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जब फिल्म शूटिंग के दौरान बुरी तरह जल गए थे नाना पाटेकर, पलकों और दाढ़ी में भी लग गई आग

नाना पाटेकर ने बताया कि 'परिंदा' और 'क्रांतिवीर' की शूटिंग के दौरान उनके साथ गंभीर हादसे हुए थे।
Written by: एंटरटेनमेंट डेस्‍क | Edited By: Gunjan Sharma
नई दिल्ली | Updated: June 26, 2024 18:48 IST
जब फिल्म शूटिंग के दौरान बुरी तरह जल गए थे नाना पाटेकर  पलकों और दाढ़ी में भी लग गई आग
नाना पाटेकर
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नाना पाटेकर फिल्म इंडस्ट्री के बेहतरीन एक्टर्स में से एक हैं। उन्होंने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में की हैं, जिनमें 'क्रांतिवीर' और 'परिंदा' उनकी यादगार फिल्मों में से एक हैं। मगर कम ही लोगों को पता होगा कि इन फिल्मों में कुछ सीन रियल थे, जिन्हें फिल्माते समय नाना पाटेकर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अभिनेता ने इसके बारे में बताया।

नाना पाटेकर ने अपने इंटरव्यू में इन फिल्मों के दमदार सीन के बारे में बात की। उन्होंने बताया कैसे 'परिंदा' के क्लाइमेक्स सीन के दौरान वह सचमुच जल गए थे। इसके कारण वह एक साल तक काम नहीं कर पाए थे। उनकी स्किन, दाढ़ी और पलके जल गई थीं। इसके अलावा 'क्रांतिवीर' के समय भी शूटिंग के दौरान उन्हें चाकू लग गया था, जिससे वह जख्मी हो गए थे।

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'परिंदा' के शूट के बारे में याद करते हुए नाना ने बताया कि जो किरदार इस फिल्म में जैकी श्रॉफ का था, वो पहले उन्हें ऑफर हुआ था, लेकिन बाद में उन्हें अन्ना का रोल मिला और ये किरदार फैंस का फेवरेट बन गया। फिल्म में उनके किरदार को क्लाइमेक्स को जलते हुए दिखाया था और उस वक्त टेक्नोलॉजी इतनी नहीं होती थी तो आग रियल होती थी। विधु विनोद चोपड़ा ने सेट पर असली आग का इंतजाम किया और इसमें नाना पाटेकर बुरी तरह जल गए। वह एक महीने तक बेड पर थे।

लल्लन टॉप के साथ बातचीत में नाना ने कहा, "आग असली थी और मैं सच में चल रहा था। उस शूट के बाद मैं एक साल तक कुछ नहीं कर पाया। मैं 60 दिनों तक अस्पताल में भर्ती था। जिस सीन में मैं खुद को आग से बचाने की कोशिश कर रहा था, मैं वास्तव में उस वक्त जल रहा था। मेरी पूरी त्वचा निकल गई थी, कुछ नहीं बचा था। कोई दाढ़ी हीं बची थी, मूछे, आइब्रो, पलके कुछ नहीं बचा था। 6 महीने तक मैं रेस्ट पर था।

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उन्होंने आगे कहा, "यह कोई जोखिम नहीं था जो मैंने उठाया, यह एक दुर्घटना थी। आपको जलने में कितना समय लगता है? जलने में आपको मुश्किल से पांच सेकंड का समय लगता है। उन पांच सेकंड में, मैंने जो कुछ भी बताया वह सब जल गया था। पहले टेक में हमने तीन बाल्टी डाली, दूसरे में हमने 14 बाल्टी डाली, इसलिए आग तेज। हालांकि, यह एक दुर्घटना थी, ऐसा नहीं था कि विनोद मुझे जलाना चाहते थे। ये बस हो गया।"

ऐसी और दुर्घटनाओं के बारे में बोलते हुए, नाना को मीरा नायर की 'सलाम बॉम्बे' का एक किस्सा याद आया, जहां उन्हें सीन में दिखाना था कि नाना पाटेकर के किरदार को कोई चाकू मार देता है। उन्होंने कहा, "आपको वो सीन याद है जहां एक आदमी आता है और मुझे चाकू मार देता है? उस सीन के लिए उन्होंने मेरी कमर पर टायर बांध दिया था, लेकिन जितनी ताकत से लड़के ने मुझ पर वार किया, असल में चाकू मुझे ही लगा और मेरा खून बह रहा था। उन्होंने सोचा, 'क्या एक्टिंग की है'। इस तरह की दुर्घटनाएं होती रहती हैं।"

नाना पाटेकर के वर्कफ्रंट की बात करें तो उन्हें आखिरी बार फिल्म 'द वैक्सीन वार' मे देखा गया था और अब वह जल्द ही अनिल शर्मा की 'जर्नी' में नजर आने वाले हैं। इसके साथ ही उनके पास पाइपलाइन में और भी फिल्में हैं।

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