'लालू यादव के अत्याचारों की वजह से राजनीति में आया', सम्राट चौधरी बोले - मेरा घर गिराकर परिवार के 22 लोगों को भेज दिया था जेल
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की गिनती राज्य में बीजेपी के कद्दावर ओबीसी नेताओं में होती है। वह लगातार राजद पर हमले बोल रहे हैं। द इंडियन एक्सप्रेस के साथ एक इंटरव्यू में सम्राट चौधरी ने हाल ही में नवरात्रि की महीने में मछली खाने को लेकर शुरू हुए विवाद से लेकर बिहार में जातिगत सर्वे और अतीत में नीतीश कुमार की निंदा से जुड़े सवालों पर खुलकर बात की।
RJD नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्षी नेताओं की "सावन के महीने में मटन पकाने" और "नवरात्रि के दौरान मछली खाने" की आलोचना का उद्देश्य वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाना है...
सम्राट चौधरी- बिहार के लोग जानते हैं कि लालू प्रसाद जी चारा खाते हैं। वो सावन के महीने में मटन खा रहे थे और राहुल गांधी को भी खिला रहे थे। यह उन लोगों के लिए अस्मिता का सवाल है, जो सनातन धर्म में विश्वास रखते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि आज जो खाना चाहते हो इसकी आपको आजादी है लेकिन इस तरह सार्वजनिक रूप से सावन, राम नवमी या नवरात्रों पर मछली खाना... क्या ऐसा करना चाहिए? लालू जी का परिवार लोकतंत्र का मजाक बना रहा है। वो घोटालों से जुड़े रहे हैं और उनका पूरा परिवार भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है।
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस का घोषणापत्र औपनिवेशिक काल के मुस्लिम लीग के घोषणापत्र से मिलता जुलता है। विपक्ष का कहना है कि ये गंभीर मामलों से ध्यान भटकाने की जानबूझकर की गई कोशिश है।
हम इस पर पूरी तरह से क्लियर हैं। मोदी जी दस साल से प्रधानमंत्री हैं। देश के अल्पसंख्यकों ने उनका काम देखा है। ऐसा नहीं है कि किसी को देश छोड़ने के लिए कहा गया है। हम उन लोगों को बसाने की कोशिश कर रहे हैं जो विभाजन के बाद पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक बन गए क्योंकि वो हमारे लोग हैं। ठीक इसी समय में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद और अखिलेश यादव जैसे लोग तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं। लोग इसी से नाराज हैं।
विपक्ष ने जाति जनगणना की मांग की है और वादा किया है। नीतीश कुमार अब आपके साथ हैं तो, जाति जनगणना की मांग के बारे में बीजेपी का क्या कहना है?
बीजेपी का आधिकारिक स्टैंड है कि हम कास्ट सेंसस के खिलाफ नहीं हैं। हम इसे सपोर्ट करते हैं। यह कैसे किया जाएगा, यह समय आने पर पता चलेगा लेकिन बिहार में हमने यह किया है। नीतीश कुमार कैबिनेट में 29-30 मिनिस्टर्स में से 16 बीजेपी के थे। हमने मैंडेट दिया। नीतीश जी के निवेदन पर हमने इसे पास किया। इसमें तेजस्वी या लालू यादव कहां से आ गए। वो कहीं भी नहीं थे।
क्या आप कह रहे हैं कि पिछली बार जब नीतीश कुमार आपके साथ थे तो बीजेपी ने जाति सर्वेक्षण के कदम का समर्थन किया था?
मैं आपको तारीख बता रहा हूं। 20 जून 2022 को हम राज्य सरकार का हिस्सा थे। हमने इसे पास कर दिया था। वे (राजद) कहां थे? उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि ऐसा कोई फैसला लिया जा रहा है.
जब आप विपक्ष में थे तब आप नीतीश कुमार के कट्टर विरोधी थे...कहा जाता है कि आपने पगड़ी पहनना तब शुरू किया था जब आपने कसम खाई थी कि आप उन्हें सत्ता से हटाने के बाद ही इसे उतारेंगे।
जहां तक पगड़ी की बात है तो समय मिलते ही मैं इसे उतारकर भगवान राम के चरणों में रख दूंगा लेकिन यह स्पष्ट है कि जब तक नीतीश कुमार जी हमारे विरोधी थे, तब तक हम वैचारिक लड़ाई लड़ रहे थे। मैंने उनके साथ लंबे समय तक राजनीतिक रूप से काम किया है। 1995 में जब मैं राजनीति में आया तो इसकी वजह लालू प्रसाद जी का अत्याचार था। मेरे घर गिरा दिए गए और मेरे परिवार के 22 लोगों को जेल भेज दिया गया। मैं 88 दिनों तक जेल में था। मुझे लालू प्रसाद जी के सरकारी गुंडों से हजारों लाठियां खानी पड़ीं। मैंने पटना के मिलर स्कूल मैदान में लालू प्रसाद जी से माफ़ी भी मंगवाई।
आपको बिहार में बीजेपी का उभरता हुआ चेहरा कहा जाता है। इसपर क्या कहेंगे?
मैं एक छोटा राजनैतिक कार्यकर्ता हूं लेकिन मैं लंबे समय से काम कर रहा हूं। सियासी रूप से बीजेपी हर किसी को मौका देती है। बीजेपी ने मुझे कई बार मौके भी दिए हैं। ये अपने आप में मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। मैं अपने भविष्य के बारे में सपने नहीं देखता लेकिन मेरा सपना है कि बिहार विकसित बने। बीजेपी ने मुझे विपक्ष का नेता, मंत्री और पार्टी अध्यक्ष भी बनाया।