क्या पंजाब में फिर साथ दिखाई देंगे बीजेपी और अकाली? यूं ही नहीं लगाए जा रहे कयास
पंजाब में 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की बरसी पर हर साल सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाते हैं। ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर राज्य में आज भी सियासत होती है। मंगलवार को 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की बरसी पर शिरोमणि अकाली दल के नेता महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने बड़ा बयान दिया। मीडिया ने जब उनसे लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हम 'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की वजह से कांग्रेस के साथ नहीं जा सकते। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी यह तय कर ले कि अपने गठबंधन के साझेदारों को वो उचित सम्मान देंगे तो तो राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है।
क्यों लगाए जा रहे बीजेपी-अकाली गठबंधन के कयास?
'ऑपरेशन ब्लू स्टार' की बरसी से महज कुछ दिन पहले ही बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद बीते सोमवार को AAP शासित पंजाब में अमृतसर प्रशासन ने सोमवार को स्वर्ण मंदिर परिसर में नारों और मीडिया साक्षात्कारों पर रोक लगाने वाले 17 साल पुराने प्रस्ताव की प्रति जारी करने का अभूतपूर्व कदम उठाया।
पांच सिख संतों द्वारा अपनाया गया यह संकल्प घल्लूघरा दिवस (1984 के ऑपरेशन ब्लूस्टार की बरसी) की पूर्व संध्या पर रिलीज किया गया। अकाल तख्त द्वारा सिख संतों के निर्देशों को मीडिया में जारी करना कोई असामान्य बात नहीं है, लेकिन यह पहली बार है जब जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है। इसके बाद से ही ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी में गठबंधन हो सकता है। बता दें कि SGPC में ज्यादातर सदस्य SAD के हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया पर छपी खबर में सूत्रों के हवाल से बताया गया है कि जलंधर लोकसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी की जीते के बाद ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि पंजाब में AAP बढ़ रही है। शायद इसी को देखते हुए अकाली लीडरशिप ने अपने पुराने दोस्त बीजेपी से फिर संपर्क करने का विचार किया हो।
कहा जा रहा है कि बीजेपी ने अकाली दल से गोल्डन टेंपल से बाहर आने वाली अलगाववादी भावनाओं को रोकने के लिए कहा होगा। सूत्रों की मानें तो इसके बदले में SAD अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर प्रस्ताव की कॉपी प्राप्त कर इसे मीडिया में रिलीज कर सकती थी ताकि मान सरकार को शर्मिंदा किया जा सके।
18 जुलाई 2006 का यह प्रस्ताव अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी जोगिंदर सिंह वेदांती द्वारा अनुमोदित है। इसके अनुसार, तीर्थ स्थान (गोल्डन टेंपल) में नारे लगाना और इंटरव्यू देना प्रतिबंधित है। यह प्रतिबंध तीर्थ स्थान परिसर के बाहर के एरिया पर लागू नहीं होता है।
हालांकि इस बीच सोमवार को जिला प्रशासन ने अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के पर्सनल असिसटेंट जसपाल सिंह द्वारा 15 मई को लिखे गए पत्र को पब्लिक कर दिया। इस पत्र में SGPC सेक्रेटरी से प्रस्ताव में कही गई बातों के पालन करवाने के लिए कहा गया था। खुद जसपाल सिंह ने पत्र की पुष्टि करते हुए निर्देशों को लागू करने के लिए "सामूहिक जिम्मेदारी" पर जोर दिया। हालांकि वह यह सवाल टाल गए कि अमृतसर जिला जिला प्रशासन ने पत्र क्यों जारी किया।