BJP ने अजित पवार पर फोड़ा हार का ठीकरा तो बचाव में उतरा शरद पवार गुट, क्या साथ आएंगे चाचा-भतीजे?
Maharashtra Politics: लोकसभा चुनाव 2024 में खराब नतीजों के चलते महाराष्ट्र में एनडीए में काफी उथल-पुथल की स्थिति है। बीजेपी और एनसीपी के बीच इस बात को लेकर घमासान जारी है कि किसके चलते, किसे नुकसान हुआ। आरएसएस नेता रतन शारदा के लेख के बाद बीजेपी के कुछ विधायकों ने भी अजित पवार पर सवाल उठाए थे। इन माथापच्ची के चलते सरकार के सभी घटक दल अलग-थलग हैं। इस बीच अजित पवार के पक्ष में शरद पवार गुट के एक नेता ने बयान दिया और कहा है कि बीजेपी अजित पवार को बलि का बकरा बना रही है।
अजित पवार द्वारा शरद पवार की पार्टी एनसीपी को हथियाने और राज्य में सत्ताधारी गठबंधन दल एनडीए में शामिल होने पर, चाचा भतीजे के रास्ते अलग हो गए थे लेकिन अब चुनाव के बाद जब अजित पवार का गुट कमजोर पड़ा है तो NDA में उनके खिलाफ सुर उठे। इसके चलते शरद पवार गुट उनके समर्थन में उतर आया। ऐसे में अब कयास हैं कि क्या अजित और शरद पवार एक साथ आ सकते हैं?
अजित पवार का शरद गुट ने किया बचाव
दरअसल, शरद पवार के पोते रोहित पवार ने एक्स पर लिखा कि बीजेपी की हार के लिए अजित पवार नहीं जिम्मेदार हैं, उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है, बीजेपी राज्य में त्रिकोणीय लड़ाई बनाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि बीजेपी को लगता है कि त्रिकोणीय लड़ाई में उसे फायदा हो सकता है।
इतना ही नहीं, शरद पवार गुट की एनसीपी के नेता जितेंद्र अव्हाड ने भी कुछ ऐसा ही कहा है। अव्हाड ने कहा कि एनडीए के खराब प्रदर्शन के लिए बीजेपी नेता ही जिम्मेदार हैं, उन्होंने संविधान बदलने का मुद्दा उठाया था, जिसके चलते दलितों और पिछड़ों में डर पैदा हो गया। बीजेपी ने अल्पसंख्यक समुदायों को भी निशाने पर लिया, जिसके चलते सभी एकजुट होकर वोट करने लगे। बीजेपी के नुकसान में अजित पवार ने तो पूरक की ही भूमिका निभाई है।
शिंदे गुट भी अजित पवार पर है हमलावर
गौरतलब है कि बीजेपी और आरएसएस के एक बड़े वर्ग का कहना था कि अजित पवार को साथ लेने से चीजें बिगड़ीं, जिसका नुकसान पूरे गठबंध को हुआ। संघ से जुड़ी पत्रिका ऑर्गनाइजर में छपे लेख के बाद तो बीजेपी और एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना के नेताओं ने भी खुलकर अजित पवार खेमे पर हमला बोला था।