CineGram: मीना कुमारी ने झेला 3 तलाक और हलाला का दर्द, जीनत अमान के पिता संग बनाने पड़े रिश्ते?
हँसी थमी है इन आँखों में यूँ नमी की तरह
चमक उठे हैं अंधेरे भी रौशनी की तरह
यूँ तेरी रहगुज़र से दीवाना-वार गुज़रे
काँधे पे अपने रख के अपना मज़ार गुज़रे
ये शेर मीना कुमारी के हैं जिन्होंने अपने बेहतरीन अभिनय से रुपहले पर्दे को तो रोशन किया ही, साथ ही बेहतरीन शायरी लिखकर अपना हाल-ए-दिल भी बयां किया है। आप उनकी शायरी पढ़ेंगे तो समझेंगे कि मीना कुमारी के दिल में कितना दर्द दबा था, यूं ही नहीं उन्हें ट्रैजडी क्वीन कहा जाता है।
1 अगस्त 1933 को मुंबई में पैदा हुई मीना कुमारी का असली नाम महजबीन बानो था। उन्होंने बचपन से ही ज़िंदगी का सबसे कुरूप चेहरा देख लिया था। मां बीमार थी और पिता ने मीना कुमारी को अनाथालय पहुंचा दिया था, हालांकि उनका मन पिघला और वो बेटी को वापस घर ले आए। लेकिन घर आकर मीना कुमारी को चैन की जिंदगी नहीं मिली, घर की माली हालत खराब थी और महज 4 साल की उम्र में मीना कुमारी फिल्मों में काम करने लगीं। उस वक्त फिल्मों में अच्छे घर की लड़कियां नहीं जाती थीं और इसे खराब काम समझा जाता था।
मीना कुमारी फिल्मों में काम करने की वजह से पढ़ाई भी नहीं पूरी कर पाईं, मगर शेर-ओ-शायरी वो ऐसा करतीं कि जो भी सुनता उनकी मुरीद बन जाता।
आग़ाज़ तो होता है अंजाम नहीं होता
जब मेरी कहानी में वो नाम नहीं होता
मीना कुमारी ने जी तोड़ मेहनत की और अपने परिवार को आर्थिक तंगी से बाहर निकाला। मीना के परिवार में पैसों की कमी अब नहीं होती थी मगर मीना कुमारी की जिंदगी के दुख भी कम नहीं हुए।
3 तलाक के दर्द से गुज़री मीना कुमारी
मीना कुमारी ने 18 साल की उम्र में 34 साल के कमाल अमरोही से शादी की। मीना कुमारी कमाल अमरोही को दिल से चाहती थीं मगर शादी के बाद उनके सपने टूटने लगे। मीना कुमारी बड़ी स्टार बन चुकी थीं और उनसे मिलने और उन्हें फिल्मों का ऑफर देने वालों की भीड़ घर में जमा रहती थी। कमाल अमरोही को जलन होने लगी थी और उन्होंने मीना कुमारी के साथ कई बार मार पिटाई की। वो चाहते थे कि मीना कुमारी फिल्मों में काम करना छोड़ दें। दावा किया जाता है कि एक बार तो उन्होंने मीना कुमारी को गुस्से में तलाक दे दिया। 3 बार तलाक, तलाक, तलाक बोलने पर मीना और अमरोही का तलाक हो गया।
हलाला के बाद टूट गईं मीना कुमारी
कहा जाता है कि तलाक होने के बाद कमाल अमरोही को अपनी गलती का एहसास हुआ और वो मीना कुमारी को अपनी जिंदगी में वापस चाहते थे। मीना भी अपने शौहर के पास लौटना चाहती थीं। मगर इस्लाम के मुताबिक अगर कोई शौहर अपनी पत्नी को तलाक देता है और उससे दूसरी बार निकाह करना चाहता है तो उसके लिए उसकी पत्नी को हलाला से गुजरना पड़ता है। इसका मतलब उसकी पत्नी को किसी और से निकाह करके उसके साथ हमबिस्तर होना पड़ता है और उससे तलाक लेकर वापस अपने पहले शौहर से निकाह कर सकती है। मीना कुमारी को भी हलाला से गुजरना पड़ा। कमाल अमरोही ने इसके लिए जीनत अमान के पिता अमान उल्लाह खां को चुना गया। उन्होंने मीना कुमारी से निकाह किया, उनके साथ संबंध बनाए और फिर उन्हें तलाक दिया इसके बाद मीना कुमारी और कमाल अमरोही की दोबारा शादी हो पाई। मीना कुमारी हलाला से टूट गईं, इसका जिक्र उनकी ऑटोबायग्राफी में मिलता है। 'ये कौन सी जिंदगी है कि मज़हब के नाम पर मुझे अपना जिस्म सौंपना पड़ा। अगर ऐसा मेरे साथ हुआ तो मुझमें और वेश्या में क्या फर्क है।'
![meena kumari 3 talaq, halala](https://www.jansatta.com/wp-content/uploads/2024/05/meena-kumari-2.jpg?w=550)
शराब की लत ने ले ली मीना कुमारी की जान
मीना कुमारी अपनी निजी जिंदगी से इस कदर परेशान थीं कि उन्हें शराब की लत लग गई। जिससे उनका लिवर खराब हो गया। साल 1972 में महज 38 साल की उम्र में मीना कुमारी का निधन हो गया। उनकी आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई। मीना कुमारी की जिंदगी में इतना दर्द था जो उनकी फिल्मों में उनकी अदायगी में भी दिखता है।
ताजदार अमरोही ने इन खबरों को बताया बकवास
मीना कुमारी के साथ हुए 3 तलाक और हलाला के बारे में कंगना रनौत ने भी जिक्र किया था जिसके बाद कमाल अमरोही के बेटे और मीना कुमारी के सौतेले बेटे ताजदार अमरोही ने इन खबरों को गलत बताया था। उन्होंने नवभारत टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा था, ''कंगना रनौत ने एक टीवी चैनल में बातचीत के दौरान मेरी छोटी मां ( मीना कुमारी ) का नाम लेते हुए कहा कि मीना कुमारी का हलाला हुआ था। उस बेवकूफ लड़की ( कंगना रनौत ) को यह मालूम तक नहीं है कि छोटी अम्मी ( मीना कुमारी ) एक शिया मुसलमान थीं, मेरे अब्बू कमाल अमरोही भी शिया मुस्लिम थे और शिया मुसलामानों में हलाला जैसी कोई चीज कभी भी नहीं होती है, देना भी चाहें तो नहीं होगा।'
सीनियर जर्नलिस्ट ने भी हलाला की बात को बताया गलत
मीना कुमारी की बायोग्रफी 'मेन हू लव्ड एंड लेफ्ट मीना कुमारी' लिखने वाले सीनियर जर्नलिस्ट विनोद ने अपनी किताब में भी मीना कुमारी के तीन तलाक और हलाला जैसी घटना का जिक्र नहीं किया। वहीं इतिहासकार और लेखक राणा सफवी ने भी ट्वीट करके हलाला की बातों को बकवास बताया है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा है, कमाल अमरोही मुसलमानों के शिया समुदाय से ताल्लुकात रखते थे, और शियाओं में हलाला निकाह जैसी कोई प्रथा नहीं होती।