Lok Sabha Chunav: सियासी रण से दूर बृजभूषण लेकिन हर जगह दिख रहा 'दबदबा', पढ़िए ब्राह्मण बहुल्य कैसरगंज लोकसभा की ग्राउंड रिपोर्ट
भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोप और खिलाड़ियों द्वारा किए गए आंदोलन के चलते बीजेपी ने एक कदम पीछे लिया। पार्टी ने कैसरगंज सीट से बृजभूषण का टिकट काटकर उनके छोटे बेटे करण भूषण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। धर्मनगरी अयोध्या के पड़ोस की कैसरगंज सीट पर करण अपने पिता के दबदबे के दम पर चुनावी मैदान में हैं।
कैसरगंज में 5वें चरण के तहत 20 मई को वोटिंग होनी है और इसके चलते करण जोरदार चुनाव प्रचार कर रहे हैं। बृजभूषण शरण सिंह 5 बार बीजेपी और 1 बार समाजवादी पार्टी से सांसद रहे हैं, जो कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक बड़े ठाकुर नेता के तौर पर जाने जाते हैं। बृजभूषण 50 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों से सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं, जिनमें इंजीनियरिंग, फार्मेसी, शिक्षा, कानून और अन्य संस्थान शामिल हैं। इन सभी संस्थानों को उन्होंने बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, अयोध्या और श्रावस्ती जैसे जिलों में स्थापित किया था।
नामांकन में बेटे के साथ नहीं थे बृजभूषण
करणभूषण अपने पिता के बृजभूषण के सियासी रसूख के दम पर चुनावी रण में हैं, जबकि 3 मई को जब वो गोंडा में अपना नामांकन पत्र दाखिल करने गए तो उनके पिता उनके साथ नहीं थे, हालांकि उनके रोड शो में आई भीड़ के जरिए उन्होंने जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन किया था। इसके बाद बृजभूषण ने करण के लिए एक विशाल रैली की थी, जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी शामिल हुए थे।
रणनीति के तहत काम कर रहे बृजभूषण
बृजभूशण शरण सिंह की गैरमौजूदगी को लेकर स्थानीय बीजेपी सूत्र बताते हैं कि बृजभूषण पहले भी सार्वजनिक बैठकों को संबोधित करते रहे हैं, लेकिन करण की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद वह गोंडा में अपने घर पर डेरा डालकर पर्दे के पीछे से अपने बेटे के चुनावी कैंपेन को मैनेज कर रहे हैं। करण यूपी कुश्ती महासंघ के मुखिया हैं। वे कुश्ती और निशानेबाजी के काफी शौकीन हैं। भले ही बृजभूषण चुनावी कैंपेन से दूर हो लेकिन बेटे करण अपने भाषणों में पिता का जिक्र करते रहते हैं।
पिता का नाम लेकर वोट मांग रहे करण
हाल ही में पयागपुर विधानसभा की एक जनसभा में करण ने जनता के बीच कहा कि मैं आज आपके सामने एक बेटे, भतीजे या दोस्त की तरह खड़ा हूं। आपने 35 वर्षों तक मेरे पिता को अपना समर्थन और आशीर्वाद दिया है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं आपको उनकी कमी महसूस नहीं होने दूंगा। करण का पूरा कैंपेन ही अपने पिता के इर्द-गिर्द है।
क्या है कैसरगंज का जातिगत समीकरण
पयागपुर से बीजेपी के विधायक सुभाष त्रिपाठी ने हाल ही में कहा था कि जनता को न केवल बृजभूषण शरण सिंह बल्कि पीएम मोदी को ध्यान में रखकर ही वोट करना चाहिए। कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र के जातिगत समीकरणों की बात करें तो यह सीट ब्राह्मण बहुल्य मानी जाती है, जिनकी आबादी करीब 30 प्रतिशत तक है। इसके अलावा 20 प्रतिशत ठाकुर, 10 प्रतिशत कुर्मी, 10 प्रतिशत दलित और 15 प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स हैं।
कैसे मैनेज हो रहा चुनावी कैंपेन?
बृजभूषण के बारे में पूछे जाने पर करण के ही एक सपोर्टर ने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से प्रचार नहीं कर रहे हैं लेकिन वह पर्दे के पीछे से हर एक रणनीति बना रहे हैं, करण बस उनके नाम पर चुनावी मैदान में हैं। एक अन्य भाजपा कार्यकर्ता ने भी कहा कि बृजभूषण अपने घर से पूरा चुनावी कैंपेन मैनेज कर रहे हैं, इसके लिए वे कार्यकर्ताओं से भी मिलते हैं और सभी जरूरी बैठकों में भी भाग लेते हैं। बता दें कि बृजभूषण के बेटे प्रतीक गोंडा की ही सीट से विधायक भी हैं और वो भी चुनावी प्रचार में लगे हुए हैं।