लोकसभा चुनाव में अलग अंदाज से बीजेपी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को बनाया निशाना, चलाए सियासी तीर
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों ने एक दूसरे पर जमकर वार किया है। इस बार बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने अपने पिछले तरीकों में बदलाव करके कुछ नया करने की कुछ की कोशिश की है। बीजेपी ने कांग्रेस के घोषणापत्र को लेकर ही सियासी वार शुरू किया।
साल 2014 में जब पहली बार नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने उस चुनाव में भी बीजेपी ने सोशल मीडिया का भरपूर प्रयोग किया था। ऐसा माना जाता है कि बीजेपी की जीत की एक मजबूत कड़ी उसकी स्ट्रेटजी थी। वहीं पहली बार किसी राजनीतिक पार्टी के घोषणापत्र को चुनावी मुद्दा इस कदर मुद्दा बनाया गया था।
कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र 5 अप्रैल को जारी किया था। जिसके अगले ही दिन यानी 6 अप्रैल को बीजेपी का स्थापना दिवस है उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के अजमेर में रैली की। रैली में मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने झूठ का पुलिंदा तैयार किया है। इसको देखने के बाद कांग्रेस की सच्चाई सामने आ रही है। इससे ये भी साफ हो रहा है कि कांग्रेस की विचारधारा क्या है। कांग्रेस पार्टी ने जो घोषणापत्र जारी किया है उसमें वही झलक दिख रही है जो आजादी के समय मुस्लिम लीग में दिख रही थी।
उसी दिन यूपी के सहारनपुर में भी मोदी ने जनसभा को संबोधित किया। उस सभा में मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र पूरी तरह से तत्कालीन मुस्लिम लीग की छाप है। बाकि बचा हुए भाग को कम्युनिस्टों ने हथिया लिया है। इस मेनिफेस्टो के आधार पर कोई भी कांग्रेस को वोट नहीं देगा।
वहीं 26 अप्रैल को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम को पत्र लिखकर घोषणापत्र पर दिए गए बयान को लेकर स्पष्टीकरण मांगा। वहीं 26 अप्रैल को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर करारा वार किया। संभल में चुनावी सभा के दौरान योगी ने कहा, 'इन बेशर्मों को देखो, ये कैसे भारत की आस्था के साथ खेल रहे हैं। हम गाय को अपनी मां मानते हैं। उसकी पूजा करते हैं। उसे ये कसाइयों के पास काटने को देंगे। क्या भारत के लोग इसको स्वीकार करेंगे।'