scorecardresearch
For the best experience, open
https://m.jansatta.com
on your mobile browser.

मतदान: दिल्ली के युवाओं का ‘पहला’ वोट रोजगार के लिए होगा

इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से स्रातक कर रहीं मानवी प्रजापति ने कहा कि बेरोजगारी बेशक एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन देश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। नई शिक्षा नीति से कुछ हद तक सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी इसमें और सुधार की जरूरत है साथ ही शिक्षा भी महंगी होती जा रही है इस पर भी सोचने की जरूरत है।
Written by: सुशील राघव | Edited By: Bishwa Nath Jha
नई दिल्ली | Updated: May 25, 2024 12:55 IST
मतदान  दिल्ली के युवाओं का ‘पहला’ वोट रोजगार के लिए होगा
प्रतीकात्मक तस्वीर। फोटो -(इंडियन एक्सप्रेस)।
Advertisement

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के युवा लोकसभा चुनाव में अपने पहले वोट को लेकर खासा उत्साहित हैं। यहां के अधिकतर युवा अपना पहला वोट रोजगार के नाम पर देने के पक्ष में खड़े नजर आते हैं। अलावा शिक्षा व्यवस्था में सुधार और स्कूल-कालेजों की फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ भी वे अपना मत देंगे। वहीं, कुछ युवाओं का कहना है कि शहर में प्रदूषण व यातायात जाम एक बड़ी समस्या है और राजनेताओं को इसकी ओर भी ध्यान देना चाहिए।

Advertisement

दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, राजधानी में करीब ढाई लाख ऐसे मतदाता हैं, जो किसी भी चुनाव में पहली बार मतदान करेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्रातक कर रहे राशिद खान का कहना है कि वह पहली बार लोकसभा चुनाव में मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि जब वह अपने आसपास देखते हैं तो कई लोगों को स्थायी रोजगार नहीं मिल रहा है।

Advertisement

उन्हें डिलीवरी, मोटरसाइकिल कैब या शादियों में वेटर का काम करना पड़ रहा है। ऐसा नहीं है कि वे पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन उन्हें मजबूरी में इस तरह के काम करने पड़ रहे हैं। हमें ऐसी सरकार चाहिए जो बेरोजगारी की समस्या को कम करे। साथ ही उन्होंने कहा कि हिंदू-मुसलिम जैसे मुद्दों पर टिप्पणी करने से राजनेताओं को बचना चाहिए और उन्हें विकास के मुद्दों पर ही बात करनी चाहिए।

इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से स्रातक कर रहीं मानवी प्रजापति ने कहा कि बेरोजगारी बेशक एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन देश में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होना चाहिए। नई शिक्षा नीति से कुछ हद तक सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी इसमें और सुधार की जरूरत है। मानवी ने कहा कि देश में शिक्षा भी महंगी होती जा रही है। स्कूल-कालेजों की फीस आसमान छू रही है। ऐसे में आने वाले समय में शिक्षा गरीबों से दूर हो जाएगी। मानवी ने लोगों के हाथों में कुछ हजार रुपए देने की योजना की भी आलोचना की।

Advertisement

उन्होंने कहा कि इससे बेहतर है कि सरकार ऐसी योजनाएं बनाएं, जो हम जैसे युवाओं को प्रशिक्षित करे ताकि हम केवल नौकरी की ओर ही न देखें, बल्कि अपना व्यवसाय करने की भी सोचें। सचिन तिवारी दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल आफ ओपन लर्निंग (एसओएल) से स्रातक कर रहे हैं और एक दुकान पर नौकरी भी करते हैं। सचिन का कहना है कि नौकरी सभी को तो मिल नहीं सकती है, इसलिए युवाओं को अपना व्यवसाय करने के बारे में सोचना चाहिए।

Advertisement

मगर, यह तभी संभव है, जब शिक्षा को रोजगार से जोड़ा जाए और सरकार की ओर से युवाओं को विशेष तौर पर प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में प्रदूषण और सड़क पर लगने वाला जाम बड़ी समस्या बनती जा रही है। सरकार चुनने वालों को इन परेशानियों को भी ध्यान में रखकर मतदान करना चाहिए। सचिन कहते हैं कि वे पहली बार लोकसभा चुनाव में मतदान करने को लेकर बहुत उत्साहित हैं।

Advertisement
Tags :
Advertisement
Jansatta.com पर पढ़े ताज़ा एजुकेशन समाचार (Education News), लेटेस्ट हिंदी समाचार (Hindi News), बॉलीवुड, खेल, क्रिकेट, राजनीति, धर्म और शिक्षा से जुड़ी हर ख़बर। समय पर अपडेट और हिंदी ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए जनसत्ता की हिंदी समाचार ऐप डाउनलोड करके अपने समाचार अनुभव को बेहतर बनाएं ।
×
tlbr_img1 Shorts tlbr_img2 खेल tlbr_img3 LIVE TV tlbr_img4 फ़ोटो tlbr_img5 वीडियो