेडिन ने कहा कि यह एक खुशी का विषय है। हम पहली बार इतना बेहतरीन बेहसूस कर रहे हैं। हमें यह भी नहीं पता था कि यह मस्जिद अस्तित्व में थी। उन्होंने कहा कि सुबह की नमाज में लगभग 70 नमाजी थे। भले ही मैं यहां 63 वर्षों से रह रहा हूं, लेकिन यह पहली बार है जब मैंने इसे देखा है।
लोगों ने जताई खुशी
नमाज पढ़ने वाले ब्रेड्रेजिन ने कहा कि हमें बताया गया कि यह 100 वर्षों में पहली बार इस मस्जिद के दरवाजे नमाज के लिए खुले हैं, जो कि एक असाधारण अनुभव है। जिस समुदाय के लिए इसे बनाया गया था, वे इस्लाम में परिवर्तित यहूदी थे, जिन्हें डोनमेह के नाम से जाना जाता है। ये लोग साल 1923 में ग्रीस और तुर्की के बीच जबरन जनसंख्या विनिमय में फंस गए थे। ग्रीस में रहने वाले मुसलमानों को तुर्की में रहने वाले रूढ़िवादी ईसाइयों के बदले में तुर्की भेज दिया गया था।
ग्रीस की कई मस्जिदों की तरह इमारत का उपयोग पिछले दशकों में कई बार बदला गया था। पुरातात्विक संग्रहालय में परिवर्तित होने से पहले यह इमारत लंबे समय तक जनसंख्या विनिमय के शरणार्थियों के लिए आश्रय स्थल के तौर पर भी इस्तेमाल की गई थी और यह उपयोग करीब 40 साल तक हुआ था।
मुस्लिम होने में नहीं है कोई विरोधाभास
नमाज का नेतृत्व करने वाले इमाम ताहा अब्देलगलील ने कहा कि रमज़ान की नमाज़ के लिए येनी कैमी का खुलना एक बहुत अच्छा संदेश है, जो कि मुस्लिम होने और नागरिक होने में कोई विरोधाभास नहीं है। इस तरह के ऐतिहासिक स्थान को खोलने और साथ ही देश के इतिहास और इसकी आजादी पर गर्व करने के बीच कोई विरोधाभास नहीं है।
कुछ लोगों को 1923 के दौरान मिली थी छूट
ग्रीस की आबादी की बात करें तो यहां रूढ़ीवादी ईसाई समुदाय बहुसंख्यक हैं, मुस्लिम समुदाय में बड़े पैमाने पर प्रवासी हैं साथ ही पूर्वोत्तर ग्रीस में एक छोटा मुस्लिम अल्पसंख्यक ग्रुप भी शामिल है, जिन्हें 1923 के जनसंख्या विनिमय से छूट दी गई थी। ग्रीक की राजधानी एथेंस में मुसलमान 2020 तक अनौपचारिक प्रार्थना कक्षों पर निर्भर थे, जब शहर की पहली राज्य-प्रायोजित मस्जिद का संचालन शुरू हुआ था।
थेसालोनिकी की येनी कैमी एक दो मंजिला इमारत है, जो कि पिछली शताब्दी के अंत के वास्तुशिल्प रुझानों के साथ इस्लामी परंपरा को जोड़ती है। यह अपने अपने मूल समुदाय के पूर्व यहूदी विश्वास की ओर इशारा करती है।