Heat Stroke VS Food Poisoning: कैसे पता करें कि आपको फूड पॉइजनिंग हुई है या हीट स्ट्रोक? इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
भीषण गर्मी का मौसम अपने चरम पर है। ऐसे में लोगों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, इनमें हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग का खतरा सबसे आम है। तापमान के बढ़ते ही अधिकतर लोगों को ये समस्याएं घेर लेती हैं। वहीं, परेशानी की बात यह है कि ज्यादातर लोग हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग के बीच अंतर को नहीं पहचान पाते हैं, जिससे समय के साथ ये समस्या अधिक बढ़ती चली जाती है। इसी कड़ी में यहां हम आपको हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग के अलग-अलग लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिनकी समय रहते पहचान कर सही इलाज के साथ आप स्थिति को अधिक गंभीर होने से रोक सकते हैं।
कैसे पहचानें अंतर?
मामले को लेकर इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान सीके बिड़ला अस्पताल, दिल्ली में इंटरनल मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया, हीट स्ट्रोक और फूड पॉइजनिंग, ये दोनों ही स्थिति सेहत के लिए बेहद गंभीर हो सकती हैं। खासकर गर्मी के मौसम में इनके मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं। आप कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर दोनों के बीत अंतर को पहचान सकते हैं। जैसे-
हीट स्ट्रोक की चपेट में आने पर सबसे पहले व्यक्ति के शरीर का तापमान बढ़ (103°F/39.4°C से ऊपर) जाता है। इसके अलावा भ्रम, उत्तेजना की स्थिति पैदा होने लगती है। यहां तक कि व्यक्ति को बोलने या चीजों को समझने में भी परेशानी होने लगती है, त्वचा अधिक गर्म और शुष्क महसूस होती है, दिल की धड़कन बढ़ने लगती हैं, बेहोशी की स्थिति पैदा हो सकती है, शरीर में कंपन बढ़ जाती है, साथ ही आप खुद को बेहद कमजोर महसूस करने लगते हैं।
वहीं, बात फूड पॉइजनिंग की करें, तो इस स्थिति में बार-बार उल्टी-मतली और दस्त की समस्या व्यक्ति को परेशान करती है। इसके अलावा पेट में तेज दर्द, ऐंठन, जी मचलना जैसी परेशानियां भी घेर लेती हैं।
डॉ. गुप्ता के अनुसार, इन दोनों ही स्थितियों में डिहाइड्रेशन होना सबसे आम है लेकिन अगर आपके शरीर का तापमान बहुत अधिक बढ़ गया है और बावजूद इसके आपको पसीना नहीं आ रहा है, तो ये निश्चित तौर पर हीट स्ट्रोक की पहचान है। फूड पॉइजनिंग होने पर इस तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं। कभी-कभी बुखार हो सकता है लेकिन आपके शरीर का तापमान उतना अधिक नहीं होता है।
किन लोगों को है अधिक खतरा?
इस सवाल को लेकर डॉ. गुप्ता बताते हैं, शिशुओं, छोटे बच्चों, बुजुर्गों, हृदय संबंधी बीमारियों, पुरानी श्वसन समस्याओं, लिवर या गुर्दे की बीमारी वाले व्यक्तियों को गर्मी से होने वाली बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। इतना ही नहीं, गंभीर मामलों में ये जानलेवा भी साबित हो सकता है। ऐसे में अपनी सेहत पर ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है। गर्मी में खासकर दोपहर के समय बाहर जाने से बचें, साथ ही कोशिश करें कि इस दौरान आप केवल घर पर बना हेल्दी खाना ही खाएं।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।