उत्तर प्रदेश: चंदौली लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष के आसार
आशुतोष तिवारी
इस बार लोकसभा चुनाव में जीत का ताज किसके सिर पर बंधेगा यह कहना कठिन है, बावजूद इसके यहां त्रिकोणीय संघर्ष प्रतीत हो रहे हैं। यहां तीनों प्रमुख दल (भाजपा, सपा और बसपा) पूरी मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। जनता के विचार और जातीय समीकरणों को देखा जाए तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष रहेगा। इसके तहत सपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह व बसपा प्रत्याशी सत्येंद्र कुमार मौर्य की टक्कर भाजपा के प्रत्याशी व निवर्तमान केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय से है।
चंदौली लोकसभा क्षेत्र में जिले की मुगलसराय, सकलडीहा एवं सैयदराजा तीन विधानसभा हैं। वहीं अजगरा तथा शिवपुर यह दो विधानसभा वाराणसी की है। इस प्रकार चंदौली क्षेत्र में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल है। पूरी लोकसभा में कुल 18 लाख 43 हजार 196 मतदाता हैं। जिसमें मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र में 416476, सकलडीहा विधानसभा क्षेत्र में 339498 तथा सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र में 338516 मतदाता हैं। वाराणसी के अजगरा विधानसभा क्षेत्र में 384534 एवं शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में 1843196 मतदाता हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डा महेंद्र नाथ पांडेय को 510733 मत मिले थे। वहीं सपा से संजय सिंह चौहान दूसरे स्थान पर थे, जिन्हें 496774 वोट मिले थे। 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के महेंद्र नाथ पांडेय ने बसपा के अनिल मौर्य को एक लाख से अधिक मतों से पराजित किया था। भाजपा की जीत का आंकड़ा देखा जाए तो 2014 से 2019 में काफी नीचे रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन से सपा उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। वहीं सत्येंद्र कुमार मौर्य बसपा के युवा प्रत्याशी हैं।
बता दें कि सपा से 2009 में चुनाव जीतने वाले रामकिशुन यादव तथा सपा से सैयदराजा के विधायक रहे मनोज सिंह डब्लू इस चुनाव में खुद टिकट लेने की तैयारी में थे। लेकिन दोनों लोगों में किसी को टिकट नहीं मिला। इसका असर चुनाव पर क्या पड़ेगा, यह परिणाम आने के बाद ही स्पष्ट होगा। इतना तो स्पष्ट हो गया है कि तीनों दलों के प्रत्याशी मजबूती से लड़ रहे हैं। इसलिए यहां त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं।