मायावती ने आकाश आनंद को नेशनल कोओर्डिनेटर पद से हटाया, उत्तराधिकारी बनाने का फैसला भी वापस लिया
बीएसपी चीफ मायावती ने अपने भतीजे आकश आनंद को पार्टी के नेशनल कोओर्डिनेटर पद से हटा दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित करने का फैसला भी वापस ले लिया है। मायावती ने कहा है कि पूर्ण परिपक्तवता आने तक उन्हें दोनों जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।
मायावती ने सोशल मीडिया साइट X पर एक के बाद एक तीन पोस्ट कर अपने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।"
परिपक्व नहीं हैं आकाश आनंद?
दूसरे पोस्ट में आकाश आनंद को हटाने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता (maturity) आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।"
अगले पोस्ट में मायावती ने कहा,"इनके पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी जिम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेेंगेे। अतः बीएसपी का नेतृत्व पार्टी व मूवमेन्ट के हित में एवं बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के कारवाँ को आगे बढ़ाने में हर प्रकार का त्याग व कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटने वाला है।"
मायावती ने आकाश आनंद को क्यों हटाया?
लोकसभा चुनाव 2024 के बीच मायावती का आकाश आनंद को अपने 'उत्तराधिकारी' पद से हटाना वाकई चौंकाने वाला है। बीसपी की राजनीति को करीब से देखने वालों का मानना है कि 'बहनजी' अनुशासनहीनता पसंद नहीं करती है। आकाश आनंद द्वारा हाल में की गई रैलियों में कई ऐसा बयान दे चुके हैं जो आमतौर पर बसपा का कोई कार्यकर्ता नहीं देता है।
मायावती ने आकाश आनंद को पिछले दिसंबर में ही अपना 'उत्तराधिकारी' घोषित किया था लेकिन जब आकाश ने सीतापुर की चुनावी रैली में जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह बीएसपी सुप्रीमो को पसंद नहीं आया। आकाश आनंद ने अपने भाषण में कहा था, "यह सरकार बुलडोजर सरकार और गद्दारों की सरकार है। जो पार्टी अपने युवाओं को भूखा छोड़ती है और बुजुर्गों को गुलाम बनाती है वह आतंकवादी सरकार है।''
गौर करने वाली बात ये है कि मायावती ने आकाश आनंद से नाराजगी के संकेत पहले ही दे दिए थे। उन्होंने FIR दर्ज होने के बाद बिना कोई वजह बताए आकाश आनन्द के सभी प्रस्तावित कार्यक्रमों को रद्द कर दिया था। आपको बता दें कि आकाश आनन्द ने छह अप्रैल को नगीना लोकसभा सीट से अपनी पार्टी का अभियान शुरू किया था। बाद में, उन्होंने आगरा, बुलंदशहर, मथुरा, वाराणसी, गोरखपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़ और कौशांबी सहित पश्चिम और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई रैलियों को संबोधित किया।