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Lok Sabha Elections: बीजेपी के लिए दूसरी 'कन्याकुमारी' साबित होगी तिरुनेलवेली लोकसभा सीट, जानें क्या है यहां का सियासी समीकरण

Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बीजेपी ने खास तैयारी की है। पार्टी इस बार कुछ खास सीटों पर फोकस कर रही है, जिनमें से एक तिरुनेलवेली सीट भी है।
Written by: अरुण जनार्दनन
नई दिल्ली | Updated: April 15, 2024 23:11 IST
lok sabha elections  बीजेपी के लिए दूसरी  कन्याकुमारी  साबित होगी तिरुनेलवेली लोकसभा सीट  जानें क्या है यहां का सियासी समीकरण
Lok Sabha Elections 2024: नैनर नागेंद्रन बीजेपी के टिकट पर लड़ रहे हैं चुनाव (सोर्स - सोशल मीडिया)
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Lok Sabha Elections: बीजेपी लोकसभा चुनाव को लेकर इस बार दक्षिण भारत में खास तैयारी कर रही है। पार्टी दक्षिण भारत के राज्यों की कुछ खास सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही है और उसे उम्मीद हैं कि उन सीटों पर उसे फायदा होगा। ऐसी ही एक सीट तिरुनेलवेली सीट है। इस सीट पर नादर और थेवर (मारावर सहित) जैसी प्रमुख ओबीसी जातियों के प्रभाव वाली सीट पर एससी/एसटी और मुस्लिम की भी भरमार है। तमिलनाडु में अपने पदचिह्न का विस्तार करने के लिए भाजपा विभिन्न जातियों को एकजुट करने का प्रयास कर रही है, जिससे इस सीट पर पार्टी में कमल खिलाने में सफल हो सके।

बीजेपी ने तिरुनेलवेली लोकसभा सीट से नैनार नागेंद्रन को प्रत्याशी बनाया है, जो कि एक पॉपुलर नेता हैं। वे पार्टी जाति और पार्टी की वफादारी से ऊपर उठकर वोट मांगते हैं। नागेंद्रन कहते हैं कि उनका टारगेट बीजेपी के लिए तिरुनेलवेली सीट को कन्याकुमारी साबित करना है, जहां पार्टी पहले चुनाव जीत चुकी है।

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कन्याकुमारी पार्टी की पहली ऐसी सीट है, जहां से उसने पूरी मजबूती के साथ जीत दर्ज की थी। नागेंद्रन की बात करें तो वे तीन बार के विधायक और होटल व्यवसायी हैं। वे 1980 के दशक के अंत में अन्नाद्रमुक में शामिल होने के बाद काफी तेजी से सफलता पाए थे। वे शीर्ष पद पर जे जयललिता की विश्वासपात्र वीके शशिकला के करीबी रहे हैं।

जयाललिता सरकार में बने थे मंत्री

बता दें कि नागेंद्रन ने साल 2001 में तिरुनेलवेली विधानसभा सीट से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद वे पूर्व सीएम जयललिता ने मंत्री बनाए गए थे और उन्हें बिजली, उद्योग और परिवहन जैसे विभाग दिए। 2016 में जयललिता की मृत्यु के बाद, नागेंद्रन अन्नाद्रमुक के दिशाहीन होने के दावा करके बीजेपी में शामिल हो गए थे। 2021 के विधानसभा चुनावों में वह अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन के अंतर्गत चुनाव लड़ते हुए बीजेपी के टिकट पर जीते थे। सदन के लिए चुने गए चार भाजपा उम्मीदवारों में से वह एक हैं। बीजेपी ने उन्हें पार्टी के विधायक दल का नेता तक बनाया था।

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तमिलनाडु भाजपा में के अन्नामलाई के उत्थान के बीच नागेंद्रन ने अपनी पकड़ बनाए रखी है। तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई एक तेजतर्रार पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं, दूसरी ओर नागेंद्रन भी जमीनी स्तर पर भी खूब प्रचार कर रहे हैं। नागेंद्रन एक ऐसी राजनीति में निपुण हो गए हैं जो सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के साथ क्षेत्रीय विकास के दृष्टिकोण को जोड़ती है।

मुस्लिम समुदाय को भी साधने की कोशिश

नागेंद्रन मुस्लिम समुदाय को भी लुभा रहे हैं और वादा कर रहे हैं कि अगर सीएए के तहत उनकी नागरिकतका चली गई तो वे एक एक शख्स को 1 करोड़ रुपये देंगे। उनका दावा है कि उन्हें मुस्लिम समर्थन मिलेगा और हर बूथ पर 20-30 प्रतिशत वोट मिलेगा। डीएमके के मंत्री ने कहा है कि हालांकि नागेंद्रन का अभियान जोरदार तरीके से शुरू हुआ, "वह दलित, अल्पसंख्यक और वाम दलों द्वारा समर्थित बड़े द्रमुक गठबंधन का मुकाबला नहीं कर सकते हैं। डीएमके सूत्रों के अनुसार पार्टी को पहले डर था कि तिरुनेलवेली उन सीटों में से एक हो सकती है जो वह हार सकती है, उसके नवीनतम सर्वेक्षणों से उसकी स्थिति में सुधार दिख रहा है।

साथ ही तिरुनेलवेली सीट पर जनता का रुख हमेशा ही सत्ता की ओर दिखता है। साल 2014 में AIADMK को जीत मिली थी और उस दौरान सीएम जयाललिता थीं। 2019 में DMK को जीत मिली थी।

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