'चेहरे से रिच नहीं लगते…', खूब रिजेक्शन झेल चुके प्रतीक गांधी, एक्टिंग के लिए छोड़ दिया था 26 लाख का पैकेज
द इंडियन एक्सप्रेस की नई सीरीज ‘एक्सप्रेसो’ का बीते दिन आगाज हुआ। 6 पार्ट वाली इस सीरीज में बतौर पहले गेस्ट विद्या बालन (Vidya Balan) और प्रतीक गांधी (Partik Gandhi) पहुंचे। दोनों इस दौरान काफी मजेदार बातें की। इस दौरान उन्होंने करियर, लाइफ और स्ट्रगल को लेकर ढेरों बातें की। इसी बीच वेब सीरीज 'स्कैम 1992' में नजर आ चुके एक्टर प्रतीक गांधी ने अपने संघर्षों के दिनों को याद किया और बताया कि स्किन कलर की वजह से उन्हें काफी रिजेक्शन झेलना पड़ा। टीवी इंडस्ट्री ने तो उन्हें कभी स्वीकार ही नहीं किया। इतना ही नहीं, उन्हें ये तक कहा गया कि उनका चेहरा रिच नहीं लगता है।
प्रतीक गांधी ने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए कहा कि वो कइयों बार रिजेक्शन झेल चुके हैं। कई बार स्किन कलर की वजह से भी उन्हें प्रोजेक्ट से बाहर किया गया है। प्रतीक बताते हैं कि एक बार तो उन्हें एक शख्स ने कहा था कि सबकुछ तो ठीक है मगर वो उन्हें अमीर नहीं दिखा पाएंगे क्योंकि उनका चेहरा रिच नहीं लगता है। प्रतीक आगे बताते हैं कि वो अपने करियर में कभी भी हार नहीं मानें। उन्हें स्किल और अपनी एक्टिंग पर पूरा भरोसा था। एक्टर ने कई सालों तक थिएटर किया और खुद को मोटिवेट करते रहे। फिर वो समय आ गया जब उन्हें काम मिला और उनकी पहली सैलेरी एक शो के लिए 25000 हजार रुपए थी। इसे पाकर प्रतीक काफी खुश थे।
26 लाख का सालान पैकेज छोड़ एक्टिंग में आए थे प्रतीक
इतना ही नहीं, प्रतीक ने बताया कि वो फिल्मों और एक्टिंग में आने से पहले एक इंजीनियर थे। वो एक कंपनी में काम कर रहे थे। एक्टिंग में आने के लिए उन्होंने 26 लाख का पैकेज और नौकरी छोड़ दी थी। आपको बता दें कि वेब सीरीज 'स्कैम 1992' प्रतीक के करियर की टर्निंग प्वॉइंट रही। इससे उन्हें नेम और फेम दोनों ही मिला है। एक्टर बताते हैं कि इस वेब सीरीज को करने के बाद उन्हें लोग जानने लगे और वो भी इंटरव्यूज देने लगे।
विद्या बालन से पहली मुलाकात में नर्वस हो गए थे प्रतीक
गौरतलब है कि विद्या बालन और प्रतीक गांधी फिल्म 'दो और दो प्यार' में नजर आने वाले हैं। ऐसे में स्टार एक्ट्रेस से पहली मुलाकात को लेकर प्रतीक ने बताया कि वो काफी एक्साइटेड थे। वो उनसे मुलाकात करने की एक्साइटमेंट को कंट्रोल नहीं कर पा रहे थे। उस दौरान काफी नर्वस थे। बहलहाल, प्रतीक के वर्कफ्रंट की बात की जाए तो उन्हें आखिरी बार फिल्म ‘मडगांव एक्सप्रेस’ में देखा गया था। इसे कुणाल खेमू ने निर्देशित किया था।