ममता बनर्जी को मनाने में सफल हुई प्रियंका गांधी? वायनाड में करेंगी चुनाव प्रचार
लोकसभा चुनाव के पहले सीट शेयरिंग और बाद में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रवैए से नाराज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मनाने के लिए कांग्रेस कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। कांग्रेस जानती है कि पीएम मोदी (PM Modi) की लीडरशिप वाली सरकार को अगर चुनौती देनी है, तो ममता का साथ सबसे अहम होगा। ऐसे में ममता बनर्जी को मनाने के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को आगे किया गया है और वायनाड से उपचुनाव के दौरान ममता बनर्जी, प्रियंका के लिए चुनाव प्रचार कर सकती हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस ने नाराज टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से अनुरोध किया था कि वह वायनाड में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाधी वाड्रा के लिए चुनाव प्रचार करें। सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस का यह ऑफर स्वीकार कर लिया है। दिलचस्प बात यह है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को ममता बनर्जी ने सुझाव दिया था कि वह वाराणसी से चुनाव लड़ें।
पी चिदंबरम ने की ममता से मुलाकात
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम कोलकाता पहुंचे थे। यहां उन्होंने राज्य सचिवालय में ही ममता बनर्जी के साथ बैठक की थी, सूत्रों के मुताबिक चिदंबरम ने ही गांधी परिवार की ओर से ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार करने के लिए मनाया है। बताया जा रहा है कि ममता कांग्रेस से नाराज हैं और उन्होंने टीएमसी कांग्रेस गठबंधन की बातचीत टूटने के लिए विशेष रूप से राज्य पार्टी प्रमुख अधीर चौधरी को जिम्मेदार ठहराया है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी को लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ी जीत मिली है। पार्टी ने में से 29 सीटें हासिल कीं, पार्टी के दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी कांग्रेस को छोड़कर, विभिन्न मुद्दों पर उन्हें एक साथ लाने के लिए इंडिया गठबंधन के घटक सदस्यों से मिलने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं।
कांग्रेस के अलावा अन्य दलों से संपर्क
ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने दिल्ली में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की थी, इसके बाद वह आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा से मिले थे और उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए मुंबई भी गए थे।
खास बात यह भी है कि ममता बनर्जी के कांग्रेस में मुखर आलोचक रहे अधीर रंजन चौधरी ने अपना रुख नरम करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के साथ उनके मतभेद "पूरी तरह से राजनीतिक थे और व्यक्तिगत नहीं"। उन्होंने कोलकाता में प्रदेश कांग्रेस की दो दिवसीय आंतरिक बैठक के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी। इसे कांग्रेस के अंदर ममता के लिए डैमेज कंट्रोल करने के तौर पर देखा जा रहा है।