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'गुंडागर्दी' के लिए कुख्यात रहा बिहार का ये इलाका, वोटर्स को थी NDA से उम्मीद लेकिन भ्रष्टाचार ने जख्मों पर छिड़का नमक

Lok Sabha Chunav 2024: पश्चिमी चंपारण के बगहा क्षेत्र के मतदाता लालफीताशाही और अफसरशाही को लेकर लगातार अपनी नाराजगी जाहिर करते हैं।
Written by: दीप्‍त‍िमान तिवारी
नई दिल्ली | May 20, 2024 17:31 IST
 गुंडागर्दी  के लिए कुख्यात रहा बिहार का ये इलाका  वोटर्स को थी nda से उम्मीद लेकिन भ्रष्टाचार ने जख्मों पर छिड़का नमक
आदिवासी समाज के बीच काफी पॉपुलर रहे CM नीतीश कुमार (सोर्स - एक्सप्रेस फोटो)
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Lok Sabha Chunav 2024 Bihar: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार की वाल्मिकीनगर और पश्चिमी चंपारण सीट पर 25 मई को छठवें चरण में वोटिंग होनी है। यह एक ऐसा इलाका है जो कि पहले गुंडागर्दी, डकैती और बड़े अपराधों के लिए कुख्यात था। वहीं आज इस क्षेत्र के आम जनमानस में अधिकारियों को लेकर गुस्सा है और वह ये उन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं।

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1980-90 के दशक का जिक्र करें तो बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा क्षेत्र में इतने अपहरण डकैती और हत्या के मामले सामने आते थे कि सरकार ने अपराध को कंट्रोल करने के लिए इसे पुलिसिया जिला घोषित कर दिया था। इस क्षेत्र की बात करें तो यह वाल्मिकी नगर टाइगर रिजर्व नेपाल तक और पश्चिम उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है। इसके चलते अपराधी आसानी से भागने में कामयाब भी हो जाते थे।

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नीतीश कुमार के सत्ता वापसी उठे सवाल

ऐसे में यहां मोतिहारी तक फैले जंगलों के किनारे रहने वाली एक महत्वपूर्ण आदिवासी माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर था। यहां कानून व्यवस्था की स्थिति तब सुधरी जब सत्ता में एनडीए के तहत नीतीश कुमार सत्ता में आए।

बगहा क्षेत्र में ही रहने वाले एक प्रद्युमन तिवारी कहते हैं कि उस समय कोई भी सूर्यास्त के बाद घर से बाहर नहीं निकलता था। हालांकि उन्होंने निवर्तमान सांसद सुनील कुशवाह को भी निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि जेडीयू ने न तो क्षेत्र का दौरा किया और न ही कोई काम किया है, लेकिन फिर भी कोई वो लालू राज का कुशासन नहीं चाहता है।

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भ्रष्टाचार को लेकर नाराजगी

कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए लोग कई मतदाता कुमार को श्रेय देते हैं, चंपारण में कई जाति समूहों में उनकी पॉपुलैरिटी कायम है। वहीं लालफीताशाही और जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार के प्रति लोग धैर्य खोते नजर आते हैं। इसको लेकर ओबीसी वर्ग के एक शख्स ने कहा कि पहले डाकू रात में आते थे, अब दिन में कुर्सी पर बैठकर डकैती करते हैं।

एक स्थानीय शख्स ने यह भी कहा कि यहां रिश्वत के बिना कोई भी काम नहीं कर सकता है। लोहे के गेट बनाने वाले प्रदीप पंडित भी इस बात से सहमत हैं और कहते हैं कि इस बार बदलाव का मूड है। नींबू बेचने वाले संतोष चौधरी कहते हैं कि मोदी मुफ्त राशन और आवास दे रहे हैं लेकिन एक किलो राशन कम मिलता है क्योंकि डीलर एक किलो रख लेता है। पक्के मकान वालों को आवास योजना का पैसा मिल रहा है क्योंकि वे रिश्वत दे सकते हैं। यह 20-30% पर तय है। वार्ड सदस्य किसी गरीब के घर के सामने आपकी तस्वीर खिंचवायेंगे और आपको पैसे देंगे।

उन्होंने कहा कि मोदी जी से देश सुरक्षित है, लेकिन स्थानीय भ्रष्टाचार से गरीब परेशान है। 2019 में वाल्मिकी नगर में कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। कांग्रेस प्रत्याशी जेडीयू प्रत्याशी से 22,000 वोटों से हार गई है। इस निर्वाचन क्षेत्र में ब्राह्मण, 2 लाख से ज्यादा हैं। इसके अलावा दो लाख आदिवासी, 2 लाख मुसलमान, 1 लाख के करीब यादव, 1 लाख के करीब दलित हैं। इस बार जदयू के सुनील कुशवाहा का मुकाबला राजद के दीपक यादव से है, जो एक स्थानीय चीनी मिल के मालिक हैं।

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