कमल नाथ के करीबी दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, बोले- बेटे ने छोड़ी पार्टी इसलिए कोई विकल्प नहीं
मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के करीबी सहयोगी दीपक के बेटे अजय सक्सेना कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा से 400 अन्य कांग्रेस सदस्यों के साथ भाजपा में शामिल हुए। इस दौरान दीपक सक्सेना ने कहा कि मुझे कमल नाथ से कोई दिक्कत नहीं है।
दीपक सक्सेना ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें कमल नाथ से कोई दिक्कत नहीं है, जिनके साथ वह चार दशकों से अधिक समय से जुड़े हुए हैं और उन्हें कांग्रेस छोड़नी पड़ी क्योंकि उनका बेटा भाजपा में शामिल हो गया। कमल नाथ को संबोधित पत्र में दीपक सक्सेना ने लिखा, "मुझ जैसे किसान पर विश्वास और मुझे सक्रिय राजनीति में शामिल करने और मुझे परिवार का हिस्सा मानने के लिए मैं हमेशा आपका ऋणी और आभारी रहूंगा।"
मेरा बेटा भाजपा में शामिल हो गया
पूर्व मंत्री ने कहा, ''मुझे कमल नाथ से कोई दिक्कत नहीं है। मेरा बेटा भाजपा में शामिल होना चाहता था और मैंने उसे यह निर्णय न लेने के लिए मनाने की कोशिश की। मुझे नहीं पता कि उन्होंने पार्टी क्यों छोड़ी।'' उन्होंने कहा, "लोग कह रहे थे कि पिता और पुत्र दो अलग-अलग पार्टियों में वोट मांग रहे हैं इसलिए मेरे पास कांग्रेस छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।"
अपने पत्र में दीपक ने लिखा, “आपने मुझे दो बार विधायक प्रतिनिधि भी नियुक्त किया जिसके लिए मैं सदैव आपका आभारी रहूंगा। मेरा परिवार सदैव आपका ऋणी रहेगा। वर्तमान परिस्थितियों में मैं अपनी ज़िम्मेदारियां नहीं निभा पाउंगा इसलिए मैं विधायक प्रतिनिधि के पद और संगठन के सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।”
2019 में छिंदवाड़ा विधायक पद से दिया था इस्तीफा
कमल नाथ को छिंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ने के लिए दीपक सक्सेना ने फरवरी 2019 में छिंदवाड़ा विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। जब कमल नाथ ने पहले लोकसभा से इस्तीफा दिया था तो ऐसी अटकलें थीं कि दीपक सक्सेना छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे लेकिन कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ को नामांकन मिला। सूत्र बताते हैं कि तभी से दीपक कांग्रेस में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
गुरुवार को छिंदवाड़ा में भाजपा में शामिल हुए 400 से अधिक लोगों के अलावा, हाल ही में रीवा, सतना शहडोल, अन्नुपुर और जबलपुर से 1,500 से अधिक मध्य प्रदेश कांग्रेस सदस्य सत्तारूढ़ पार्टी में शामिल हुए हैं।
अजय सक्सेना 400 कांग्रेस सदस्यों के साथ भाजपा में शामिल
भाजपा में शामिल हुए अजय सक्सेना और कांग्रेस पदाधिकारियों का मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने स्वागत किया। अजय के अलावा, कांग्रेस छोड़ने वालों में छिंदवाड़ा से महिला मोर्चा की राज्य सचिव सुहागवती सरेयम, जुन्नारदेव विधानसभा सीट के प्रभारी नरेंद्र सिंह ठाकुर, पार्टी की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के जिला प्रभारी आरिश खान, छिंदवाड़ा नगर निगम के पार्षद राम शर्मा और छिंदवाड़ा नगर निगम के अध्यक्ष चंद्रभान देवरे शामिल हैं।
कमलनाथ द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, छिंदवाड़ा के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद दीपक सक्सेना ने राजनीति में अपना करियर शुरू किया। बाद में उन्हें राज्य विधानमंडल के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुना गया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान वह दो बार मंत्री रहे। 2003 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी उन्हें फिर से छिंदवाड़ा से मैदान में उतारा गया।
मध्य प्रदेश कांग्रेस मुक्त हो रहा- नरोत्तम मिश्रा
बीजेपी की नई ज्वाइनिंग टीम के प्रदेश संयोजक नरोत्तम मिश्रा ने दावा किया कि हर दिन 200 से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। मिश्रा ने कहा, “कांग्रेस में स्थिति ऐसी हो गई है कि वे एक-दूसरे से चुनाव लड़ने के लिए कह रहे हैं। होली के बाद सदस्यता के संबंध में राज्य में एक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा।” उन्होंने दावा किया, “जितने कांग्रेस सदस्यों ने पूरे देश में पार्टी नहीं छोड़ी है, उससे अधिक लोगों ने अकेले मध्य प्रदेश से पार्टी छोड़ी है। मध्य प्रदेश कांग्रेस मुक्त हो रहा है।”