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CineGram: 'पैसे नहीं तो फिल्म नहीं…', जब मुंहमांगी फीस ना मिलने पर अमरीश पुरी ने छोड़ दी थी फिल्म, कहा था- 'लोग मेरी एक्टिंग देखने आते हैं'

गुजरे जमाने के दमदार खलनायक अमरीश पुरी की आज 92वीं बर्थ एनीवर्सरी है। इस मौके पर आपको उनसे जुड़े एक किस्से के बारे में बता रहे हैं, जब उन्होंने मुंहमांगे पैसे ना मिलने पर फिल्म को ही ठुकरा दिया था।
Written by: एंटरटेनमेंट डेस्‍क | Edited By: Rahul Yadav
नई दिल्ली | Updated: June 22, 2024 10:57 IST
cinegram   पैसे नहीं तो फिल्म नहीं…   जब मुंहमांगी फीस ना मिलने पर अमरीश पुरी ने छोड़ दी थी फिल्म  कहा था   लोग मेरी एक्टिंग देखने आते हैं
अमरीश पुरी की 92वीं बर्थ एनीवर्सरी। (Photo- Jansatta)
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हिंदी सिनेमा जगत में बहुत से खलनायक रहे हैं, जिन्होंने अपने दमदार अभिनय के दम पर इंडस्ट्री में राज किया और खूब नाम कमाया। कई बार उनका अभिनय फिल्म के लीड हीरो पर भारी पड़ा। इसी में से एक पॉपुलर विलेन अमरीश पुरी रहे। उन्होंने ना केवल खलनायिकी की बल्कि बाप-भाई और दादा तक का रोल किया। उन्होंने हर रोल में अलग ही छाप छोड़ी। स्क्रीन पर उन्हें ज्यादातर फिल्मों में गुस्सैल और रौबदार किरदार में देखा गया। लेकिन, असल जिंदगी में वो काफी नर्म दिलवाले इंसान थे। वो विवादों और शराब से दूर ही रहे। वहीं, अपने काम को लेकर वो थोड़ सख्त रहे हैं। एक बार तो उन्होंने फिल्म को इसलिए छोड़ दिया था क्योंकि मुंहमांगे पैसे नहीं मिले थे। चलिए बताते हैं उनसे जुड़ा ये दिलचस्प किस्सा।

दरअसल, दिवंगत एक्टर अमरीश पुरी की आज 92वीं बर्थ एनीवर्सरी है। आज वो भले ही इस दुनिया में नहीं हैं मगर उन्होंने इंडस्ट्री में दो दशकों तक राज किया। 40 साल की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री करने वाले अमरीश पुरी ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक हिट फिल्मों में काम किया और स्क्रीन पर अपनी अलग छाप छोड़ी, जिसकी वजह से वो आज भी लोगों के जहन में जिंदा हैं। 22 जून, 1932 को पंजाब के नवांशहर में जन्मे अमरीश पुरी से जुड़े एक किस्से के बारे में बता रहे हैं, जब उन्होंने मुंहमांगे पैसे ना मिलने पर फिल्म को ही छोड़ दिया था और ये कहा था कि लोग उनकी वजह से फिल्में देखने आते हैं और इसी वजह से प्रोड्यूसर पैसा कमाते हैं।

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नहीं मिले 80 लाख तो ठुकरा दी फिल्म

अमरीश पुरी का ये किस्सा एन एन सिप्पी की एक फिल्म से जुड़ा है। 1998 के एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र भी है। सिप्पी की फिल्म उन्होंने इसलिए छोड़ दी थी क्योंकि उन्हें मुंहमांगे पैसे के मुताबिक 80 लाख रुपए नहीं मिल रहे थे। अमरीश पुरी ने इंटरव्यू में इसे लेकर कहा था कि जो उनका हक है वो उन्हें मिलना चाहिए। उन्होंने कहा था कि वो एक्टिंग के साथ कोई समझौता नहीं करते तो फिल्म के लिए कम पैसा क्यों लें? अमरीश पूरी ने दावा किया था कि लोग उनकी एक्टिंग को देखने के लिए आते हैं और इसकी वजह से प्रोड्यूसर्स को पैसा मिलता है तो क्या उनका पैसा चार्ज करना गलत है?

इसके साथ ही एन एन सिप्पी की फिल्म को मना करने को लेकर एक्टर ने बताया था कि उस समय उन्होंने इसे 3 साल पहले साइन की थी और कहा गया था कि उस समय साल के अंत में फिल्म शुरू हो जाएगी। लेकिन, 3 साल बाद भी इसकी शूटिंग नहीं शुरू हुई थी। इसे लेकर उन्होंने कहा था कि 3 साल बाद मार्केट भाव बदल गया है तो वो उतने पैसे में काम नहीं करेंगे।

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विदेशों में 'मोला राम' से फेमस थे अमरीश पुरी

आपको बता दें कि अमरीश पुरी का जलवा ना केवल बॉलीवुड और इंडिया में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी खूब रहा है। विदेश में उन्हें मोला राम के नाम से जाना जाता था। दरअसल, उन्होंने साल 1984 में स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म 'इंडियाना जोन्स एंड दा टेंपल ऑफ डू' में काम किया था। इसमें उनका मोला राम का किरदार था। इतना ही नहीं, फिल्म में अमरीश पुरी ने अपना सिर भी मुंडवाया था। इसमें लोगों ने उनके लुक को खूब सराहा था। इसके बाद अमरीश ने अपनी निजी जिंदगी में भी यह लुक काफी समय तक अपनाए रखा था। इस फिल्म से ही उनका नाम मोला राम पड़ गया था। बता दें कि स्पीलबर्ग हमेशा से कहा करते थे कि अमरीश पुरी उनके सबसे पसंदीदा विलेन हैं।

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