Okra Water: 30 साल की उम्र के बाद एक महीने तक अगर भिंडी के पानी का सेवन किया जाए तो सेहत पर कैसा दिखता है असर, एक्सपर्ट से जानिए
हमारा लाइफस्टाइल और खान-पान इतना ज्यादा खराब हो गया है कि कम उम्र में ही ऐसी बीमारियां अपनी चपेट में ले रही है जो 50 साल की उम्र के बाद होती थी। ऑफिशियल लाइफ ने लोगों को सिर्फ कुर्सी का मोहताज बना दिया है। दिन भर लोग 9-10 घंटे डेस्क वर्क करते हैं, बॉडी एक्टिविटी खत्म होती जा रही है जिसका नतीजा है कि 30 साल की उम्र में ही युवा हार्ट अटैक, डायबिटीज और दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। अगर समय रहते सेहत पर ध्यान दिया जाए तो बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।
कई क्रॉनिक बीमारियों जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और पाचन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए भिंडी का पानी बेहद असरदार साबित होता है। भिंडी एक ऐसी सब्जी है जो सेहत को फायदा पहुंचाती है और कई बीमारियों का उपचार करती है।
एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर एंड डायरेक्टर डॉ बिमल झाजर के मुताबिक भिंडी जिसे ओकरा के नाम से भी जाना जाता है। भिंडी का सेवन अगर उसका पानी बनाकर किया जाए तो डायबिटीज जैसी क्रॉनिक बीमारी से बचाव किया जा सकता है। 30 साल के बाद पुरुषों में डायबिटीज और दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है ऐसे में भिंडी का पानी मरीजों पर टॉनिक की तरह काम करता है।
भिंडी का पानी पीना 30 साल से अधिक उम्र के पुरुषों को कई तरह से फायदा पहुंचाता है। आसानी से तैयार ये ड्रिंक औषधीय गुणों से भरपूर है जो सेहत पर गेम-चेंजर की तरह साबित हो सकता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि 30 साल की उम्र के बाद अगर एक महीने तक भिंडी का पानी पिया जाए तो सेहत पर कैसा असर दिखता है।
डायबिटीज रहती है कंट्रोल
जिन लोगों की ब्लड शुगर हाई रहती है वो रोजाना भिंडी के पानी का सेवन करें तो आसानी से ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। 30 साल के बाद भिंडी का पानी पिया जाए तो सेहत को अनगिनत फायदे होते हैं। भिंडी में घुलनशील फाइबर होता है, जो आंतों में शुगर के अवशोषण को धीमा करके ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। जर्नल फार्मास्युटिकल बायोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक भिंडी के बीज और छिलके में एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होते हैं जो टाइप 2 डायबिटीज मरीजों के ब्लड में शुगर के स्तर को नॉर्मल रखते हैं।
पाचन रहता है दुरुस्त
30 साल की उम्र के बाद पाचन से जुड़ी परेशानियां भी तंग करने लगती है। किसी को कब्ज परेशान करता है तो कोई ब्लोटिंग और अपच से परेशान रहता है। अगर इस पानी का लगातार एक महीने तक सेवन किया जाए तो पाचन से जुड़ी इन परेशानियों पर आराम से काबू पाया जा सकता है। म्यूसिलेज से भरपूर भिंडी एक जेल जैसा पदार्थ बनाती है जो पाचन तंत्र को शांत करती है। इस पानी का सेवन करने से मल त्याग को सुचारू बनाने में मदद मिलती है। जर्नल ऑफ फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एक अध्ययन के अनुसार, भिंडी में मौजूद श्लेष्मा आंतों में नेचुरल स्नेहक के रूप में काम करता है, नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है और कब्ज से राहत देता है।
इम्युनिटी करता है बूस्ट
भिंडी का पानी इम्युनिटी को स्ट्रांग करता है। इसका सेवन करने से बीमारियों से लड़ने की क्षमता कंट्रोल रहती है। विटामिन,एंटीऑक्सीडेंट,विटामिन सी और फ्लेवोनोइड से भरपूर भिंडी का सेवन इम्युनिटी को स्ट्रांग करता है। न्यूट्रिएंट्स जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च में पाया गया कि भिंडी ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और इम्युनिटी को स्ट्रांग बनाने में मदद करती है। भिंडी के पानी का नियमित सेवन इम्युनिटी को मजबूत करने में मदद कर सकता है, जिससे यह सर्दी और फ्लू जैसी सामान्य बीमारियों से बचने में मदद करता है।
कोलेस्ट्रोल करता है कंट्रोल और दिल रखता है हेल्दी
भिंडी का पानी कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है और दिल के रोगों से बचाव करता है। हार्ट हेल्थ पुरुषों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, खासकर 30 साल की उम्र पार कर रहे लोगों में। भिंडी में फाइबर भरपूर होता है जो पित्त एसिड से जुड़कर और उन्हें शरीर से निकालकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।
अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में एक अध्ययन में पाया गया कि हाई फाइबर डाइट खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर (LDL) को काफी कम कर सकती हैं जिससे दिल के रोग और स्ट्रोक के जोखिम का खतरा कम होता है। भिंडी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो आर्टीरीज में प्लाक के निर्माण को रोकने में मदद करते हैं जो दिल के दौरे का एक सामान्य कारण है।