Lok Sabha Chunav: 'दूसरा कोई कारण तो नहीं…' वरुण का टिकट कटने पर मेनका गांधी ने बताई असल वजह
Lok Sabha Chunav 2024 : पीलीभीत सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है, जहां से बीजेपी ने इस बार सीटिंग सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) का टिकट काट कर यूपी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) को प्रत्याशी बनाया था। इसको लेकर अब वरुण की मां और पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी (Maneka Gandhi) का बयान सामने आया है। मेनका ने बताया है कि आखिर वरुण गांधी का बीजेपी ने इस बार टिकट क्यों काटा है। इतना ही नहीं, मेनका ने यह भी कहा कि वो बिना चुनाव के भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।
दरअसल, न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में मेनका गांधी ने कहा कि पीलीभीत की सीट से वरुण गांधी को उम्मीदवार होना चाहिए, लेकिन पार्टी ने अलग फैसला किया, और बात बस इतनी सी है। ध्यान देने वाली बात यह है कि वरुण गांधी लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ बेरोजगारी से लेकर महंगाई पर सवाल उठाते रहे थे, जिसके चलते विपक्षी दल के नेताओं को बीजेपी पर सवाल उठाने में ज्यादा सहजता हुई।
क्यों छिना वरुण गांधी का टिकट
वरुण गांधी के टिकट कटने की वजह को पार्टी से बागी तेवर अपनाने का अंजाम समझा गया था। इस पर जब मेनका गांधी से सवाल किया गया तो पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'दूसरा तो कोई और कारण नजर नहीं आ रहा है।' मेनका गांधी ने कहा कि मुझे यकीन है कि वरुण लोकसभा चुनाव के टिकट के बिना भी अच्छा प्रदर्शन ही करेंगे।
बीजेपी की सुल्तानपुर से लोकसभा प्रत्याशी मेनका गांधी ने कहा कि वरुण सुल्तानपुर आकर पार्टी और उनके लिए प्रचार करेंगे या नहीं, इस पर अभी तक तो कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें वरुण गांधी का टिकट कटने पर बुरा लगा है। वरुण के सुल्तानपुर आकर भविष्य में राजनीति करने, या पीलीभीत में ही रहने को लेकर पूछे गए सवाल पर मेनका ने कहा कि पीलीभीत और भारत उनकी कर्मभूमि है, उन्हें सभी जगह काम करने दीजिए।
वरुण ने पीलीभीत की जनता के नाम लिखा था पत्र
बता दें कि पीलीभीत से टिकट कने के बाद वरुण गांधी ने पीलीभीत की जनता के नाम एक भावनात्मक लेटर जारी किया था। इसमें उन्होंने दावा किया था कि उनका पीलीभीत से रिश्ता आखिरी सांस तक बरकरार रहेगा। इस बार इस सीट पर यूपी के लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद को टिकट मिला है।
बता दें कि मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें मंत्री पद मिला था लेकिन दूसरी सरकार में वह मंत्री पद नहीं पा सकी थीं। इस बार मंत्री बनने पर उन्होंनें कहा कि अभी वह इस मुददे पर कोई निर्णय नहीं ले सकती हैं।