'अहंकारियों को 241 पर रोक दिया', BJP को लगे चुनावी झटके पर RSS ने बताया भगवान का न्याय
Lok Sabha Chunav 2024 Results: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बीजेपी पिछले चुनाव के मुकाबले नुकसान में है। पार्टी में आंतरिक तौर पर मंथन हो रहा है। वहीं इस मुद्दे पर RSS की तरफ से लगातार बयान सामने आ रहे हैं, जिसमें पार्टी के फैसलों पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस बीच आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने लोकसभा चुनाव नतीजों को भगवान राम का न्याय बताते हुए बीजेपी पर हमला बोला है।
इंद्रेश कुमार ने एक तरफ जहां सत्ताधारी दल बीजेपी को अहंकारी बताया है तो दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन इंडिया को राम विरोधी कहा है। इंद्रेश कुमार ने कहा है कि राम सबके साथ न्याय करते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए, जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अंहकार आ गया, तो उसे भगवान ने सबसे बड़ी पार्टी तो बना दिया लेकिन जो पूरे हक वाली बात थी, वह ताकत अहंकार के कारण रोक दी।
'विचित्र है प्रभु का न्याय'
वहीं विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को लेकर इंद्रेश कुमार ने कहा है कि जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी। सब मिलकर भी नंबर-1 नहीं बने। नंबर-2 पर खड़े रह गए। इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है। सत्य है। बड़ा आनंददायक है।
दरअसल, आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने जयपुर के पास कानोता में 'रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह' में अपने संबोधन के दौरान कहा कि इंद्रेश आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी हैं। हालांकि उन्होंने अपने बयान में किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर पक्ष-विपक्ष की तरफ संकेत दे रहा था।
बीजेपी और इंडिाय गठबंधन दोनों पर ही बोला हमला
इंद्रेश कुमार ने 240 सीट लाने पार्टी बीजेपी का अहंकारी बताया तो दूसरी ओर 234 सीटें पाने वाले इंडिया गठबंधन को राम विरोधी कहा। इंद्रेश कुमार ने कहा है कि भगवान राम भेदभाव नहीं करते और किसी को दंड भी नहीं देते हैं। राम किसी को विलाप नहीं कराते। राम सबको न्याय देते हैं, और वे ऐसे न्याय करते रहेंगे। भगवान राम हमेशा न्यायप्रिय हैं और न्यायप्रिय रहेंगे।
इसके अलावा इंद्रेश कुमार ने कहा कि भगवान राम ने लोगों की रक्षा की और रावण का भी भला किया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को लगे 63 सीटों के झटके के बाद लगातार RSS बीजेपी का काम करने के तरीके पर सवाल उठा रहा है। पिछले दिनों ही RSS चीफ मोहन भागवत ने मणिपुर की हिंसा से लेकर चुनाव में भाषाई मर्यादा बरतने को लेकर टिप्पणी की थी। साथ ही जनता की सेवा करने के गुर भी बताए थे।
इसके अलावा आरएसएस से लंबे वक्त तक जुड़े रहे राजनीतिक विश्लेषक रतन शारदा ने एक लेख में बीजेपी को लेकर सवाल खड़े किए थे।