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लोकसभा चुनाव में पहली बार हो रहा AI का इस्तेमाल, Deepfake से लेकर वॉयस क्लोनिंग के जरिए मतदाताओं को रिझाने की कोशिश

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए गए कंटेंट पार्टी या उम्मीदवार अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल करते हैं
Written by: न्यूज डेस्क | Edited By: shruti srivastava
नई दिल्ली | Updated: March 21, 2024 10:15 IST
प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर। फोटो- (इंडियन एक्‍सप्रेस)।
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चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 7 चरणों में पूरा चुनाव होगा। 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी। दूसरा चरण 26 अप्रैल, तीसरा 7 मई, चौथा चरण 13 मई, पांचवां 20 मई, छठवां 25 मई और सातवें चरण का मतदान 1 जून को होगा। वहीं, चुनाव परिणाम 4 जून 2024 को आएंगे। जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों के लिए मैदान गर्म होता जा रहा है, राजनीतिक दलों को एक नया हथियार मिल गया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और X जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ऐसा कंटेंट शेयर करना जो AI के माध्यम से बनाए जाते हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाए गए ये कंटेंट पार्टी या उम्मीदवार अपने प्रचार के लिए इस्तेमाल करते हैं या फिर अन्य उम्मीदवारों और विरोधियों का मजाक उड़ाने और वोटर्स को टारगेट मैसेज भेजने के लिए।

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इस चुनाव में बढ़ेगा AI का इस्तेमाल

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ DMK की एक शाखा द्वारा जनवरी में आयोजित एक सम्मेलन में द्रविड़ आइकन एम करुणानिधि अतिथि के रूप में उपस्थित थे। वह अपने ट्रेडमार्क काला धूप का चश्मा, सफेद शर्ट और एक पीले शॉल में बड़े पर्दे पर दिखाई दिए। करुणानिधि ने अपने बेटे एम के स्टालिन के नेतृत्व में राज्य में मौजूदा नेतृत्व की प्रशंसा की। जानकारी के लिए बता दें कि करुणानिधि का 2018 में निधन हो गया।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस चुनाव में एआई का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जाएगा। संभवतः वैसे ही जैसे 2014 के चुनावों में सोशल मीडिया एक निर्णायक कारक साबित हुआ था। हालांकि मतदाताओं की राय को बदलने में इस तकनीक का प्रभाव देखा जाना बाकी है। इस साल की शुरुआत से, भाजपा और कांग्रेस सहित राजनीतिक दलों ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर कई बार एआई के माध्यम से बनाया गया कंटेंट शेयर किया है। इन डीपफेक मीडिया का उद्देश्य साफ है, अपने प्रतिद्वंद्वी दलों के नेताओं का नाम खराब करना।

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वॉयस क्लोनिंग एंड पर्सनलाइज्ड टच

AI द्वारा तैयार किए गए उम्मीदवारों के वॉयस क्लोन का इस्तेमाल राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए टारगेट मैसेज भेजने के लिए किए जाने की उम्मीद है। इस साल का चुनाव लड़ रहे एक राजनेता ने कहा, “हम सभी कॉल ब्लास्ट के बारे में जानते हैं जिसमें उम्मीदवारों की ओर से पहले से रिकॉर्ड किया गया मैसेज होता है जिसमें आपसे उन्हें वोट देने का आग्रह किया जाता है। एआई के साथ अब आप उम्मीदवार को कॉल की शुरुआत में नाम से संबोधित करने के लिए भी कह सकते हैं। यह एक नया आयाम जोड़ता है जो एक उम्मीदवार अपने आउटरीच अभियान के दौरान पेश कर सकता है।”

AI पर लगाम लगाने की जरूरत

एक्सपर्ट्स ने मतदाताओं की धारणा को प्रभावित करने के लिए AI जेनरेटेड कंटेंट के इस्तेमाल के प्रति सावधानी बरतने और चुनाव आयोग से इस तकनीक के उपयोग से निपटने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने का आह्वान किया है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच के प्रमुख अनिल वर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "प्लेटफ़ॉर्म में वास्तविक समय की निगरानी प्रणाली नहीं होती है और जब तक ऐसा नहीं होता है, तब तक ऐसे कंटेंट को शामिल करना बहुत मुश्किल होगा। ऐसी चीज़ों को वायरल होने के लिए कुछ घंटे काफी हैं और जब तक आप इसका पता लगाएंगे, तब तक नुकसान हो चुका होगा।"

(Story by Soumyarendra Barik)

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Tags :
Artificial intelligenceElectionsLoksabha Electionलोकसभा चुनाव 2024
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