Monsoon Skincare For Diabetics: मानसून में ज्यादा बढ़ सकती है डायबिटीज पेशेंट्स की परेशानी, इन खास टिप्स से रखें स्किन का ख्याल
मानसून तपती गर्मी से राहत देने का काम करता है। हालांकि, इस मौसम में बीमारियों का खतरा भी दो गुना अधिक बढ़ जाता है। खासकर डायबिटीज पेशेंट्स के लिए बारिश का मौसम कई चुनौतिया पैदा कर सकता है। दरअसल, इस मौसम में ब्लड शुगर लेवल के उतार-चढ़ाव साथ स्किन से जुड़ी परेशानियां भी बढ़ने लगती है, स्किन शुष्क और खुजलीदार हो सकती है, जिससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। इन सब से अलग बारिश के गंदे पानी के संपर्क में आने से फुट अल्सर की स्थिति भी आपको परेशान कर सकती है। इसी कड़ी में यहां हम आपको कुछ खास टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप पूरे मानसून अपनी त्वचा का ख्याल रख सकते हैं।
डायबिटीज पेशेंट्स इन खास टिप्स से रखें स्किन का ख्याल
हाइड्रेटेड रहें
सबसे पहले समग्र स्वास्थ्य बनाए रखने और त्वचा के ड्राइड्रेशन को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। पानी की सही मात्रा बॉडी से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है, साथ ही इससे आपकी स्किन भी अधिक ड्राई नहीं होती है, जिससे त्वचा संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।
स्किन को रखें क्लीन
मानसून के दौरान नमी बढ़ने से फंगल और बैक्टीरिया के विकास का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में स्किन का ख्याल रखने और संक्रमण से बचने के लिए नियमित तौर पर हल्के एंटी बैक्टीरियल साबुन से नहाएं, साथ ही नहाने के बाद बॉडी से पानी को पूरी तरह सोख लें। इसके बाद किसी साफ कॉटन के कपड़े की मदद से पैरों की उंगलियों के बीच पानी को भी अच्छी तरह साफ कर लें।
मॉइस्चराइज करें
बरसात के मौसम में डायबिटीज पेशेंट्स की स्किन और अधिक शुष्क हो सकती है। वहीं, शुष्क त्वचा पर खुजली की समस्या बढ़ने लगती है, जिससे भी संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में नहाने के बाद जेंटल और नॉन फ्रेगरेंट मॉइस्चराइजर की मदद से स्किन को अच्छी तरह मॉइस्चराइज कर लें। खासकर कोहनी, घुटनों और पैरों पर मॉइस्चराइजर जरूर लगाएं।
हल्के कपड़े पहनें
बहुत अधिक टाइट कपड़े पहनने से बचें। इससे अलग हल्के और हवादार कपड़े पहनें। बारिश के कारण नमी बढ़ने लगती है ऐसे में टाइट कपड़े पहनने से त्वचा पर जलन की परेशानी बढ़ सकती है। इससे स्किन पर घाव बन सकते हैं। वहीं, डायबिटीज मरीजों के घाव ठीक होने में समय लगता है। ऐसा इसलिए क्योंकि बढ़ी हुई शुगर घाव के बैक्टीरिया को रोकने में नाकाम करने लगती है, इससे बैक्टीरिया घाव पर लेयर बना लेता है और वह भर नहीं पाता है। ऐसे में कई बार छोटी-मोटे चोटें और घावों में इंफेक्शन होने का रिस्क बढ़ जाता है।
सही जूते चुनें
गौरतलब है कि मधुमेह यानी डायबिटीज होने पर फुट अल्सर का खतरा सबसे अधिक रहता है। ऐसे में मानसून के दौरान अपने पैरों को नमी और फंगल संक्रमण से बचाने के लिए सही जूते पहनना जरूरी है। इसके लिए खुले पंजे वाले, रबर या वाटरप्रूफ जाली जैसे मटेरियल से बने सांस लेने योग्य जूते चुनें। अगर आप पूरी तरह से कवर जूते पहन भी रहे हैं, तो इनके अंदर मोजे जरूर पहनें। इससे पैरों में पसीने की समस्या अधिक नहीं बढ़ती है, साथ ही एक बार पहनने के बाद मोजों को अच्छी तरह धोकर साफ कर लें।
नियमित जांच है जरूरी
इन सब से अलग तमाम बातों का ख्याल रखने के बावजूद समय-समय पर स्किन की जांच जरूर करते रहें। त्वचा पर हल्के चकत्ते, घाव या संक्रमण जैसे किसी भी स्थिति में तुरंत हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह लें। साथ ही अगर आपको स्किन पर खुजली का एहसास अधिक हो रहा है, तो एक बार अपना शुगर लेवल जांच लें। इन कुछ खास बातों को ध्यान में रख आप अपनी स्किन का ख्याल रख सकते हैं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।