बीजेपी की नई रणनीति MP में कर सकती है कांग्रेस का बड़ा नुकसान, हर जिले में बनाई गई कमेटियां, कर रही यह काम
लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के लिए बीजेपी कई तरह की रणनीतियों पर काम कर रही है। बीजेपी न सिर्फ मोदी सरकार की योजनाओं पर वोट मांग रही है बल्कि वह रणनीति के तहत विपक्षी दलों को कमजोर करने का काम भी कर रही है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद अब बीजेपी कांग्रेस को और भी ज्यादा कमजोर करने में लगी है।
कैसे कांग्रेस को कमजोर कर रही है बीजेपी?
भोपाल नगर निगम के पूर्व पार्षद और कर्मठ बीजेपी कार्यकर्ता संजय वर्मा इन दिनों ऐसा काम कर रहे हैं, जिसके बारे में उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा होगा। इन दिनों संजय वर्मा का का ज्यादातर समय कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं से बातचीत में बीत रहा है।
द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, "मैंने भोपाल नगर निगम में 5 सालों तक काम किया है। आजकल मैं तय करता हूं कि कौन सा कांग्रेस कार्यकर्ता हमारी पार्टी में शामिल होगा। मैं नई जॉइनिंग कमेटी का मेंबर हूं और मैं यह तय करता हूं कि। कौन सा कांग्रेस नेता सच्चा राम भक्त थे और कौन अवसरवादी है जो हजारों की भीड़ में छिपने और हमारे रडार से बच निकलने की कोशिश कर रहा है।"
बीते दो महीनों में एमपी के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नेतृत्व वाली कमेटी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल करने में बिजी हैं। कमेटी द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 21 मार्च से अब तक 16,111 कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता के साथ-साथ समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के कई नेता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि होली के बाद मेंबरशिप के मामले गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेगा।
बीजेपी ने हर जिले में बनाई ज्वॉइनिंग कमेटी
एमपी के हर जिले में बीजेपी ने ज्वॉइनिंग कमेटी बनाई हुई है। हर कमेटी में एक सांसद, विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। ये कमेटी नामों की स्क्रीनिंग करती है, इसके बाद पैनल एक लिस्ट सीएम मोहन यादव, बीजेपी चीफ वीडी शर्मा और नरोत्तम मिश्रा की टीम को भेजता है। ये टीम इसपर निर्णय लेती है। बड़े विपक्षी नामों पर फैसला सेंट्रल लीडरशिप करती है।
कांग्रेस बोली- झूठ बोल रही है बीजेपी
हालांकि कांग्रेस से इस बारे में जब सवाल किया गया तो उसने बीजेपी द्वारा दिए गए आंकड़ों को सफेद झूठ करार दिया। एमपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया कहते हैं कि हमारे पास 90 लाख कार्यकर्ता हैं जो पार्टी की आधिकारिक सूची में हैं। बीजेपी अपने आंकड़ों को लेकर झूठ बोल रही है। हमारी संख्या के अनुसार, पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की वास्तविक संख्या लगभग 600 है। बीजेपी अपने छिपे हुए उद्देश्यों के लिए अपनी संख्या के बारे में झूठ बोल रही है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस ही बीजेपी का मुख्य विरोधी दल है। बीजेपी द्वारा दिए गए आंकड़े अगर सही हैं तो यह निश्चित ही कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी है। बीजेपी का दावा है कि उनके साथ शामिल होने वालों में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री, सात पूर्व विधायक और लगभग 2,000 ऐसे नेता शामिल हैं, जो जिला इकाई अध्यक्ष, महासचिव, आईटी सेल, महिला मोर्चा प्रमुख, प्रवक्ता, एक मौजूदा मेयर जैसे पदों पर थे। बीजेपी के अनुसार, कांग्रेस के लगभग 12,000 बूथ कार्यकर्ता दलबदल कर चुके हैं।
कमलनाथ की अफवाहें भी बीजेपी ने भुनाईं
संजय वर्मा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनका मेन फोकस बूथ लेवल वर्कर हैं। उन्होंने बताया, "कुछ हफ्ते पहले ऐसी अफवाहें थीं कि कमलनाथ BJP में शामिल होने वाले हैं। इसने हमारे पक्ष में काम किया क्योंकि कई नेताओं ने यह सोचकर कांग्रेस छोड़ दी कि वह शामिल होने जा रहे हैं। कमलनाथ के सभी प्रमुख नेता बीजेपी में हैं। मुख्य नेता भाजपा के साथ हैं। हम नई ज्वॉइनिंग कमेटी को बूथ स्तर तक डिसेंट्रलाइज करने जा रहे हैं। राज्य में 60 हजार बूथ हैं। अगर दो कार्यकर्ता भी कांग्रेस छोड़ेंगे तो 1.2 लाख कार्यकर्ता पार्टी छोड़ देंगे। मध्य प्रदेश में कांग्रेस का अंतत: सफाया हो जाएगा।"
एमपी के 55 जिलों में से 34 में बीजेपी को मिली अच्छी कामयाबी
बीजेपी पैनल के आंकड़ों को मानें तो एमपी के 55 जिलों में से 34 में कांग्रेस छोड़ने वालों की संख्या ज्यादा है। बीजेपी के आंकड़ों के अनुसार, शाजापुर (2,500), छिंदवाड़ा (2,111), नर्मदापुरम (1606), और विदिशा (1103) में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ी है। खास बात यह है इन जिलों में छिंदवाड़ा कमलनाथ का क्षेत्र जबकि अन्य इलाके बीजेपी का गढ़ हैं। यहां पार्टी 15 वर्षों से अधिक समय से सत्ता में है।
कांग्रेस की हालत के लिए कौन जिम्मेदार?
द इंडियन एक्सप्रेस ने कांग्रेस छोड़ने वाले कई नेताओं से बात की। उनमें से ज्यादातर ने पार्टी की इस हालत के लिए कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी को जिम्मेदार बताया। पूर्व विधायक विशाल पटेल ने कहा कि कांग्रेस में लीडरशिप और विजन का अभाव है। यहां रहने का क्या मतलब है? जीतू पटवारी को अध्यक्ष बनाना गलत कदम था। वह लोगों को साथ लेकर नहीं चलते।
एक अन्य युवा नेता कहते हैं कि बीजेपी ने वीडी शर्मा बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से मिलते हैं औऱ उनके साथ लंच करते हैं। पटवारी के साथ ऐसी मीटिंग्स संभव हीं हैं। कांग्रेस में काम करने का कल्चर नहीं बचा है। एमपी कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा कहते हैं कि पार्टी "शुद्धिकरण अभियान" से गुजर रही है और "सच्चे कांग्रेस सदस्य पीछे रह गए हैं, बीजेपी एक कूड़ेदान बन गई है जहां कांग्रेस का कचरा फेंका जा रहा है"।