Lok Sabha Election Result 2024: BJP को 39 सीट पर जनता ने नकारा, अखिलेश-राहुल की जोड़ी ने दिखाया दम, अयोध्या तक हार गई पार्टी
उत्तर प्रदेश में बीजेपी की ‘डबल इंजन’ की सरकार होने के बावजूद उसे 80 में से 39 सीट पर हार का मुंह देखना पड़ा है। यहां बड़े-बड़े सूरमाओं को प्रदेश की जनता ने जेठ के इस तपते महीने में चित कर दिया। अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी कांग्रेस के केएल शर्मा से चुनाव हार गईं। अयोध्या को समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से जीत लिया। प्रदेश में इस लोकसभा चुनाव में न धर्म और न तुष्टीकराण की रणनीति काम आई।
दरअसल, उत्तर प्रदेश की जनता पेपर लीक, बेरोजगारी और महंगाई जैसी समस्याओं से त्रस्त हो चुकी थी। लोगें को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की शक्ल में अपना बेहतर भविष्य नजर आया। परिणाम यह हुआ कि सपा प्रदेश की 39 लोकसभा सीट कांग्रेस के साथ जीतने में कामयाब रही।
नाराज कार्यकर्ताओं ने PM के आह्वान को किया नजरअंदाज
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश को गंभीरता से लेना बंद कर दिया था। पार्टी के कार्यकर्ताओं की सरकारी विभागों में कोई सुनवाई नहीं होती थी। ये वे कार्यकर्ता थे, जो सीधे जनता से जुड़े हुए थे। कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करना बीजेपी को भारी पड़ा। इस लोकसभा चुनाव के दौरान मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि बीजेपी के पन्ना प्रमुख साठ मतदाताओं से संपर्क करें और उन्हें मतदान के लिए प्रेरित करें। मगर, इसका कोई असर देखने को नहीं मिला।
वाराणसी में सिर्फ डेढ़ लाख मतों से जीत सके प्रधानमंत्री मोदी
उधर, राहुल गांधी और अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश में लगातार लोगों से जुड़ी समस्याओं की बात करते थे। पेपर लीक, बेरोजगारी और महंगाई के मसले पर राहुल गांधी, अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी ने प्रदेश के 53 फीसद युवाओं के दिल में अपनी अलग जगह बना ली, जिसका परिणाम सामने है। प्रदेश की जनता भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन की सरकार से किस कदर खफा थी, इसकी एक बानगी वाराणसी में देखने को मिली। यहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के प्रत्याशी अजय राय से सिर्फ डेढ़ लाख मतों के अतर से जीत पाए।
उत्तर प्रदेश की जनता ने 18वीं लोकसभा के चुनाव में मतदान कर राष्ट्रीय फलक पर अपनी ऐसी पहचान बनाई, जिससे इंडिया गठबंधन अभिभूत है। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की कैराना, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अयोध्या, अलीगढ़, फिरोजाबाद सीट जीत ली हैं। मैनपुरी से डिम्पल यादव ने जीत हासिल की है। ऐटा, आंवला, खीरी, धौरहरा, उन्नाव में भी सपा की तूती बोली। मोहनलालगंज सीट पर मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी से बुरी तरह पराजित हुए। सुल्तानपुर से मेनका गांधी हार गईं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि उत्तर प्रदेश की जनता ने अखिलेश यादव और राहुल गांधी को तवज्जो दी है। इन दोनों युवा नेताओं ने प्रदेश के युवाओं से बात की और उनसे जुड़े मुद्दे उठाए। इसी का नतीजा रहा कि इलाहाबाद, फूलपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, जौनपुर और मछलीशहर में सपा ने बीजेपी को परास्त कर दिया।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ने आए तो कहा गया कि उनके इस फैसले का असर उत्तर प्रदेश व बिहार की 120 सीट पर पड़ेगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दल 75 से 61 पर आ गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में जिस बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 351 सीटें मिली थीं, वो 2022 के विधानसभा चुनाव में सौ सीट का नुकसान झेल कर 251 पर अटक गई। इसके बाद भी बीजेपी को यह समझ नहीं आया कि प्रदेश की जनता का मोह उससे भंग हो रहा है।