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गर्दन के पीछे निकल आया है कूबड़? इन 3 आसान योगासन से मिल सकता है छुटकारा

यहां हम आपको 3 ऐसे योगासन के बारे में बता रहे हैं, जो नेक हंप की समस्या से निजात दिलाकर आपके पॉश्चर में भी सुधार करने में मददगार हो सकते हैं।
Written by: हेल्थ डेस्क | Edited By: Shreya Tyagi
नई दिल्ली | Updated: April 29, 2024 09:09 IST
गर्दन के पीछे निकल आया है कूबड़  इन 3 आसान योगासन से मिल सकता है छुटकारा
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आज के समय में अधिकतर लोग मोबाइल फोन चलाने के आदी हैं, तो वहीं कुछ लोग अपने दिन का ज्यादातर समय लैपटॉप के आगे बिताते हैं। इसकी वजह से लोगों को कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक है नेक हंप, जिसे आम भाषा में गर्दन का कूबड़ भी कहा जाता है। घंटों एक ही पॉश्चर खासकर गलत पॉश्चर में बैठने से अधिकतर लोगों की गर्दन पर पीछे की ओर फैट जम जाता है, इसे ही नेक हंप कहा जाता है।

वहीं, नेक हंप के चलते व्यक्ति का पॉश्चर दिखने में तो खराब लगता ही है, साथ ही इससे गर्दन में अकड़न और दर्द का एहसास भी बढ़ने लगता है। ऐसे में अगर आप भी इस तरह की समस्या से जूझ रहे हैं, तो बता दें कि कुछ खास योगासन का नियमित अभ्यास इस परेशानी से निजात पाने में आपकी मदद कर सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको 3 ऐसे ही योगासन के बारे में बता रहे हैं, जो नेक हंप की समस्या से निजात दिलाकर आपके पॉश्चर में भी सुधार करने में मददगार हो सकते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में-

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भुजंगासन

बॉडी के पोश्चर को ठीक करने और गर्दन के कूबड़ को खत्म करने में भुजंगासन का नियमित अभ्यास कमाल का असर दिखा सकता है। भुजंगासन रीढ़ की हड्डी में खिंचाव पैदा करता है, जिससे पोश्चर सही होता है।

कैसे करें भुजंगासन?

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले एक सपाट जमीन पर पेट के बल लेट जाएं।
  • इसके बाद अपने दोनों पैरों के बीच की दूरी को कम करें और पैरों को बिल्कुल सीधा रखें।
  • अब अपनी हथेलियों को कंधे के सीध में लाएं और गहरी सांस लेते हुए छाती से लेकर नाभि तक शरीर को ऊपर उठा लें।
  • कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहे और धीरे-धीरे सांस लेते व छोड़ते रहें।
  • फिर गहरी सांस छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में नीचे आ जाएं।

शलभासन

कूबड़ से छुटकारा पाने के लिए शलभासन का अभ्यास भी फायदेमंद है। इस आसन में भी रीढ़ की हड्डी को हल्का खींचा जाता है। इससे रीढ़ को मजबूती मिलती है, साथ ही गर्दन भी आगे की ओर अधिक झुकती नहीं है।

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कैसे करें शलभासन?

  • शलभासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दूरी रखें।
  • इसके बाद हाथों को जांघों के नीचे रखें और गहरी सांस लेते हुए सिर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
  • इसके बाध धीरे-धीरे हाथों और पैरों को भी जमीन से उठाएं।
  • इस पोजिशन में पेट मैट पर और अपर व लोअर बॉडी जमीन से ऊपर हवा में होनी चाहिए।
  • कुछ देर इस पोजिशन में रूकें और फिर वापस पुरानी पोजिशन में आ जाएं।
  • आप अपनी क्षमतानुसार इस आसन को होल्‍ड करके रख सकते हैं।

गोमुखासन

इन सब से अलग गोमुखासन भी गर्दन के कूबड़ से छुटकारा दिला सकता है।

कैसे करें गोमुखासन?

  • गोमुखासन करने के लिए क्रॉस लेग वाली मुद्रा में बैठ जाएं इसके लिए अपने दाएं पैर को बाएं पैर की जांघों के ऊपर रखें।
  • अब अपने दाएं हाथ को कंधे के ऊपर करें और कोहनी को पीठ के पीछे जितना अधिक हो सकता है, ले जाएं।
  • इसके बाद बाईं कोहनी को पीछे की ओर लाकर दोनों हाथों को मिला लें।
  • इस स्थिति में कुछ देर रहें और गहरी सांस का अभ्यास करें। अब दोबारा पूर्ववत स्थिति में आ जाएं।

ये 3 योगासन रोज करने से आपके शरीर को एक साथ कई लाभ पहुंच सकते हैं।

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